फतेहपुर: सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेसिक शिक्षा में सुधार के तमाम दावे कर रहें हैं और इसके लिए बजट भी दे रहें हैं, लेकिन जिले में जिम्मेदार ही उनकी मंशा पर पानी फेरते नजर आ रहें हैं. हालात यह है कि आधा सत्र पूरा होने पर भी अधिकांश छात्रों को ड्रेस वितरण नहीं हुआ है. बच्चे पुराने फटे ड्रेस पहनकर आने को मजबूर हैं. ऐसे में जब सत्र खत्म हो जाएगा तो बच्चों के ड्रेस के हजारों रुपये भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाएंगे.
आधा सत्र बीत जाने पर भी बच्चों को नहीं मिली ड्रेस
मामला जिले के परिषदीय विद्यालय अहिंदा कम्पोजिट स्कूल का है, जहां पर 395 बच्चों का नामांकन किया गया है लेकिन इन 395 बच्चों में से आधे से ज्यादा बच्चों को अभी तक ड्रेस नहीं मिली है. बच्चे अपनी पुरानी फटी हुई ड्रेस पहनकर स्कूल आने को मजबूर हैं.
इस मामले को लेकर प्रधानाचार्य को जिम्मेदार ठहराया गया है. प्राचार्या शाहिना जमाल से बच्चों को ड्रेस क्यों नहीं वितरित हुआ, इस बारे में सवाल किया गया तो वह कैमरे पर कारण बताने के बजाय अजीब-अजीब बातें करने लगीं. ऐसे में सवाल उठता है कि बच्चे जब पुरानी ही ड्रेस में सत्र गुजार देगें तो इनके ड्रेस का पैसा जिम्मेदार अपने खजाने में रख लेंगे.
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सभी विद्यालयों में ड्रेस वितरण करने का निर्देश है. कहीं बजट की कमी से ड्रेस वितरण नहीं हो पाया होगा.
-शिवेन्द्र प्रताप सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी
कई विद्यालय के बच्चों को नहीं मिली ड्रेस
बेसिक शिक्षा अधिकारी सभी विद्यालयों में ड्रेस वितरण की बात कर रहें हैं लेकिन जिले के कई स्कूलों में अभी तक सभी बच्चों को ड्रेस नहीं मिली है. जबकि नवम्बर माह में बच्चों को स्वेटर देने का समय आ जाता है. इससे सवाल उठता है कि कि जब बच्चे नए स्वेटर पहन लेंगे तो उनकी पुरानी ड्रेसों का क्या किया जाएगा.