ETV Bharat / state

इस गोशाला में कब्र का पहले से इंतजाम, यहां बगैर डीएम परमिशन नहीं मिलती इंट्री

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में गोशालाओं में रह रहे गोवंशों की हालत अच्छी नहीं है. ऐसे में गोवंशों की मौत होना स्वाभाविक है. गोशाला में पहले से कई गड्ढे खुदे हैं. आशंका है कि इनमें मृत गोवंशों को तत्काल गाड़ दिया जाता है. यहां गोशाला पर सिर्फ डीएम की परमिशन पर ही प्रवेश मिलता है.

etv bharat
गोवंशों की हालत नहीं है सही.
author img

By

Published : Jan 5, 2020, 5:16 PM IST

Updated : Jan 5, 2020, 5:24 PM IST

फतेहपुर: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद किसानों के लिए अन्ना जानवर परेशानी का सबब बन गए हैं. अन्ना गोवंश से किसानों को राहत देने के लिए प्रदेश में गोशालाओं का निर्माण किया गया है, लेकिन इन गोशालाओं में गोवंश की स्थिति दयनीय हो गई है. आए दिन प्रदेश के हर कोने से गोवंशों के मरने की सूचना मिलती रहती है.

गोवंशों की हालत नहीं है सही.

बिन कोट घूम रहे गोवंश
ठंड की शुरुआत में सरकार ने गोवंश को कोट पहनाने की योजना बनाई, लेकिन अभी तक समुचित तरीके से छत के लिए शेड नहीं बन पाए हैं. फतेहपुर जिले के रारा चांदपुर गोशाला में इस ठंड के समय गाय बिना कोट के बाहर टहल रहीं हैं. इन्हें कोट तो दूर जुट की बोरी तक से नहीं ढका गया था. गोवंश किसी तरह गोशालाओं में रह रहीं हैं. ऐसे में इनके मरने की घटना कोई बड़ी बात नहीं है.

गोशाला में जाने से किया मना
जिले में ठंड में गोशालाओं की स्थिति क्या है. यह जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम भिटौरा ब्लाक के रारा चांदपुर गोशाला पहुंची. वहां के चौकीदार ने डीएम का परमिशन मांगते हुए अंदर जाने से मना कर दिया. उसने बताया कि हम लोगों को मना किया गया है किसी भी पत्रकार को अंदर नहीं जाने देना है. जब गोशाला के बारे में पूछा गया तो चौकीदार ने बताया कि हम लोगों से जितना हो सकता है करते हैं, बताइए 30 रुपए में क्या होगा.

तीन शेड में दो पैक, एक खुला
एक गाय पर 30 रुपये प्रतिदिन मिलते हैं. इसमें किसी तरह से काम चल रहा है. गोशाला की स्थिति कुछ अजीब सी थी. रारा चांदपुर गौशाला में 300 गायों के रहने के लिए तीन टिन शेड बने हैं, जिसमें से दो चारो तरफ से पैक हैं. वहीं एक शेड खुला है. गोशाला के एक कोने में स्थाई रूप से गड्ढा खोदकर रखा गया है. यहां कुत्ते भटक रहे थे, जिससे साफ जाहिर हो गया कि यहां पर मरने वाले गोवंश को तुरंत दफना दिया जाता है, जिससे गोवंशों के मरने की जानकारी बाहरी व्यक्ति को न हो.

मजदूरों को देना पड़ रहा रुपया
गोशाला के व्यवस्था की देखरेख कर रहे ग्राम प्रधान मानसिंह ने बताया कि जो हमारे द्वारा किया जा सकता है. वह हम करते हैं. पहले मजदूरों को पैसा मनरेगा से मिलता था, लेकिन अब इसी में किसी प्रकार से दिया जा रहा है. एक गाय पर 30 रुपया आता है, उसमें पूरा काम करना कठिन है. हम लोग किसी प्रकार जो हो सकता है कर रहें हैं.

इसे भी पढ़ें- कानून के विरोध के नाम पर जनता को भड़का रहा विपक्ष: डॉ. विजय सोनकर शास्त्री

फतेहपुर: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद किसानों के लिए अन्ना जानवर परेशानी का सबब बन गए हैं. अन्ना गोवंश से किसानों को राहत देने के लिए प्रदेश में गोशालाओं का निर्माण किया गया है, लेकिन इन गोशालाओं में गोवंश की स्थिति दयनीय हो गई है. आए दिन प्रदेश के हर कोने से गोवंशों के मरने की सूचना मिलती रहती है.

गोवंशों की हालत नहीं है सही.

बिन कोट घूम रहे गोवंश
ठंड की शुरुआत में सरकार ने गोवंश को कोट पहनाने की योजना बनाई, लेकिन अभी तक समुचित तरीके से छत के लिए शेड नहीं बन पाए हैं. फतेहपुर जिले के रारा चांदपुर गोशाला में इस ठंड के समय गाय बिना कोट के बाहर टहल रहीं हैं. इन्हें कोट तो दूर जुट की बोरी तक से नहीं ढका गया था. गोवंश किसी तरह गोशालाओं में रह रहीं हैं. ऐसे में इनके मरने की घटना कोई बड़ी बात नहीं है.

