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फतेहपुर: नौसेना जवान का पार्थिव शरीर पहुंचा घर, अंतिम विदाई देने उमड़ी भीड़ - शहीद जवान को अंतिम विदाई

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के रहने वाले नौसेना के जवान दीपक सिंह का पार्थिव शरीर बुधवार को पैतृक गांव गोकुलपुर लाया गया. इस दौरान शहीद जवान के अंतिम दर्शन के लिए जन सैलाब उमड़ पड़ा.

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नौसेना के जवान दीपक सिंह
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Published : Sep 23, 2020, 6:45 PM IST

फतेहपुर: जिले के धाता थाना क्षेत्र निवासी भारतीय नौसेना के जवान का पार्थिव शरीर 11 दिन बाद 23 सितंबर बुधवार को गोकुलपुर गांव स्थित घर पर पहुंचा. शहीद जवान दीपक सिंह के अंतिम दर्शन को जन सैलाब उमड़ पड़ा. वर्तमान में जवान दीपक सिंह की तैनाती विशाखापट्टनम में थी.

जानकारी के अनुसार, धाता क्षेत्र अंतर्गत आने वाले गोकुलपुर गांव निवासी यशवंत सिंह का इकलौता पुत्र दीपक सिंह भारतीय नौसेना में तैनात थे. विगत 8 सितंबर को पिता से फोन पर हुई बातचीत में शहीद ने बताया था कि वह सैन्य प्रशिक्षण के लिए रूस जा रहे हैं. इसके बाद 13 सितम्बर को नौसेना कार्यालय से आई फोन कॉल से परिवार के होश उड़ गए. कार्यालय से मिली जानकारी में पता चला कि उनके बेटे की ड्यूटी के दौरान मौत हो गई है, जिसके बाद पार्थिव शरीर घर भिजवाने की बात कहकर फोन काट दिया गया.

जवान की शहादत की खबर से परिजनों के पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा, जिसके बाद वे अपने कलेजे के टुकड़े के अंतिम दर्शन का इंतजार करने लगे. इस मामले में मिर्जापुर सांसद अनुप्रिया पटेल ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से शहीद की मौत की जांच एवं पार्थिव शरीर जल्द घर भिजवाने का आग्रह किया था.

शहीद के बहनोई यशवंत सिंह ने बताया था कि कार्यालय से पहले 18 फिर 21 और अब 23 सितंबर को पार्थिव शरीर भेजने की बात कही गई थी, जिसके बाद 23 सितंबर बुधवार को शहीद दीपक सिंह का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचा. इस दौरान शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए इलाके के सैकड़ों लोग पहुंचे.

फतेहपुर: जिले के धाता थाना क्षेत्र निवासी भारतीय नौसेना के जवान का पार्थिव शरीर 11 दिन बाद 23 सितंबर बुधवार को गोकुलपुर गांव स्थित घर पर पहुंचा. शहीद जवान दीपक सिंह के अंतिम दर्शन को जन सैलाब उमड़ पड़ा. वर्तमान में जवान दीपक सिंह की तैनाती विशाखापट्टनम में थी.

जानकारी के अनुसार, धाता क्षेत्र अंतर्गत आने वाले गोकुलपुर गांव निवासी यशवंत सिंह का इकलौता पुत्र दीपक सिंह भारतीय नौसेना में तैनात थे. विगत 8 सितंबर को पिता से फोन पर हुई बातचीत में शहीद ने बताया था कि वह सैन्य प्रशिक्षण के लिए रूस जा रहे हैं. इसके बाद 13 सितम्बर को नौसेना कार्यालय से आई फोन कॉल से परिवार के होश उड़ गए. कार्यालय से मिली जानकारी में पता चला कि उनके बेटे की ड्यूटी के दौरान मौत हो गई है, जिसके बाद पार्थिव शरीर घर भिजवाने की बात कहकर फोन काट दिया गया.

जवान की शहादत की खबर से परिजनों के पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा, जिसके बाद वे अपने कलेजे के टुकड़े के अंतिम दर्शन का इंतजार करने लगे. इस मामले में मिर्जापुर सांसद अनुप्रिया पटेल ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से शहीद की मौत की जांच एवं पार्थिव शरीर जल्द घर भिजवाने का आग्रह किया था.

शहीद के बहनोई यशवंत सिंह ने बताया था कि कार्यालय से पहले 18 फिर 21 और अब 23 सितंबर को पार्थिव शरीर भेजने की बात कही गई थी, जिसके बाद 23 सितंबर बुधवार को शहीद दीपक सिंह का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचा. इस दौरान शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए इलाके के सैकड़ों लोग पहुंचे.

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