फतेहपुर: उत्तर प्रदेश के जनपद फतेहपुर में रिश्तेदार की हत्या कर शव छिपाने के मामले में कारागार में बंद मामा-भांजे को अपर सत्र न्यायाधीश/ पॉक्सो कोर्ट प्रथम विनोद कुमार चौरसिया ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 12 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है.
अभियोजन देवेंद्र कुमार सिंह भदौरिया ने बताया कि हमीरपुर जिले के लालपुर थानाक्षेत्र के सोहरापुर निवासी दद्दू अपने घर से 20 हजार रुपये लेकर 23 जनवरी 2009 को निकला था. उसे ईंट खरीदने चांदपुर क्षेत्र आना था. किसी काम से जहानाबाद थानाक्षेत्र के कृपालपुर निवासी साढ़ू केदार से मिलने उनके घर पहुंचा था. 26 जनवरी की रात करीब नौ बजे दद्दू का मोबाइल बंद हो गया. खोजबीन करते हुये परिजन केदार के घर पहुंचे और फिर पुलिस से शिकायत की थी.
परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने छानबीन शुरू की. 28 जनवरी को दद्दू का शव कृपालपुर गांव के जंगल से बरामद हुआ था. मृतक के भाई की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया और पुलिस ने छानबीन शुरू की. सबूत मिलने के बाद पुलिस ने केदार के भाई राकेश निषाद और भांजे राजू को गिरफ्तार किया था. विवेचना के दौरान पुलिस तीसरे आरोपी मान सिंह का नाम प्रकाश में लाई थी.
हत्या में शामिल हथियार लाेहे की रॉड बरामद की गई. हत्या की वजह जुआ खेलने के दौरान रुपयों के लेनदेन में विवाद होना सामने आया था. कोर्ट ने मामले में गुरुवार को अंतिम सुनवाई की. आरोपी मान सिंह के खिलाफ साक्ष्य न मिलने पर उसे बरी कर दिया. आरोपी राकेश और राजू को दोषी मानकर उम्रकैद और 12-12 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई.