फतेहपुर: यूपी के जनपद फतेहपुर में मासूम बच्चों से कुकर्म के मामले में पॉक्सो कोर्ट-प्रथम के न्यायाधीश विनोद कुमार चौरसिया की अदालत ने गुरुवार को फैसला सुनाया. 9 साल बाद दिए गए फैसले में कुकर्म के दोषी को 10 साल कैद की सजा के साथ 15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अर्थदंड की राशि से 5000 रुपए पीड़ित को देने का आदेश भी दिया गया है.
नौ साल पहले हुई थी घटनाः अभियोजन देवेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मलवा थाना क्षेत्र की रहने वाली महिला ने पुलिस को तहरीर देते हुए बताया था कि 3 अप्रैल 2014 को उसका 5 साल व 4 साल का बेटा गांव के ही स्कूल में पढ़ने गए थे. जहां से छुट्टी होने के बाद दोपहर करीब 12 बजे वो घर लौट रहे थे. तभी रास्ते में गांव का ही रहने वाला वीरेंद्र पाल सिंह उर्फ मोनू बच्चों को बहला फुसलाकर अपने घर ले गया और दोनों के साथ गंदा काम किया.
बच्चों ने घर पहुंचकर मां को बताई थी पूरी घटनाः वीरेंद्र पाल सिंह ने बड़े बेटे के साथ अप्राकृतिक सम्बन्ध बनाए चिल्लाने पर उसका मुंह दबाए रखा. भाई की हालात खराब देख छोटे बेटे के चिल्लाने पर आरोपी उसे छोड़कर मौके से भाग निकला. किसी तरह घर पहुंचे बच्चों ने मां को रोते हुए पूरी घटना बताई. इस पर मां बच्चों को साथ लेकर थाने पहुंची और घटना की तहरीर दी. आरोप है कि पुलिस की ओर से उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.
कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने दर्ज किया था मुकदमाः इसके बाद पीड़ित बच्चों की मां ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, तब जाकर कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज करके मामले की जांच शुरू की. प्रकरण की जांच के दौरान आरोपी के खिलाफ पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की.
जुर्माना न देने पर दोषी को एक साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगाः मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किए गए गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने अभियुक्त को घटना का दोषी ठहराते हुए फैसला सुनाया है. वहीं कोर्ट ने जुर्माने की धनराशि अदा न करने पर अभियुक्त को एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भी भुगतने का आदेश दिया है.
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