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फर्रुखाबाद: पड़ोसी देशों से आए शरणार्थियों का शुरू हुआ सर्वे

उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में जिला प्रशासन ने नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए के अंतर्गत सर्वे कराना शुरू कर दिया है. इसके अंतर्गत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए शरणार्थियों का सर्वे किया जाएगा.

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फर्रुखाबाद में शरणार्थियों का सर्वे शुरू.
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Published : Dec 18, 2019, 5:11 PM IST

फर्रुखाबाद: देश के विभिन्न हिस्सों में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी का विरोध अभी भी जारी है. इस कानून को लेकर विपक्ष लगातार प्रदर्शन कर रहा है. इसी बीच सरकार ने पड़ोसी देशों से आकर रह रहे शरणार्थियों का सर्वे शुरू करा दिया है. इसके लिए बकायदा जिला प्रशासन और संबंधित अवैध प्रवासियों से ईमेल पर सूचनाएं मांगी गई हैं. सूचना प्रारूप में शरणार्थियों को उनके देश में हुए उत्पीड़न का ब्यौरा भी उपलब्ध कराने को कहा गया है.

जिलाधिकारी ने दी जानकारी.


जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने बताया कि नए नागरिकता संशोधन अधिनियम के अंतर्गत अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्मावलंबी के लोगों को, जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में प्रवेश कर चुके हैं, उन्हें नागरिकता दी जानी है.

तीन दिन में उपलब्ध कराएं सूचना
उन्होंने बताया कि पिछले 14 वर्षों में कम से कम 5 वर्ष भारत में निवास कर चुके अवैध प्रवासियों का त्वरित सर्वे कर सूचना शासन की वेबसाइट पर अपलोड की जानी है. एसडीएम और थानाध्यक्षों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने-अपने कार्य क्षेत्र में रह रहे ऐसे शरणार्थियों की सूचना संकलित कर 3 दिन में निर्धारित प्रारूप पर उपलब्ध कराएं. इतना ही नहीं, जानकारी संबंधित अवैध प्रवासी स्वयं भी citizenshipup@gmail.com पर भेज सकते हैं.

ये भी पढ़ें: फर्रुखाबाद: पोटैटो सिटी में बारिश ने किसानों की मेहनत पर फेरा पानी

हालांकि निर्धारित प्रारूप में व्यक्ति का नाम, पिता का नाम, अस्थाई पता, भारत में आने की तिथि, देश का नाम (जहां से आए), उनके साथ हुए अत्याचार का विवरण और मोबाइल नंबर जैसी सूचनाओं का उल्लेख करना अनिवार्य होगा.

फर्रुखाबाद: देश के विभिन्न हिस्सों में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी का विरोध अभी भी जारी है. इस कानून को लेकर विपक्ष लगातार प्रदर्शन कर रहा है. इसी बीच सरकार ने पड़ोसी देशों से आकर रह रहे शरणार्थियों का सर्वे शुरू करा दिया है. इसके लिए बकायदा जिला प्रशासन और संबंधित अवैध प्रवासियों से ईमेल पर सूचनाएं मांगी गई हैं. सूचना प्रारूप में शरणार्थियों को उनके देश में हुए उत्पीड़न का ब्यौरा भी उपलब्ध कराने को कहा गया है.

जिलाधिकारी ने दी जानकारी.


जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने बताया कि नए नागरिकता संशोधन अधिनियम के अंतर्गत अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्मावलंबी के लोगों को, जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में प्रवेश कर चुके हैं, उन्हें नागरिकता दी जानी है.

तीन दिन में उपलब्ध कराएं सूचना
उन्होंने बताया कि पिछले 14 वर्षों में कम से कम 5 वर्ष भारत में निवास कर चुके अवैध प्रवासियों का त्वरित सर्वे कर सूचना शासन की वेबसाइट पर अपलोड की जानी है. एसडीएम और थानाध्यक्षों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने-अपने कार्य क्षेत्र में रह रहे ऐसे शरणार्थियों की सूचना संकलित कर 3 दिन में निर्धारित प्रारूप पर उपलब्ध कराएं. इतना ही नहीं, जानकारी संबंधित अवैध प्रवासी स्वयं भी citizenshipup@gmail.com पर भेज सकते हैं.

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हालांकि निर्धारित प्रारूप में व्यक्ति का नाम, पिता का नाम, अस्थाई पता, भारत में आने की तिथि, देश का नाम (जहां से आए), उनके साथ हुए अत्याचार का विवरण और मोबाइल नंबर जैसी सूचनाओं का उल्लेख करना अनिवार्य होगा.

Intro:एंकर- देश के विभिन्न हिस्सों में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी का विरोध अभी भी जारी है.इस कानून को लेकर विपक्ष लगातार प्रदर्शन कर रहा है. इसी बीच सरकार ने पड़ोसी देशों से आकर रह रहे नागरिकों का सर्वे शुरू करा दिया है. इसके लिए बकायदा फर्रुखाबाद जिला प्रशासन व संबंधित अवैध प्रवासियों से ईमेल पर सूचनाएं मांगी गई है.सूचना प्रारूप में उनके साथ उनके देश में हुए उत्पीड़न का ब्यौरा भी उपलब्ध कराने को कहा गया है.


Body:विओ- जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने बताया कि नए नागरिकता संशोधन अधिनियम के अंतर्गत अफगानिस्तान, बांग्लादेश व पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी व ईसाई धर्मावलंबी के लोगों को जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में प्रवेश कर चुके हैं. उन्हें नागरिकता दी जानी है. पिछले 14 वर्षों में कम से कम 5 वर्ष भारत में निवास कर चुके ऐसे अवैध प्रवासियों का त्वरित सर्वे कर सूचना शासन की वेबसाइट पर अपलोड की जानी है. डीएम के अनुसार, एसडीएम व थानाध्यक्षों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने- अपने कार्य क्षेत्र में रह रहे ऐसे लोगों की सूचना संकलित कर 3 दिन में निर्धारित प्रारूप पर उपलब्ध कराएं. इतना ही नहीं जानकारी संबंधित अवैध प्रवासी स्वयं भी सिटीजनशिपयूपी/ जी मेल. कॉम पर भेज सकते हैं.


Conclusion:हालांकि निर्धारित प्रारूप में व्यक्ति का नाम, पिता का नाम, अस्थाई पता, भारत में आने की तिथि, देश का नाम जहां से आए, उनके साथ हुए अत्याचार का विवरण व मोबाइल नंबर जैसी सूचनाओं का उल्लेख करना अनिवार्य होगा.

बाइट- मानवेंद्र सिंह,प जिलाधिकारी
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