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खास रिपोर्ट: कहां बिक रहा 6000 रुपये क्विंटल आलू ?

फर्रुखाबाद के रामनगरिया में लगने वाले माघ मेले में आलू को खास तरह से भून कर तैयार किया जाता है. साथ ही मसालेदार नमक और भूने आलू यहां आने वाले लोगों की खास पसंद भी हैं.

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Published : Feb 6, 2019, 11:23 PM IST

देखें रिपोर्ट

फर्रुखाबाद: रामनगरिया मेले में आकर अगर आपने यहां के आलू का स्वाद नहीं चखा तो आपका मेला घूमना अधूरा रह गया. यहां मसाले वाली चटनी आलू के स्वाद में चार चांद लगा देती है. इस मेले में बिकने वाले आलू की यही खासियत उसकी कीमत बढ़ा देते हैं. यही वजह है कि 400 रुपये क्विंटल बिकने वाला आलू यहां 6 हजार रुपये क्विंटल बिकता है. देखिये ये खास रिपोर्ट.

देखें खास रिपोर्ट.
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रामनगरिया मेले में आये ये सभी लोग यहां के भूने आलू बड़े चाव से खा रहे हैं. यहां के आलू का स्वाद लिये बिना लोग यहां से नहीं जाते. इनके आलू भूनने का तरीका भी बेहद खास होता है. आग पर कढ़ाई चढ़ाकर उसमें आलू डाला जाता है. करीब 15 से 20 मिनट तक उसे भूनने के बाद आलू को निकालकर डलिया में जोर-जोर से हिला कर उसके छिलके अलग किये जाते हैं. इसके बाद खास तौर पर मसालेदार नमक तैयार किया जाता है. साथ ही विशेष रुप से तैयार चटनी और मसालेदार नमक के साथ भूने आलू परोसे जाते हैं.


आलू तो कहीं भी मिल जाता है. लेकिन जो आलू रामनगरिया मेले में भूने जाते हैं उनका स्वाद कहीं और नहीं मिलता. यही वजह है कि यहां भूने हुए आलू 60 रुपये किलो बिक रहे हैं. यानि 6000 रुपये क्विंटल. तो अगर आप भी इस लजीज आलू का स्वाद लेना चाहते हैं माघ महीने में फर्रुखाबाद के रामनगरिया मेले में चले आइये, क्योंकि ऐसा स्वाद केवल यहीं मिलता है कहीं और नहीं.

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फर्रुखाबाद: रामनगरिया मेले में आकर अगर आपने यहां के आलू का स्वाद नहीं चखा तो आपका मेला घूमना अधूरा रह गया. यहां मसाले वाली चटनी आलू के स्वाद में चार चांद लगा देती है. इस मेले में बिकने वाले आलू की यही खासियत उसकी कीमत बढ़ा देते हैं. यही वजह है कि 400 रुपये क्विंटल बिकने वाला आलू यहां 6 हजार रुपये क्विंटल बिकता है. देखिये ये खास रिपोर्ट.

देखें खास रिपोर्ट.
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रामनगरिया मेले में आये ये सभी लोग यहां के भूने आलू बड़े चाव से खा रहे हैं. यहां के आलू का स्वाद लिये बिना लोग यहां से नहीं जाते. इनके आलू भूनने का तरीका भी बेहद खास होता है. आग पर कढ़ाई चढ़ाकर उसमें आलू डाला जाता है. करीब 15 से 20 मिनट तक उसे भूनने के बाद आलू को निकालकर डलिया में जोर-जोर से हिला कर उसके छिलके अलग किये जाते हैं. इसके बाद खास तौर पर मसालेदार नमक तैयार किया जाता है. साथ ही विशेष रुप से तैयार चटनी और मसालेदार नमक के साथ भूने आलू परोसे जाते हैं.


आलू तो कहीं भी मिल जाता है. लेकिन जो आलू रामनगरिया मेले में भूने जाते हैं उनका स्वाद कहीं और नहीं मिलता. यही वजह है कि यहां भूने हुए आलू 60 रुपये किलो बिक रहे हैं. यानि 6000 रुपये क्विंटल. तो अगर आप भी इस लजीज आलू का स्वाद लेना चाहते हैं माघ महीने में फर्रुखाबाद के रामनगरिया मेले में चले आइये, क्योंकि ऐसा स्वाद केवल यहीं मिलता है कहीं और नहीं.

