ETV Bharat / state

खेतों को निगल रहा फैक्ट्रियों का 'काला पानी', फसलों की 'कुर्बानी' - बर्बाद हो रहे किसान

उत्तर प्रदेश में फतेहपुर के चखेड़ी गांव में फैक्ट्री से निकलने वाले जहरीले पानी की वजह से किसानों की धान की फसल बर्बाद हो गई है. किसानों को विषैले पानी से भरे खेतों में घुस कर धान की फसल काटनी पड़ रही है. किसानों का कहना है कि फैक्ट्री के केमिकल युक्त पानी की वजह से खेतों की उर्वरा शक्ति भी कम हो रही है.

काले पानी की सजा
author img

By

Published : Nov 6, 2019, 10:23 PM IST

फतेहपुर: जिले के मलवा औद्योगिक क्षेत्र में किसानों की सैकड़ों बीघा फसल बर्बाद हो रही है. फैक्ट्रियों से निकलने वाले रासायनिक जल और नाला जाम होने की वजह से पानी खेतों में एकत्रित हो रहा रहा है. मानसून के अंतिम दिनों में बारिश अधिक होने से विषैला पानी चारों तरफ फैल गया. परिस्थिति यह हो गई है कि दो जून की रोटी के लिए किसान को विषाक्त पानी से भरे खेतों में घुसकर धान की बालियां काटनी पड़ रही है.

फैक्ट्रियों के काले पानी की वजह से किसानों की फसल हो रही बर्बाद.

ट्यूब से बचा रहे अपनी मेहनत
चखेड़ी गांव के किसान मनोज खेत मे पूरे परिवार के साथ धान की बांलिया काटकर ट्यूब से बनी नाव के सहारे सूखे स्थान पर ला रहें हैं. मनोज बताते हैं कि मजबूरी में किसी तरह फसल काटी जा रही है, आधे से अधिक फसल बर्बाद हो गई. विषैले पानी में घुस कर फसल काटने से हाथ-पैर भी प्रभावित हो रहे हैं. बारिश और फैक्ट्री का पानी खेत में ही भर गया है. अब विषाक्त पानी की वजह से खेतों में फसल सड़ रही है. वहीं नवम्बर माह तक खेत मे पानी रहने से गेंहू के फसल की भी बुवाई नही होगी. हम लोग बर्बाद हो गए हैं.

इसे भी पढ़ें - प्याज के आंसू रो रहे आम आदमी, कीमत पहुंची 100 रूपये प्रति किलो

फैक्ट्री का पानी बन रहा आफत
इलाहाबाद कानपुर हाइवे के निर्माण के चलते फैक्ट्री से निकलने वाला नाला जाम हो गया है. ऐसे में क्षेत्र में बारिश के पानी के साथ-साथ फैक्ट्री का विषैला पानी भी किसानों के खेत मे इकट्ठा हो गया है. धान की फसल पूरी तरह से पक कर तैयार है लेकिन जलभराव के चलते किसान फसल काट नही पा रहें हैं. जहां धान की फसल जल भराव से बर्बाद हो रही है, वहीं जहरीले पानी के खेतों में एकत्रित होने से भूमि की उर्वरा शक्ति भी नष्ट हो रही है.

किसान है निराश, गेहूं से भी नही है आस
गांव के किसान चैतू ने बताया कि नाले के जाम होने के कारण पूरे खेतों में जलभराव है. फैक्ट्री के जहरीले पानी के मिल जाने से गिरी हुई फसल भी सड़ गई है. हर साल खेतों में किसी न किसी तरह केमिकल युक्त पानी चला ही आता है, जिससे फसल बर्बाद हो जाती है. इस बार बारिश का पानी भरा ही था, उसी में नाला जाम होने से फैक्ट्री का भी पानी भर गया. धान के साथ अब गेंहू की भी फसल नहीं हो पाएगी.

इसे भी पढ़ें - मऊ: महिला वीडीओ ने किया हंगामा, एसडीएम पर लगाए गंभीर आरोप

फसल की बर्बादी से तबाह किसानों ने नाले की सफाई को लेकर जब जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया, तो प्रशासन हरकत में आकर नाले की सफाई करवा रहा है. लेकिन अब बहुत देर हो चुका है, किसानों की फसल बर्बाद हो गई है.

फतेहपुर: जिले के मलवा औद्योगिक क्षेत्र में किसानों की सैकड़ों बीघा फसल बर्बाद हो रही है. फैक्ट्रियों से निकलने वाले रासायनिक जल और नाला जाम होने की वजह से पानी खेतों में एकत्रित हो रहा रहा है. मानसून के अंतिम दिनों में बारिश अधिक होने से विषैला पानी चारों तरफ फैल गया. परिस्थिति यह हो गई है कि दो जून की रोटी के लिए किसान को विषाक्त पानी से भरे खेतों में घुसकर धान की बालियां काटनी पड़ रही है.

फैक्ट्रियों के काले पानी की वजह से किसानों की फसल हो रही बर्बाद.

ट्यूब से बचा रहे अपनी मेहनत
चखेड़ी गांव के किसान मनोज खेत मे पूरे परिवार के साथ धान की बांलिया काटकर ट्यूब से बनी नाव के सहारे सूखे स्थान पर ला रहें हैं. मनोज बताते हैं कि मजबूरी में किसी तरह फसल काटी जा रही है, आधे से अधिक फसल बर्बाद हो गई. विषैले पानी में घुस कर फसल काटने से हाथ-पैर भी प्रभावित हो रहे हैं. बारिश और फैक्ट्री का पानी खेत में ही भर गया है. अब विषाक्त पानी की वजह से खेतों में फसल सड़ रही है. वहीं नवम्बर माह तक खेत मे पानी रहने से गेंहू के फसल की भी बुवाई नही होगी. हम लोग बर्बाद हो गए हैं.

