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फर्रुखाबाद: पूर्व सपा विधायक उर्मिला राजपूत भूमाफिया घोषित, FIR के आदेश - फर्रुखाबाद में पूर्व सपा विधायक पर एफआईआर दर्ज के आदेश

उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में पूर्व सपा विधायक उर्मिला राजपूत को जिला प्रशासन की ओर से भूमाफिया घोषित कर दिया गया है. साथ ही उन पर FIR दर्ज करने के आदेश जारी किए गए हैं.

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जानकारी देते डीएम मानवेंद्र सिंह.
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Published : Aug 31, 2020, 3:45 PM IST

फर्रुखाबाद: जिले में सपा की पूर्व विधायक उर्मिला राजपूत को डीएम मानवेंद्र सिंह ने भूमाफिया घोषित किया. साथ ही फर्जी वसीयत के आधार पर वक्फ की संपत्ति कब्जा करने के मामले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं.


जिले के मोहल्ला अमीन खां निवासी नाहर सिंह राजपूत ने नूरपुर स्थित वक्फ की भूमि पर अवैध कब्जा कर फर्जी दस्तावेज तैयार कर बेचने की शिकायत डीएम से की थी. जिस पर डीएम ने एसडीएम सदर को मामले की जांच सौंपी थी. जांच रिपोर्ट के अनुसार, चकबंदी के दौरान अभिलेखों में हेराफेरी कर वक्फ का नाम हटाकर भूमि अन्य लोगों के नाम दर्ज कर दी गई थी.

तत्कालीन तहसीलदार सदर ने गैर पंजीकृत वसीयत के आधार पर विवादित भूमि को सफदर सुल्तान के नाम से खारिज कर चीनीग्राम निवासी आजादर जैदी के नाम दर्ज कर दिया, जो कि न्यायिक दृष्टि से गलत था. इसके बाद तहसीलदार सदर के आदेश पर यह भूमि अपंजीकृत वसीयत के आधार पर उर्मिला राजपूत के नाम दर्ज कर दी गई, जबकि आजादार जैदी की मौत 7 अप्रैल 2004 को हुई थी. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि वसीयत मौत से ठीक एक दिन पहले 6 अप्रैल 2004 को लिखी गई थी.

पूर्व सपा विधायक उर्मिला राजपूत भूमाफिया घोषित.

जांच रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व विधायक उर्मिला राजपूत के नाम दर्ज वक्फ भूमि की कीमत करीब तीन करोड़ 30 लाख रुपये है और इसकी वसीयत नहीं की जा सकती है. आरोप है कि उर्मिला राजपूत ने अपने प्रभाव का दुरुपयोग कर यह आदेश करा लिया था. जांच के बाद डीएम ने उर्मिला राजपूत को भूमाफिया घोषित करने के साथ ही भूमि को फिर से वक्फ में दर्ज कराए जाने का आदेश कर दिया है.

फर्रुखाबाद: जिले में सपा की पूर्व विधायक उर्मिला राजपूत को डीएम मानवेंद्र सिंह ने भूमाफिया घोषित किया. साथ ही फर्जी वसीयत के आधार पर वक्फ की संपत्ति कब्जा करने के मामले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं.


जिले के मोहल्ला अमीन खां निवासी नाहर सिंह राजपूत ने नूरपुर स्थित वक्फ की भूमि पर अवैध कब्जा कर फर्जी दस्तावेज तैयार कर बेचने की शिकायत डीएम से की थी. जिस पर डीएम ने एसडीएम सदर को मामले की जांच सौंपी थी. जांच रिपोर्ट के अनुसार, चकबंदी के दौरान अभिलेखों में हेराफेरी कर वक्फ का नाम हटाकर भूमि अन्य लोगों के नाम दर्ज कर दी गई थी.

तत्कालीन तहसीलदार सदर ने गैर पंजीकृत वसीयत के आधार पर विवादित भूमि को सफदर सुल्तान के नाम से खारिज कर चीनीग्राम निवासी आजादर जैदी के नाम दर्ज कर दिया, जो कि न्यायिक दृष्टि से गलत था. इसके बाद तहसीलदार सदर के आदेश पर यह भूमि अपंजीकृत वसीयत के आधार पर उर्मिला राजपूत के नाम दर्ज कर दी गई, जबकि आजादार जैदी की मौत 7 अप्रैल 2004 को हुई थी. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि वसीयत मौत से ठीक एक दिन पहले 6 अप्रैल 2004 को लिखी गई थी.

पूर्व सपा विधायक उर्मिला राजपूत भूमाफिया घोषित.

जांच रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व विधायक उर्मिला राजपूत के नाम दर्ज वक्फ भूमि की कीमत करीब तीन करोड़ 30 लाख रुपये है और इसकी वसीयत नहीं की जा सकती है. आरोप है कि उर्मिला राजपूत ने अपने प्रभाव का दुरुपयोग कर यह आदेश करा लिया था. जांच के बाद डीएम ने उर्मिला राजपूत को भूमाफिया घोषित करने के साथ ही भूमि को फिर से वक्फ में दर्ज कराए जाने का आदेश कर दिया है.

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