फर्रुखाबाद: उत्तर प्रदेश में ग्राम पंचायत अधिकारी पैसों के बंदरबांट और विभागीय अनियमितताओं के लिए अक्सर चर्चा में बने रहते हैं. ऐसे में उन पर होने वाली कार्रवाई के किस्से भी सामने आते रहते हैं. ताजा मामला उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले का है, जहां दो ग्राम पंचायत अधिकारियों पर दंडात्मक कार्रवाई के चलते गाज गिरी है. फर्रुखाबाद जिले में वित्तीय अनियमितता व तबादले के बावजूद चार्ज हस्तांतरण करने के आरोप में दो ग्राम पंचायत अधिकारियों को जिलाधिकारी के आदेश पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
जहां एक तरफ सरकार ने भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए तमाम नीतियां बनाईं तो वहीं दूसरी ओर सरकार की मंशा पर पानी फेरने की अधिकारियों ने कसम खा ली है और भ्रष्टाचार करने से बाज नहीं आ रहे हैं. इसको लेकर हालिया कार्रवाई में दो ग्राम पंचायत अधिकारियों को जिलाधिकारी के आदेश पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. जिला पंचायत राज अधिकारी विनय कुमार सिंह ने बताया कि मोहम्मदाबाद ब्लॉक से शमशाबाद ब्लॉक के लिए स्थानांतरित ग्राम पंचायत अधिकारी संदेश यादव और ब्लॉक शमशाबाद में तैनात ग्राम पंचायत अधिकारी सुभाष को जिलाधिकारी के आदेश पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
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उन्होंने बताया कि संदेश यादव पर पूर्व तैनाती के अभिलेख संबंधित कर्मचारी को उपलब्ध न कराने के अलावा पूर्व तैनाती के गांव चिलसरा में मजदूरी की धनराशि संबंधी श्रमिकों के खातों में न भेजकर अन्य खातों में स्थांनांतरित कर दी. शासनादेश के विपरीत कई कार्यों को भी टुकड़ों में बांटकर कराया गया जो कि स्पष्ट रूप से वित्तीय अनियमितता का प्रमाण है. उन्होंने बताया कि दोनों के खिलाफ उच्चाधिकारियों के आदेश की अवेहलना और पदीय दायित्व के निर्वहन में लापरवाही के आरोप हैं. दोनों मामलों में जिला पंचायत राज अधिकारी राजेश कुमार को जांच अधिकारी नामित किया गया है.