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फर्रुखाबाद के दर्जनों गांवों में बुखार का कहर, 15 दिन में पांच की मौत - यूपी की न्यूज

फर्रुखाबाद जिले में दर्जनों गांव में ग्रामीण बुखार से तप रहे हैं. यहां बीते 15 दिनों में पांच लोगों की बुखार से मौत हो चुकी है. ग्रामीण मजबूरन झोलाछाप और महंगे नर्सिंगहोम का रुख करने के लिए मजबूर हैं. वहीं, स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि लगातार गांवों का सर्वे किया जा रहा है और दवाएं बांटी जा रही हैं.

फर्रुखाबाद में बुखार से 15 दिन में पांच की मौत.
फर्रुखाबाद में बुखार से 15 दिन में पांच की मौत.
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Published : Sep 24, 2021, 2:19 PM IST

फर्रुखाबादः जिले के दर्जनों गांवों में दो महीने से बुखार का कहर जारी है. यहां बीते 15 दिनों में पांच लोगों की मौत हो चुकी है. घर-घर बुखार के मरीज हैं. वहीं, इससे बेखबर स्वास्थ्य विभाग की टीम फर्जी सर्वे और दवाओं के वितरण के नाम पर अपनी पीठ थपथपा रही है.

ईटीवी भारत की ओर से इससे पूर्व प्रकाशित खबर को संज्ञान में लेते हुए डीएम मानवेंद्र सिंह ने राजेपुर सराय मेदा गांव का निरीक्षण किया था. उस दौरान आशा बहू नदारत मिली थी. डीएम ने मौके पर ही सीएमओ की जमकर क्लास लगाई थी. आशा बहू की बर्खास्तगी के भी आदेश दिए थे.

कमालगंज ब्लॉक के कई गांवों में विचित्र बुखार का कहर है. यहां आए दिन बुखार के कारण मौतें हो रहीं हैं. तकीपुर में करीब 200 परिवार रहते हैं. बीते कई दिनों से यहां बुखार का प्रकोप चल रहा है. 90 फीसदी लोग वायरल फीवर और मलेरिया की चपेट में हैं. ग्रामीणों के मुताबिक, बीते 15 दिनों से हालत बिगड़ने पर संतराम, महेश जमुना, मिथिलेश, श्री राम, रामसखी की मौत हो चुकी है. कई लोग बुखार से पीड़ित हैं. हालत गंभीर होने पर कई लोग फर्रुखाबाद, कानपुर और आगरा के नर्सिंगहोम में इलाज करवा रहे हैं. वहीं, असमर्थ लोग झोलाछाप से इलाज कराने को मजबूर हैं.

फर्रुखाबाद के गांवों में बुखार का कहर.

लोगों ने बताया कि 15 दिन पूर्व विभाग की ओर से जांच के लिए खून के नमूने लिए गए थे, लेकिन रिपोर्ट अभी तक नहीं दी. नमूना लेने के समय ही पैरासिटामोल की गोलियां दे दी थीं. इसके बाद कोई भी स्वास्थ्यकर्मी यहां नहीं आया. ग्रामीणों का कहना है कि गांवों में बुखार से हजारों लोग ग्रसित हैं, सैकड़ों मौतें हो चुकी हैं. प्राइवेट नर्सिंगहोम में इलाज के लिए ग्रामीणों को घर का सामान तक बेचना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ेंः पति को बचाने के लिए 50 लाख की नकदी-जेवर का सौदा, कानपुर में गोली चलने से बेटे की हुई थी मौत

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सीएचसी में गोलियां देकर टरका दिया जाता है. यहां किसी प्रकार की जांच नहीं की जाती. वहीं, सीएमओ सतीश चंद्र ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार गांव-गांव जा रही हैं. कमालगंज, मोहम्मदाबाद, शमशाबाद ब्लॉक के कुछ गांवों में बुखार का प्रकोप है. मौतों के आंकड़ों पर उन्होंने बताया कि अन्य बीमारियों से मौतें हो रहीं हैं उनको लोग बुखार से जोड़कर बता रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीमें गांव-गांव जाकर मरीजों का इलाज कर रही हैं और दवा बांट रहीं हैं.

फर्रुखाबादः जिले के दर्जनों गांवों में दो महीने से बुखार का कहर जारी है. यहां बीते 15 दिनों में पांच लोगों की मौत हो चुकी है. घर-घर बुखार के मरीज हैं. वहीं, इससे बेखबर स्वास्थ्य विभाग की टीम फर्जी सर्वे और दवाओं के वितरण के नाम पर अपनी पीठ थपथपा रही है.

ईटीवी भारत की ओर से इससे पूर्व प्रकाशित खबर को संज्ञान में लेते हुए डीएम मानवेंद्र सिंह ने राजेपुर सराय मेदा गांव का निरीक्षण किया था. उस दौरान आशा बहू नदारत मिली थी. डीएम ने मौके पर ही सीएमओ की जमकर क्लास लगाई थी. आशा बहू की बर्खास्तगी के भी आदेश दिए थे.

कमालगंज ब्लॉक के कई गांवों में विचित्र बुखार का कहर है. यहां आए दिन बुखार के कारण मौतें हो रहीं हैं. तकीपुर में करीब 200 परिवार रहते हैं. बीते कई दिनों से यहां बुखार का प्रकोप चल रहा है. 90 फीसदी लोग वायरल फीवर और मलेरिया की चपेट में हैं. ग्रामीणों के मुताबिक, बीते 15 दिनों से हालत बिगड़ने पर संतराम, महेश जमुना, मिथिलेश, श्री राम, रामसखी की मौत हो चुकी है. कई लोग बुखार से पीड़ित हैं. हालत गंभीर होने पर कई लोग फर्रुखाबाद, कानपुर और आगरा के नर्सिंगहोम में इलाज करवा रहे हैं. वहीं, असमर्थ लोग झोलाछाप से इलाज कराने को मजबूर हैं.

फर्रुखाबाद के गांवों में बुखार का कहर.

लोगों ने बताया कि 15 दिन पूर्व विभाग की ओर से जांच के लिए खून के नमूने लिए गए थे, लेकिन रिपोर्ट अभी तक नहीं दी. नमूना लेने के समय ही पैरासिटामोल की गोलियां दे दी थीं. इसके बाद कोई भी स्वास्थ्यकर्मी यहां नहीं आया. ग्रामीणों का कहना है कि गांवों में बुखार से हजारों लोग ग्रसित हैं, सैकड़ों मौतें हो चुकी हैं. प्राइवेट नर्सिंगहोम में इलाज के लिए ग्रामीणों को घर का सामान तक बेचना पड़ रहा है.

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ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सीएचसी में गोलियां देकर टरका दिया जाता है. यहां किसी प्रकार की जांच नहीं की जाती. वहीं, सीएमओ सतीश चंद्र ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार गांव-गांव जा रही हैं. कमालगंज, मोहम्मदाबाद, शमशाबाद ब्लॉक के कुछ गांवों में बुखार का प्रकोप है. मौतों के आंकड़ों पर उन्होंने बताया कि अन्य बीमारियों से मौतें हो रहीं हैं उनको लोग बुखार से जोड़कर बता रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीमें गांव-गांव जाकर मरीजों का इलाज कर रही हैं और दवा बांट रहीं हैं.

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