फतेहपुर: जिले के मलवा औद्योगिक क्षेत्र में किसानों की सैकड़ों बीघा फसल बर्बाद हो रही है. फैक्ट्रियों से निकलने वाले रासायनिक जल और नाला जाम होने की वजह से पानी खेतों में एकत्रित हो रहा रहा है. मानसून के अंतिम दिनों में बारिश अधिक होने से विषैला पानी चारों तरफ फैल गया. परिस्थिति यह हो गई है कि दो जून की रोटी के लिए किसान को विषाक्त पानी से भरे खेतों में घुसकर धान की बालियां काटनी पड़ रही है.
ट्यूब से बचा रहे अपनी मेहनत
चखेड़ी गांव के किसान मनोज खेत मे पूरे परिवार के साथ धान की बांलिया काटकर ट्यूब से बनी नाव के सहारे सूखे स्थान पर ला रहें हैं. मनोज बताते हैं कि मजबूरी में किसी तरह फसल काटी जा रही है, आधे से अधिक फसल बर्बाद हो गई. विषैले पानी में घुस कर फसल काटने से हाथ-पैर भी प्रभावित हो रहे हैं. बारिश और फैक्ट्री का पानी खेत में ही भर गया है. अब विषाक्त पानी की वजह से खेतों में फसल सड़ रही है. वहीं नवम्बर माह तक खेत मे पानी रहने से गेंहू के फसल की भी बुवाई नही होगी. हम लोग बर्बाद हो गए हैं.
इसे भी पढ़ें - प्याज के आंसू रो रहे आम आदमी, कीमत पहुंची 100 रूपये प्रति किलो
फैक्ट्री का पानी बन रहा आफत
इलाहाबाद कानपुर हाइवे के निर्माण के चलते फैक्ट्री से निकलने वाला नाला जाम हो गया है. ऐसे में क्षेत्र में बारिश के पानी के साथ-साथ फैक्ट्री का विषैला पानी भी किसानों के खेत मे इकट्ठा हो गया है. धान की फसल पूरी तरह से पक कर तैयार है लेकिन जलभराव के चलते किसान फसल काट नही पा रहें हैं. जहां धान की फसल जल भराव से बर्बाद हो रही है, वहीं जहरीले पानी के खेतों में एकत्रित होने से भूमि की उर्वरा शक्ति भी नष्ट हो रही है.
किसान है निराश, गेहूं से भी नही है आस
गांव के किसान चैतू ने बताया कि नाले के जाम होने के कारण पूरे खेतों में जलभराव है. फैक्ट्री के जहरीले पानी के मिल जाने से गिरी हुई फसल भी सड़ गई है. हर साल खेतों में किसी न किसी तरह केमिकल युक्त पानी चला ही आता है, जिससे फसल बर्बाद हो जाती है. इस बार बारिश का पानी भरा ही था, उसी में नाला जाम होने से फैक्ट्री का भी पानी भर गया. धान के साथ अब गेंहू की भी फसल नहीं हो पाएगी.
इसे भी पढ़ें - मऊ: महिला वीडीओ ने किया हंगामा, एसडीएम पर लगाए गंभीर आरोप
फसल की बर्बादी से तबाह किसानों ने नाले की सफाई को लेकर जब जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया, तो प्रशासन हरकत में आकर नाले की सफाई करवा रहा है. लेकिन अब बहुत देर हो चुका है, किसानों की फसल बर्बाद हो गई है.