फर्रुखाबाद: देश के विभिन्न हिस्सों में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी का विरोध अभी भी जारी है. इस कानून को लेकर विपक्ष लगातार प्रदर्शन कर रहा है. इसी बीच सरकार ने पड़ोसी देशों से आकर रह रहे शरणार्थियों का सर्वे शुरू करा दिया है. इसके लिए बकायदा जिला प्रशासन और संबंधित अवैध प्रवासियों से ईमेल पर सूचनाएं मांगी गई हैं. सूचना प्रारूप में शरणार्थियों को उनके देश में हुए उत्पीड़न का ब्यौरा भी उपलब्ध कराने को कहा गया है.
जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने बताया कि नए नागरिकता संशोधन अधिनियम के अंतर्गत अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्मावलंबी के लोगों को, जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में प्रवेश कर चुके हैं, उन्हें नागरिकता दी जानी है.
तीन दिन में उपलब्ध कराएं सूचना
उन्होंने बताया कि पिछले 14 वर्षों में कम से कम 5 वर्ष भारत में निवास कर चुके अवैध प्रवासियों का त्वरित सर्वे कर सूचना शासन की वेबसाइट पर अपलोड की जानी है. एसडीएम और थानाध्यक्षों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने-अपने कार्य क्षेत्र में रह रहे ऐसे शरणार्थियों की सूचना संकलित कर 3 दिन में निर्धारित प्रारूप पर उपलब्ध कराएं. इतना ही नहीं, जानकारी संबंधित अवैध प्रवासी स्वयं भी citizenshipup@gmail.com पर भेज सकते हैं.
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हालांकि निर्धारित प्रारूप में व्यक्ति का नाम, पिता का नाम, अस्थाई पता, भारत में आने की तिथि, देश का नाम (जहां से आए), उनके साथ हुए अत्याचार का विवरण और मोबाइल नंबर जैसी सूचनाओं का उल्लेख करना अनिवार्य होगा.