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फर्रुखाबाद: स्वास्थ्यकर्मियों के लिए पीपीई किट तैयार कर रहे कैदी

फर्रुखाबाद के जिला जेल फतेहगढ़ में करीब 15 से अधिक कैदी पीपीई किट तैयार कर रहे हैं. इस किट को बनाने में लगी लागत मात्र 300 रुपये है. यह किट मार्केट में अभी पूर्ण रूप से उपलब्ध नहीं है. कमी को पूरा करने के लिए जेल प्रशासन ने यह कदम उठाया है.

स्वास्थ्यकर्मियों के लिए पीपीई किट तैयार कर रहे कैदी
स्वास्थ्यकर्मियों के लिए पीपीई किट तैयार कर रहे कैदी
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Published : Apr 10, 2020, 3:41 PM IST

फर्रुखाबाद: कोरोना वायरस से बचाव के लिए जिला कारागार फतेहगढ़ में बंद कैदी, पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट ( पीपीई) और मास्क तैयार करने में जुटे हुए हैं. सामान्य तौर पर 550 से 800 रुपये में मिलने वाला यह किट बाजार में अभी पूर्ण रूप से उपलब्ध नहीं है. इस किट की लागत ढाई से 300 रुपये की है.

कोरोना संक्रमण से जंग के लिए स्वास्थ्य कर्मी पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट ( पीपीई) किट की कमी से जूझ रहे हैं. जिला अस्पताल में यह पीपीई किट गिनती मात्र की ही है. अब कारागार में इस कमी को पूरा करने के लिए जेल प्रशासन ने यह कदम उठाया है. जिला जेल फतेहगढ़ में करीब 15 से अधिक कैदी पीपीई किट तैयार करने में जुटे हुए हैं. जेल अधीक्षक विजय विक्रम सिंह के नेतृत्व में इस कवायद में उनका साथ सलाखों के पीछे बंद कैदी दे रहे हैं.

बता दें कि पीपीई किट का इस्तेमाल कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बेहद जरूरी है. इसे एक बार उपयोग करने के बाद नष्ट करना होता है. यह किट तीन सौ रुपये की लागत से तैयार हो रही है. जेल अधीक्षक के अनुसार, कारागार में तैयार हो रही किट बंदियों के लिए है, लेकिन अगर स्वास्थ्य विभाग की ओर से डिमांड आती है, तो अस्पतालों में इसे वितरित किया जाएगा. सामान्य तौर पर 550 से 800 रुपए में मिलने वाली यह किट बाजार में भी उपलब्ध नहीं है.

बताया जा रहा है कि पैरोल पर छूटे बंदियों का आना जब शुरू होगा, तो स्टाफ, पैरामेडिकल व उनकी सुरक्षा में तैनात लोगों व अगर किसी में कोरोना वायरस के लक्षण पाए जाते हैं, तो उसकी देखरेख में लगने वाले व्यक्तियों के लिए 15 से 20 पीपीई किट तैयार कराई जा रही है. साथ ही फेस सेफ्टी शील्ड भी बनाने का प्रयास कर रहे हैं. कैदियों की मुलाकात जब शुरू होगी तब स्टाफ व बंदी के चेहरे को बचाने के लिए उसे उपयोग में लाया जाएगा.

फर्रुखाबाद: कोरोना वायरस से बचाव के लिए जिला कारागार फतेहगढ़ में बंद कैदी, पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट ( पीपीई) और मास्क तैयार करने में जुटे हुए हैं. सामान्य तौर पर 550 से 800 रुपये में मिलने वाला यह किट बाजार में अभी पूर्ण रूप से उपलब्ध नहीं है. इस किट की लागत ढाई से 300 रुपये की है.

कोरोना संक्रमण से जंग के लिए स्वास्थ्य कर्मी पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट ( पीपीई) किट की कमी से जूझ रहे हैं. जिला अस्पताल में यह पीपीई किट गिनती मात्र की ही है. अब कारागार में इस कमी को पूरा करने के लिए जेल प्रशासन ने यह कदम उठाया है. जिला जेल फतेहगढ़ में करीब 15 से अधिक कैदी पीपीई किट तैयार करने में जुटे हुए हैं. जेल अधीक्षक विजय विक्रम सिंह के नेतृत्व में इस कवायद में उनका साथ सलाखों के पीछे बंद कैदी दे रहे हैं.

बता दें कि पीपीई किट का इस्तेमाल कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बेहद जरूरी है. इसे एक बार उपयोग करने के बाद नष्ट करना होता है. यह किट तीन सौ रुपये की लागत से तैयार हो रही है. जेल अधीक्षक के अनुसार, कारागार में तैयार हो रही किट बंदियों के लिए है, लेकिन अगर स्वास्थ्य विभाग की ओर से डिमांड आती है, तो अस्पतालों में इसे वितरित किया जाएगा. सामान्य तौर पर 550 से 800 रुपए में मिलने वाली यह किट बाजार में भी उपलब्ध नहीं है.

बताया जा रहा है कि पैरोल पर छूटे बंदियों का आना जब शुरू होगा, तो स्टाफ, पैरामेडिकल व उनकी सुरक्षा में तैनात लोगों व अगर किसी में कोरोना वायरस के लक्षण पाए जाते हैं, तो उसकी देखरेख में लगने वाले व्यक्तियों के लिए 15 से 20 पीपीई किट तैयार कराई जा रही है. साथ ही फेस सेफ्टी शील्ड भी बनाने का प्रयास कर रहे हैं. कैदियों की मुलाकात जब शुरू होगी तब स्टाफ व बंदी के चेहरे को बचाने के लिए उसे उपयोग में लाया जाएगा.

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