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फतेहपुर: कैदियों की उगाई लौकी यूपी में नं.1 - जेल बंदियों द्वारा उपजाई गई लौकी

यूपी के फतेहपुर में जिला कारागार के बंदियों द्वारा उपजाई गई लौकी को 'प्रादेशिक शाक भाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी 2020' में पहला स्थान मिला है. दरअसल, बंदियों को वैज्ञानिक ढंग से कृषि करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है. ताकि जेल से बाहर जाने पर वह ईमानदारी पूर्वक अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें.

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फतेहपुर जिला कारागार के बंदियों द्वारा उपजाई गई सब्जी को प्रदेश में मिला प्रथम स्थान.
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Published : Feb 26, 2020, 8:01 PM IST

Updated : Feb 26, 2020, 10:59 PM IST

फतेहपुर: जहां एक तरफ सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए लगातार प्रयासरत है, जिससे उनकी बदहाली दूर करके बढ़ती आत्महत्याओं को कम किया जा सके. वहीं दूसरी ओर जिला जेल भी इस बारे में लगातार प्रयासरत है. जेल अधीक्षक विनोद कुमार के कुशल नेतृत्व में जिला जेल में उम्र कैद या फिर लंबी अवधि के लिए सजा काट रहे बंदियों द्वारा खाली पड़ी जमीन पर कृषि कार्य करवाकर उन्हें एक नई राह दी जा रही है.

जानकारी देते जेल अधीक्षक.

बंदियों को वैज्ञानिक ढंग से कृषि करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिससे वह यहां से बाहर जाने के बाद ईमानदारी पूर्वक मेहनत करके अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें. इस कार्य को बंदी पूर्ण निष्ठा एवं मनोयोग से कर रहे हैं. बंदियों की मेहनत का नतीजा यह रहा कि वर्ष 2020 में राजधानी लखनऊ में लगी 'प्रादेशिक फल शाक भाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी 2020' में बंदियों द्वारा उपजाई गई 'लौकी' को प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा शील्ड व प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया, जिससे बंदी काफी प्रसन्न नजर आए.

इतना ही नहीं, बंदियों द्वारा उन्नत किस्म के आलू की भी रिकॉर्ड पैदावार की गई है, जिसमें एक-एक आलू का वजन करीब एक किलो से अधिक रहा. बंदी एक नियत समय पर ही बाहर आकर कृषि कार्य को समय दे पाते हैं. बावजूद इसके वह जनपद के प्रगतिशील किसानों को मात दे रहे हैं.

ये भी पढ़ें: फतेहपुर: ओवरलोड ट्रकों पर प्रशासन की कार्रवाई, 50 वाहन सीज

फतेहपुर: जहां एक तरफ सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए लगातार प्रयासरत है, जिससे उनकी बदहाली दूर करके बढ़ती आत्महत्याओं को कम किया जा सके. वहीं दूसरी ओर जिला जेल भी इस बारे में लगातार प्रयासरत है. जेल अधीक्षक विनोद कुमार के कुशल नेतृत्व में जिला जेल में उम्र कैद या फिर लंबी अवधि के लिए सजा काट रहे बंदियों द्वारा खाली पड़ी जमीन पर कृषि कार्य करवाकर उन्हें एक नई राह दी जा रही है.

जानकारी देते जेल अधीक्षक.

बंदियों को वैज्ञानिक ढंग से कृषि करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिससे वह यहां से बाहर जाने के बाद ईमानदारी पूर्वक मेहनत करके अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें. इस कार्य को बंदी पूर्ण निष्ठा एवं मनोयोग से कर रहे हैं. बंदियों की मेहनत का नतीजा यह रहा कि वर्ष 2020 में राजधानी लखनऊ में लगी 'प्रादेशिक फल शाक भाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी 2020' में बंदियों द्वारा उपजाई गई 'लौकी' को प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा शील्ड व प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया, जिससे बंदी काफी प्रसन्न नजर आए.

इतना ही नहीं, बंदियों द्वारा उन्नत किस्म के आलू की भी रिकॉर्ड पैदावार की गई है, जिसमें एक-एक आलू का वजन करीब एक किलो से अधिक रहा. बंदी एक नियत समय पर ही बाहर आकर कृषि कार्य को समय दे पाते हैं. बावजूद इसके वह जनपद के प्रगतिशील किसानों को मात दे रहे हैं.

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Last Updated : Feb 26, 2020, 10:59 PM IST
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