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Intro:एंकर- यूपी के फर्रुखाबाद स्थित पांचाल घाट पर एक माह तक लगने वाला रामनगरिया मेला में हर तरफ आस्था की छठा देखने को मिल रही है. ऐसे में अगर आप मेला घूमने आए हैं और भुने हुए आलू का स्वाद नहीं चखा तो आपका यहां आना बेकार है. टेस्टी मसाले और टमाटर की चटनी देखकर लोगों के मुंह में दूर से ही पानी जरूर आ जाता है.


Body:विओ- जिले का आलू किसान भले ही अपनी फसल को औने- पौने दामों पर बेच रहा हो, लेकिन मेला रामनगरिया में यही आलू महंगे दामों में बेचा जाता है. मेला में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए उनके मनपसंद आलू को चटनी और मसाले वाले नमक के साथ लजीज बनाकर परोसा जा रहा है. सबसे बड़ी बात तो यह है कि जो आलू मंडी में बमुश्किल 400 रुपये कुंतल बिक रहा है. वही आलू मेले में लगी दुकानों पर 6000 रुपये कुंतल तक बेचा जा रहा है. दुकानदार आलू को आग पर कढ़ाई रखकर उसमें बालू डालकर 15 से 20 मिनट तक भूनते हैं. इसके बाद उसे निकालकर डलिया में आलू को रखकर जोर-जोर से हिला कर उसके छिलके को अलग किया जाता है. दुकानदार रामदास ने बताया कि आलू को टेस्टी बनाने के लिए कई प्रकार के मसाले डालकर नमक तैयार करते हैं. उसके साथ चटनी को हरा धनिया, टमाटर, मिर्ची, लहसुन आदि मिलाकर बनाते हैं, जो आलू के स्वाद में चार चांद लगा देता है.
बाइट-रामदास, दुकानदार


Conclusion:विओ- इस माघ मेला में रोजाना लगभग हजारों लोग अपने परिवार या दोस्तों के साथ गंगा तट पर आते हैं . पूरे दिन मेला में मनोरंजन करने के बाद लोग सिर्फ आलू ही खाना पसंद करते हैं. दिल्ली, आगरा, लखनऊ, प्रयागराज, कानपुर से लेकर कई राज्यों से लोग केवल आलू का स्वाद चखने गंगा के तट में आते हैं. आलू खाने वालों का मानना है कि आलू कहीं भी खरीदा जा सकता है, लेकिन स्वाद सिर्फ इस मेले में लगे भुने हुए आलू की दुकानों पर ही आता है , जो उनके बचपन की यादों को ताजा कर देता है. इस एक माह के मेले में हजारों कुंतल आलू दुकानदार लोगों को खिला देते हैं. आलू बेचने वाले अपने पूरे परिवार के साथ 24 घंटे लगातार यही रहते हैं.तब कहीं जाकर अच्छा आलू अपने ग्राहकों को उपलब्ध करा पाते हैं. इस बार मेले में भुना हुआ आलू 60 रुपये किलो बिक रहा है.
बाइट-शरद दीक्षित ग्राहक
विओ- फर्रुखाबाद जनपद में ही नहीं बल्कि दूर-दूर तक यहां का भुना हुआ आलू मशहूर है, क्योंकि आलू को लोग नमक, मसाले, चटनी और मक्खन से खाते हैं, जैसे होटलों में खाना खा रहे हैं. मेले में लगी सभी आलू दुकानों पर एक गरीब आदमी से लेकर अमीर आदमी भी जमीन पर बैठकर आलू का स्वाद उठाता है. डॉ अनीता मिश्रा ने बताया कि वह पिछले 15 सालों से अपने परिवार के साथ यहां आलू का स्वाद लेने आती है.
बाइट- अनिल कुमार गुप्ता, ग्राहक
बाइट -डॉ.अनीता मिश्रा, ग्राहक
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