इसे भी पढ़ें - प्याज के आंसू रो रहे आम आदमी, कीमत पहुंची 100 रूपये प्रति किलो

फैक्ट्री का पानी बन रहा आफत
इलाहाबाद कानपुर हाइवे के निर्माण के चलते फैक्ट्री से निकलने वाला नाला जाम हो गया है. ऐसे में क्षेत्र में बारिश के पानी के साथ-साथ फैक्ट्री का विषैला पानी भी किसानों के खेत मे इकट्ठा हो गया है. धान की फसल पूरी तरह से पक कर तैयार है लेकिन जलभराव के चलते किसान फसल काट नही पा रहें हैं. जहां धान की फसल जल भराव से बर्बाद हो रही है, वहीं जहरीले पानी के खेतों में एकत्रित होने से भूमि की उर्वरा शक्ति भी नष्ट हो रही है.

किसान है निराश, गेहूं से भी नही है आस
गांव के किसान चैतू ने बताया कि नाले के जाम होने के कारण पूरे खेतों में जलभराव है. फैक्ट्री के जहरीले पानी के मिल जाने से गिरी हुई फसल भी सड़ गई है. हर साल खेतों में किसी न किसी तरह केमिकल युक्त पानी चला ही आता है, जिससे फसल बर्बाद हो जाती है. इस बार बारिश का पानी भरा ही था, उसी में नाला जाम होने से फैक्ट्री का भी पानी भर गया. धान के साथ अब गेंहू की भी फसल नहीं हो पाएगी.

इसे भी पढ़ें - मऊ: महिला वीडीओ ने किया हंगामा, एसडीएम पर लगाए गंभीर आरोप

फसल की बर्बादी से तबाह किसानों ने नाले की सफाई को लेकर जब जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया, तो प्रशासन हरकत में आकर नाले की सफाई करवा रहा है. लेकिन अब बहुत देर हो चुका है, किसानों की फसल बर्बाद हो गई है.

Intro:फतेहपुर- जिले के मलवा औद्योगिक क्षेत्र में किसानों की सैकड़ों बीघा फसल बर्बाद हो रही है। कम्पनियों से निकलने वाला रसायनिक जल नाला चोक होने से खेतों में एकत्रित हो रहा रहा है। वहीं जब मानसून के अंतिम दिनों में बारिश अधिक होने से रसायन युक्त जल चारो तरफ फैल गया। अब हालात यह है कि धान कि फसल पक गई है। खेत मे रसायन यक्त जल भरा है।ऐसे में किसान मजबूरी में कठिन संघर्ष से धान की बलिया काट रहें हैं। ताकि कुछ मिल जाय।


Body:चखेड़ी गांव के किसान मनोज खेत मे पूरे परिवार के साथ धान की बलिया काटकर ट्यूब से बनी नाव के सहारे बाहर सूखे स्थान पर ला रहें हैं। ये बताते हैं कि मजबूरी में किसी तरह फसल काटी जा रही है आधे से अधिक तो बर्बाद हो गया। यह भी काटने में हाथ पैर सड़ गए हैं। नाला जाम होने से बारिश और फैक्ट्री की पानी खेत मे ही भर गया। अब इन पानी से खेतों में फसल सड़ रही है वहीं नवम्बर माह तक खेत मे पानी रहने से गेंहू के फसल की भी बुवाई नही होगी। हम लोग बर्बाद हो गए हैं। इलाहाबाद कानपुर हाइवे के निर्माण के चलते फैक्ट्री से निकलने वाला नाला जाम हो गया है ऐसे में क्षेत्र के बारिश के पानी के साथ साथ फैक्ट्री का केमिकल युक्त पानी भी किसानों के खेत मे एकत्रित हो गया है। धान की फसल पूरी तरह से पक के तैयार है लेकिन जलभराव के चलते किसान काट नही पा रहें हैं। जहां धान की फसल जल भराव से बर्बाद हो रही है वहीं केमिकल युक्त पानी खेतो में जाने से भूमि की उर्वरा शक्ति नष्ट हो रही है। किसान चैतू ने बताया कि नाले के चोक होने से पूरी खेतों में जल भराव है। केमिकल के पानी मिल जाने से गिरी हुई फसल सड़ गई है। हर साल खेतों में किसी न किसी तरह केमिकल का पानी चला आता है जिससे फसल बर्बाद होती है। इस बार बारिश का पानी भरा था उसी में नाला जाम होने से फैक्ट्री का भी पानी भर गया। धान के साथ अब गेंहू की भी फसल नही होगी। फसल की बर्बादी से परेशान किसानों ने नाले की सफाई को लेकर जब जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया तो प्रशासन हरकत में आकर नाले की सफाई करवा रहा है। लेकिन बहुत देर हो चुका है किसानों की फसल बर्बाद हो गई है। वहीं गेंहु की बुवाई भी समय से नही होगा।


Conclusion:बाईट किसान 1 मनोज 2 चैतू 3 राम सुमेर अभिषेक सिंह फतेहपुर 7860904510
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.