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फतेहपुर: बच्चों को निःशुल्क वितरण करने के बजाय कबाड़ में बेची जा रही किताबें - yogi govt

खागा तहसील के धाता बीआरसी में बच्चों को दी जाने वाली किताबों को कबाड़ी में बेचने का मामला सामने आया है. इस पर जिम्मेदार जांच कराने के बाद कार्रवाई करने की बात कर रहे हैं.

कबाड़ में बेची जा रही किताबें.
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Published : Jul 5, 2019, 11:49 PM IST

फतेहपुर: सरकार सर्व शिक्षा अभियान के तहत पढ़ाई के लिए करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा रही है, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है. सरकारी विद्यालयों में मुफ्त में ड्रेस से लेकर भोजन और किताबें तक दी जाती हैं, लेकिन सरकार की इस मुहीम को उन्हीं के अधिकारी चूना लगाने में जुटे हैं. ऐसा मामला जनपद के खागा तहसील में देखने को मिला.

कबाड़ में बेची जा रही किताबें.
जानें पूरा मामला-
  • मामला फतेहपुर की खागा तहसील के धाता बीआरसी का है.
  • यहां बच्चों को दी जाने वाली किताबों को बीआरसी के कर्मचारियों ने कबाड़ी में बेंच दिया.
  • यह किताबें साल 2016-17 और 2018 की हैं.
  • वहीं जिम्मेदार इस पर जांच कराने के बाद कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं.

किताबों को कबाड़ी में बेचने का मामला संज्ञान में आया है. यह अत्यंत ही गंभीर मामला है. कोई भी इस तरह से पुरानी किताब नहीं बेच सकता. जांच कराया जा रहा है. संबंधित खंड अधिकारी पर कार्रवाई किया जाएगा.
- शिवेंद्र प्रताप सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी

फतेहपुर: सरकार सर्व शिक्षा अभियान के तहत पढ़ाई के लिए करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा रही है, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है. सरकारी विद्यालयों में मुफ्त में ड्रेस से लेकर भोजन और किताबें तक दी जाती हैं, लेकिन सरकार की इस मुहीम को उन्हीं के अधिकारी चूना लगाने में जुटे हैं. ऐसा मामला जनपद के खागा तहसील में देखने को मिला.

कबाड़ में बेची जा रही किताबें.
जानें पूरा मामला-
  • मामला फतेहपुर की खागा तहसील के धाता बीआरसी का है.
  • यहां बच्चों को दी जाने वाली किताबों को बीआरसी के कर्मचारियों ने कबाड़ी में बेंच दिया.
  • यह किताबें साल 2016-17 और 2018 की हैं.
  • वहीं जिम्मेदार इस पर जांच कराने के बाद कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं.

किताबों को कबाड़ी में बेचने का मामला संज्ञान में आया है. यह अत्यंत ही गंभीर मामला है. कोई भी इस तरह से पुरानी किताब नहीं बेच सकता. जांच कराया जा रहा है. संबंधित खंड अधिकारी पर कार्रवाई किया जाएगा.
- शिवेंद्र प्रताप सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी

Intro: सरकार सर्व शिक्षा अभियान के तहत पढ़ाई के लिए लाखों करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा रही है...प्राईमरी और जूनियर के सरकारी विद्यालयों में मुफ्त में ड्रस से लेकर भोजन और किताबें तक दी जाती है...लेकिन सरकार की इस मुहीम को उसी के नुमाईंदे चूना लगाने में जुटे हैं...मामला फतेहपुर की खागा तहसील के धाता बीआरसी का है...जहां बच्चों को पढ़ाने के लिए दी जाने वाली किताबों को बीआरसी के कर्मचारियों ने कबाड़ी के हाथों बेंच दिया..Body:.बतादें कि ये किताबें साल 2016-17 और 2018 की हैं...पोल तक तब खुल गई जब कबाड़ी की दुकान में तैलते वक्त तस्वीरें कैमरे में कैद होते ही पूरी मामला खुलकर सामने आ गया...और जिम्मेदार जांच कराने के बाद कार्रवाई करने की बात करने लगे...सवाल उठता है कि अगर सरकार करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा रही है...तो क्या बच्चों को दी जाने वाली किताबों पूरी तरह से बांटी तक नहीं जा रही है...क्यों कि अगर किताबें बांटी जाती तो ये किताबें कहां से आ जाती...बतादें कि किताबें बीआरसी से बाकायदा ट्रैक्टर पर लादाकर कबाड़ी की दुकान पर भेजी गई थी...ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों पर कोई कार्रवाई होगी...या फिर सब ठंडे बस्ते में चला जाएगा।

Conclusion:बीएसए शिवेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि किताबो को कबाड़ी में बेचने का मामला संज्ञान में आया है। यह अत्यंत ही गम्भीर मामला है कोई भी इस तरह से पुरानी किताब भी नही बेच सकता। जांच कराया जा रहा है सम्बन्धित खण्ड अधिकारी पर कार्यवाही किया जाएगा।
बाईट- शिवेंद्र प्रताप सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी, फतेहपुर
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