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फतेहपुर: दहेज हत्या मामले में 4 आरोपियों को 10 वर्ष की जेल, 2.10 लाख का जुर्माना

फतेहपुर के अपर जिला जज रवि करण सिंह की अदालत ने दहेज हत्या के मामले में पति समेत चार आरोपियों को 10-10 साल की सजा सुनाई है. वहीं इनपर कुल 2 लाख 10 हजार का जुर्माना भी लगाया है.

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फतेहपुर जिला न्यायालय
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Published : Sep 29, 2020, 5:16 PM IST

फतेहपुरः दहेज हत्या के मामले में सास-ससुर, पति और देवर को कोर्ट ने 10-10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही सभी आरोपियों पर 2 लाख 10 हजार का जुर्माना भी लगाया है. यह मामला करीब चार वर्ष से कोर्ट में विचाराधीन था. कोर्ट के इस निर्णय के बाद दहेज लोभियों में कड़ा संदेश पहुंचा है.

बताया जा रहा है कि 11 जनवरी 2017 को खागा कोतवाली अंतर्गत आने वाले तिलकापुर गांव में भानु प्रताप सिंह ने अपने माता-पिता और छोटे भाई के साथ शादी के करीब पांच वर्ष बाद अपनी पत्नी उमा की गला दबाकर हत्या कर दी थी. इस मामले में मृतका के परिजनों ने पति, देवर, सास-ससुर के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया था.

मृतका उमा सुल्तानपुर घोष थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पहाड़पुर गांव निवासी अयोध्या प्रसाद की बेटी थी. जिसकी शादी 25 फरवरी 2012 को भानु प्रताप सिंह के साथ हुई थी. शादी के बाद से ही पति भानू, उसकी मां बिटान, पिता रामेंद्र और भाई अभय प्रताप सिंह, उमा पर मायके से दो लाख रुपये लाने का दबाव बना रहे थे. पैसे न लाने पर आए दिन उसके साथ मारपीट की घटना को अंजाम देते थे. जिसके बाद 11 जनवरी 2017 को इसी बात को लेकर मामला बढ़ा और शाम करीब 4 बजे सभी ने मिलकर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी.

घटना के बाद से ही उमा का पति भानु प्रताप जेल में बंद है. प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन था. जिस पर सुनावई करते हुए अपर जिला जज रवि करण सिंह की अदालत ने सहायक शासकीय अधिवक्ता विवेक उमराव की तरफ से पेश किए गए गवाहों और साक्ष्यों के मद्देनजर मंगलवार को सजा सुनाई.

फतेहपुरः दहेज हत्या के मामले में सास-ससुर, पति और देवर को कोर्ट ने 10-10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही सभी आरोपियों पर 2 लाख 10 हजार का जुर्माना भी लगाया है. यह मामला करीब चार वर्ष से कोर्ट में विचाराधीन था. कोर्ट के इस निर्णय के बाद दहेज लोभियों में कड़ा संदेश पहुंचा है.

बताया जा रहा है कि 11 जनवरी 2017 को खागा कोतवाली अंतर्गत आने वाले तिलकापुर गांव में भानु प्रताप सिंह ने अपने माता-पिता और छोटे भाई के साथ शादी के करीब पांच वर्ष बाद अपनी पत्नी उमा की गला दबाकर हत्या कर दी थी. इस मामले में मृतका के परिजनों ने पति, देवर, सास-ससुर के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया था.

मृतका उमा सुल्तानपुर घोष थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पहाड़पुर गांव निवासी अयोध्या प्रसाद की बेटी थी. जिसकी शादी 25 फरवरी 2012 को भानु प्रताप सिंह के साथ हुई थी. शादी के बाद से ही पति भानू, उसकी मां बिटान, पिता रामेंद्र और भाई अभय प्रताप सिंह, उमा पर मायके से दो लाख रुपये लाने का दबाव बना रहे थे. पैसे न लाने पर आए दिन उसके साथ मारपीट की घटना को अंजाम देते थे. जिसके बाद 11 जनवरी 2017 को इसी बात को लेकर मामला बढ़ा और शाम करीब 4 बजे सभी ने मिलकर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी.

घटना के बाद से ही उमा का पति भानु प्रताप जेल में बंद है. प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन था. जिस पर सुनावई करते हुए अपर जिला जज रवि करण सिंह की अदालत ने सहायक शासकीय अधिवक्ता विवेक उमराव की तरफ से पेश किए गए गवाहों और साक्ष्यों के मद्देनजर मंगलवार को सजा सुनाई.

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