गोशाला में जाने से किया मना
जिले में ठंड में गोशालाओं की स्थिति क्या है. यह जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम भिटौरा ब्लाक के रारा चांदपुर गोशाला पहुंची. वहां के चौकीदार ने डीएम का परमिशन मांगते हुए अंदर जाने से मना कर दिया. उसने बताया कि हम लोगों को मना किया गया है किसी भी पत्रकार को अंदर नहीं जाने देना है. जब गोशाला के बारे में पूछा गया तो चौकीदार ने बताया कि हम लोगों से जितना हो सकता है करते हैं, बताइए 30 रुपए में क्या होगा.

तीन शेड में दो पैक, एक खुला
एक गाय पर 30 रुपये प्रतिदिन मिलते हैं. इसमें किसी तरह से काम चल रहा है. गोशाला की स्थिति कुछ अजीब सी थी. रारा चांदपुर गौशाला में 300 गायों के रहने के लिए तीन टिन शेड बने हैं, जिसमें से दो चारो तरफ से पैक हैं. वहीं एक शेड खुला है. गोशाला के एक कोने में स्थाई रूप से गड्ढा खोदकर रखा गया है. यहां कुत्ते भटक रहे थे, जिससे साफ जाहिर हो गया कि यहां पर मरने वाले गोवंश को तुरंत दफना दिया जाता है, जिससे गोवंशों के मरने की जानकारी बाहरी व्यक्ति को न हो.

मजदूरों को देना पड़ रहा रुपया
गोशाला के व्यवस्था की देखरेख कर रहे ग्राम प्रधान मानसिंह ने बताया कि जो हमारे द्वारा किया जा सकता है. वह हम करते हैं. पहले मजदूरों को पैसा मनरेगा से मिलता था, लेकिन अब इसी में किसी प्रकार से दिया जा रहा है. एक गाय पर 30 रुपया आता है, उसमें पूरा काम करना कठिन है. हम लोग किसी प्रकार जो हो सकता है कर रहें हैं.

इसे भी पढ़ें- कानून के विरोध के नाम पर जनता को भड़का रहा विपक्ष: डॉ. विजय सोनकर शास्त्री

Intro:फतेहपुर- उत्तर प्रदेश में आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद किसानों के लिए अन्ना जानवर परेशानी का सबब बन गए हैं। अन्ना गौवंश के किसानों को राहत के लिए प्रदेश में गौशालाओं का निर्माण किया गया है। लेकिन इन गौशालाओं में गौवंश की स्थिति दयनीय हो गई है। आए दिन प्रदेश के हर कोने से गायों के मरने की खबर आती रहती है। ठंड के शुरुआत में सरकार ने गौवंश को कोट पहनाने की योजना बनाई थी लेकिन अभी तक समुचित तरिके से सेड नही बन पाया है। फतेहपुर जिले के रारा चांदपुर गौशाला में इस ठंड के समय गाय इसी तरह बाहर टहल रहीं थी इन्हें कोट तो दूर जुट की बोरी तक नही ढका गया है। किसी तरह गौशालाओं में गौवंश रह रहीं हैं ऐसे में इनके मरने की घटना कोई बड़ी बात नही है।


Body:फतेहपुर जिले में ठंड में गौशालाओं की स्थिति क्या है यह जानने के लिए जब ETV भारत की टीम भिटौरा ब्लाक के रारा चांदपुर गौशाला पहुंची तो चौकीदार ने डीएम का परमिशन मांगते हुए अंदर जाने से मना कर दिया। उसने बताया कि हम लोगो को मना किया गया है किसी भी पत्रकार को अंदर नही जाना है। जब गौशाला के बारे में पूछा गया तो चौकीदार ने बताया कि हम लोगो से जितना हो सकता है करते हैं। बताइए 30 रुपए में क्या होगा। एक गाय पर 30 रुपए प्रतिदिन के लिए आता है इसमें किसी तरह से काम चल रहा है। गौशाला की स्थिति कुछ अजीब सी थी रारा चांदपुर गौशाला में 300 सौ गायों के रहने के लिए तीन टिन सेड बने हैं जिसमें से दो चारो तरफ से पैक है जिससे ठंड रुक सके एक खुला है। गौशाला के एक कोने में स्थाई रूप से गद्दा खोदकर रखा गया है। यहां कुत्ते भटक रहें थे इससे साफ जाहिर हो गया कि यहां पर मरने वाले गौवंश को तुरंत दफना दिया जाता है। जिससे गायों के मरने की जानकारी बाहरी व्यक्ति को न हो। गौशाला के व्यवस्था की देखरेख कर रहे ग्राम प्रधान मानसिंह ने बताया कि जो हमारे द्वारा किया जा सकता है करता हूँ। पहले मजदूरों को पैसा मनरेगा से मिलता था। लेकिन अब इसी में किसी प्रकार से दिया जा रहा है। एक गाय पर 30 रुपया आता है उसमें करना कठिन है। हम लोग किसी प्रकार जो हो सकता है कर रहें हैं।


Conclusion:बॉइट- 1 चौकीदार 2 मानसिंह ग्राम प्रधान अभिषेक सिंह फतेहपुर 9121293017
Last Updated : Jan 5, 2020, 5:24 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.