फतेहपुर: सरकार की ओर से रियायतों के साथ भले ही अनलॉक-1 के माध्यम से जनजीवन सामान्य करने की कोशिश की गई हो, लेकिन कोरोना संक्रमण का खतरा लगातार बना हुआ है. इसकी वजह से देशव्यापी तालाबंदी के दौरान घर लौटे मजदूर अभी घर पर ही बने हुए हैं. ऐसे में इन्हें दो वक्त की रोटी मिलती रहे, इसके लिए सरकार भरसक प्रयास कर रही है. मनरेगा, नहर विभाग, पीडब्ल्यूडी सहित करीब 26 विभागों को इन्हें रोजगार देने की जिम्मेदारी दी गई है.
सरकार चला रही पौधरोपण अभियान
कम हो रहे वन क्षेत्रों और नीचे खिसकते जल स्तर को सुधारने के लिए प्रदेश में सरकार की तरफ से वृहद पौधरोपण अभियान चलाया जा रहा है. जनपद में प्रवासी मजदूरों से लगभग 19 लाख पौधे रोपित कराए जाएंगे. इसके तहत गिरते जल स्तर में सुधार तो होगा ही, साथ ही प्रवासी मजदूरों को काम भी मिल सकेगा. यह वृक्ष मनरेगा जॉब कार्ड धारक अपनी भूमिधर, खेतों की मेड़ों आदि पर लगा सकेंगे. अच्छी बात यह है कि वृक्ष तैयार करने का खर्च सरकार देगी, लेकिन वृक्ष का मालिक स्वयं वृक्ष लगाने वाला प्रवासी मजदूर ही होगा.
बाहर से लौटे प्रवासी मजदूर देव नारायण ने कहा कि वृक्षारोपण के बदले पारिश्रमिक मिलने की योजना से लोगों में पर्यावरण व वृक्षारोपण के प्रति जागरूकता आएगी. साथ ही वृक्षारोपण का दायरा भी बढ़ेगा और लोगों को रोजगार भी मिल जाएगा.
मजदूरों का हो रहा सर्वे
मुख्य विकास अधिकारी सत्य प्रकाश ने बताया कि प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत कई प्रकार से कार्य दिया जा रहा है, जिसमें वृक्षारोपण भी एक अंग है. हम जनपद में 19 लाख गड्ढे खुदवाने का कार्य कर रहे हैं, जिसमें 8 लाख गढ्ढे खोदे जा चुके हैं. हम लोग प्रवासी मजदूरों का सर्वे कर रहे हैं, 34 हजार मजदूरों का सर्वे किया जा चुका है. चारागाह आदि की अवैध कब्जे वाली जमीन खाली कराई जाएगी और उस पर वृक्षारोपण किया जा जाएगा. राजस्व विभाग की सहायता से क्लस्टर विधि से गड्ढे खोदे जा रहे हैं, ताकि अधिक से अधिक पौधे तैयार हो सकें और बागान के रूप में विकसित हो सके.