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पिता-पुत्र की हत्या के मामले में 25 साल बाद आया फैसला, 6 दोषियों को उम्रकैद

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Published : Apr 29, 2023, 8:49 AM IST

शुक्रवार को फतेहपुर में 1998 में पिता-पुत्र की हत्या के मामले अपर सत्र न्यायालय 6 अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई. सीबी-सीआईडी ने इस मामले की विवेचना कर अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था.

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फतेहपुरः जिले में 25 साल पुराने पिता-पुत्र की हत्या के मामले पीड़ित परिवार को न्याय मिला. रंजिश में हुई इस हत्या के मामले में शुक्रवार को अपर सत्र न्यायालय प्रथम ने 6 अभियुक्तों को दोषी करार दिया. न्यायाधीश अखिलेश कुमार पांडेय की अदालत ने दोषियों को उम्रकैद की सजा के साथ ही एक लाख चालीस हजार का जुर्माना भी लगाया. अर्थदंड की राशि अदा न करने पर, इन्हें अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.

अभियोजन पक्ष रहस बिहारी श्रीवास्तव और जितेंद्र बहादुर सिंह ने संयुक्त रूप से बताया कि 16 जुलाई 1998 को मलवां थाना क्षेत्र के बकोली गांव निवासी विशेषर सिंह और उसका बेटा भानु प्रताप सिंह के साथ दो अन्य लोग अपने घर के बाहर छप्पर के नीचे बैठकर बातचीत कर रहे थे. इसी दौरान अचानक गांव के राजू उर्फ राजेन्द्र शुक्ला, महेश उर्फ पप्पू, मुन्ना उर्फ राजेश शुक्ला, भोने उर्फ जयप्रकाश, टिर्रा उर्फ रामप्रकाश, गोला उर्फ गुड्डू सहित छह लोगों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की और पिता-पुत्र को मौत के घाट उतार दिया. दूसरे दिन भानु प्रताप के बेटे विनय सिंह ने तहरीर देकर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था.

अभियोजन पक्ष ने बताया कि मामले की विवेचना सीबी-सीआईडी ने करते हुए अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था. शुक्रवार को मामले की अंतिम सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से 5 गवाह पेश किए गए. गवाहों और सबूतों के आधार पर न्यायाधीश ने आरोपियों को दोषी करार देते हुए राजू उर्फ राजेन्द्र शुक्ला, महेश उर्फ पप्पू, मुन्ना उर्फ राजेश शुक्ला, भोने उर्फ जयप्रकाश, टिर्रा उर्फ रामप्रकाश, गोला उर्फ गुड्डू सहित छह लोगों कों उम्रकैद और अर्थदंड का फैसला सुनाया.

ये भी पढ़ेंः कौशांबी में रुपए के लेनदेन को लेकर दो पक्ष में सड़क पर मारपीट, वीडियो वायरल

फतेहपुरः जिले में 25 साल पुराने पिता-पुत्र की हत्या के मामले पीड़ित परिवार को न्याय मिला. रंजिश में हुई इस हत्या के मामले में शुक्रवार को अपर सत्र न्यायालय प्रथम ने 6 अभियुक्तों को दोषी करार दिया. न्यायाधीश अखिलेश कुमार पांडेय की अदालत ने दोषियों को उम्रकैद की सजा के साथ ही एक लाख चालीस हजार का जुर्माना भी लगाया. अर्थदंड की राशि अदा न करने पर, इन्हें अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.

अभियोजन पक्ष रहस बिहारी श्रीवास्तव और जितेंद्र बहादुर सिंह ने संयुक्त रूप से बताया कि 16 जुलाई 1998 को मलवां थाना क्षेत्र के बकोली गांव निवासी विशेषर सिंह और उसका बेटा भानु प्रताप सिंह के साथ दो अन्य लोग अपने घर के बाहर छप्पर के नीचे बैठकर बातचीत कर रहे थे. इसी दौरान अचानक गांव के राजू उर्फ राजेन्द्र शुक्ला, महेश उर्फ पप्पू, मुन्ना उर्फ राजेश शुक्ला, भोने उर्फ जयप्रकाश, टिर्रा उर्फ रामप्रकाश, गोला उर्फ गुड्डू सहित छह लोगों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की और पिता-पुत्र को मौत के घाट उतार दिया. दूसरे दिन भानु प्रताप के बेटे विनय सिंह ने तहरीर देकर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था.

अभियोजन पक्ष ने बताया कि मामले की विवेचना सीबी-सीआईडी ने करते हुए अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था. शुक्रवार को मामले की अंतिम सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से 5 गवाह पेश किए गए. गवाहों और सबूतों के आधार पर न्यायाधीश ने आरोपियों को दोषी करार देते हुए राजू उर्फ राजेन्द्र शुक्ला, महेश उर्फ पप्पू, मुन्ना उर्फ राजेश शुक्ला, भोने उर्फ जयप्रकाश, टिर्रा उर्फ रामप्रकाश, गोला उर्फ गुड्डू सहित छह लोगों कों उम्रकैद और अर्थदंड का फैसला सुनाया.

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