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अफसरों की लापरवाही, 44 गांवों के गरीबों को नहीं मिल सका आशियाना - फर्रुखाबाद में कई ग्राम पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना के पात्र शून्य

उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में कुछ ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों की लापरवाही के चलते सैकड़ों गरीबों को आशियाना नहीं मिल सका. डीएम ने अब इस मामले की जांचकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

नहीं मिल सका आशियाना
नहीं मिल सका आशियाना
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Published : Jan 17, 2021, 11:26 AM IST

फर्रुखाबादः जिले में बेघर गरीबों को घर उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पात्र लाभार्थियों का पंजीकरण कर उनकी जीओ टैगिंग के निर्देश दिए गए थे. कुछ ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों की लापरवाही के चलते फर्रुखाबाद जनपद के 44 गांवों के सैकड़ों गरीबों से एक अदद आशियाने का ख्वाब छिन गया. डीएम ने अब इस मामले की जांचकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

गरीबों को नहीं मिल सका आशियाना

अधिकारियों की लापरवाही
शासन की ओर से प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत गरीब परिवारों का सर्वे कर उनकी जियो टैगिंग पूर्ण करने के निर्देश दिए गए थे. जियो टैग किए गए लाभार्थियों की सूची भारत सरकार की वेबसाइट पर अपलोड की गई थी. इसी आधार पर विगत माह आवासों का आवंटन किया गया. इस प्रक्रिया में कुछ ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों ने या तो लाभार्थियों का चयन ही नहीं किया या उनकी जियो टैगिंग पूरी नहीं की. इसके चलते 44 ग्रामों के लगभग 500 पात्र लाभार्थी भी आवास पाने से वंचित रह गए. इन गांवों में लाभार्थियों की संख्या शून्य दर्शाई गई. ग्रामीणों की शिकायत पर मामले की जानकारी के बाद जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने जांच के आदेश दिए हैं.

शुरू हुई जांच
ईटीवी भारत ने जिला ग्राम विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक राजमणि वर्मा से बात की तो उन्होंने बताया कि भारत सरकार की वेबसाइट पर 44 गांव में लाभार्थियों की संख्या शून्य दर्शायी गई है. इन सभी ग्रामों में लाभार्थियों की पहचान की कार्रवाई की जा रही है. यह भी जांच की जा रही है कि पात्र लाभार्थियों के उपलब्ध होने के बावजूद उनकी जियो टैगिंग किन परिस्थितियों में नहीं की गई. यदि मामले में संबंधित दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ रिपोर्ट जिलाधिकारी को शीघ्र भेजी जाएगी. उन्होंने बताया कि जांच लगभग अंतिम चरण में है.

शून्य लाभार्थी संख्या वाले गांव
विकासखंड बढ़पुर- अजमतपुर, अमेठी कोहना, बाबरपुर, बिलावलपुर,देवरामपुर, धारमपुर,जेतपुर, खारबन्दी,रसीदपुर,
कुइयांबूट.
विकासखंड कमालगंज- महरूपुरखार, निनोरा श्रंखलापुर, शरफाबाद सिंगीरामपुर, सितोली, वरना बुजुर्ग.
विकासखंड मोहम्मदाबाद- अछरोडा, अर्जुनपुर, दाऊदपुर,मजरा नतासा, गोसरपुर,हुसेनपुर,दरिया मसमुले,हमीरपुर, गुड़गांव, सकवाई, संकिसा,बसंतपुर, सिटऊपुर.
विकासखंड नवाबगंज- अलहदादपुर, अमरापुर मजरा मकोड़ा, बराविकु, चंदूईया, हथोड़ा, जिराउ,सलेमपुर दुदेमई, इस्माइलपुर, ,बीरपुर, त्यौरी
विकासखंड राजेपुर- अलहदादपुर,भटौली, रामपुर,जुगराजपुर.
विकासखंड शमशाबाद- अलेपुरधोलेश्वर, गुटटी दक्षिण, इमादपुर थमरई, कुआं खेड़ा खास व सिकंदरपुर महमूद.


फर्रुखाबादः जिले में बेघर गरीबों को घर उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पात्र लाभार्थियों का पंजीकरण कर उनकी जीओ टैगिंग के निर्देश दिए गए थे. कुछ ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों की लापरवाही के चलते फर्रुखाबाद जनपद के 44 गांवों के सैकड़ों गरीबों से एक अदद आशियाने का ख्वाब छिन गया. डीएम ने अब इस मामले की जांचकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

गरीबों को नहीं मिल सका आशियाना

अधिकारियों की लापरवाही
शासन की ओर से प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत गरीब परिवारों का सर्वे कर उनकी जियो टैगिंग पूर्ण करने के निर्देश दिए गए थे. जियो टैग किए गए लाभार्थियों की सूची भारत सरकार की वेबसाइट पर अपलोड की गई थी. इसी आधार पर विगत माह आवासों का आवंटन किया गया. इस प्रक्रिया में कुछ ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों ने या तो लाभार्थियों का चयन ही नहीं किया या उनकी जियो टैगिंग पूरी नहीं की. इसके चलते 44 ग्रामों के लगभग 500 पात्र लाभार्थी भी आवास पाने से वंचित रह गए. इन गांवों में लाभार्थियों की संख्या शून्य दर्शाई गई. ग्रामीणों की शिकायत पर मामले की जानकारी के बाद जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने जांच के आदेश दिए हैं.

शुरू हुई जांच
ईटीवी भारत ने जिला ग्राम विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक राजमणि वर्मा से बात की तो उन्होंने बताया कि भारत सरकार की वेबसाइट पर 44 गांव में लाभार्थियों की संख्या शून्य दर्शायी गई है. इन सभी ग्रामों में लाभार्थियों की पहचान की कार्रवाई की जा रही है. यह भी जांच की जा रही है कि पात्र लाभार्थियों के उपलब्ध होने के बावजूद उनकी जियो टैगिंग किन परिस्थितियों में नहीं की गई. यदि मामले में संबंधित दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ रिपोर्ट जिलाधिकारी को शीघ्र भेजी जाएगी. उन्होंने बताया कि जांच लगभग अंतिम चरण में है.

शून्य लाभार्थी संख्या वाले गांव
विकासखंड बढ़पुर- अजमतपुर, अमेठी कोहना, बाबरपुर, बिलावलपुर,देवरामपुर, धारमपुर,जेतपुर, खारबन्दी,रसीदपुर,
कुइयांबूट.
विकासखंड कमालगंज- महरूपुरखार, निनोरा श्रंखलापुर, शरफाबाद सिंगीरामपुर, सितोली, वरना बुजुर्ग.
विकासखंड मोहम्मदाबाद- अछरोडा, अर्जुनपुर, दाऊदपुर,मजरा नतासा, गोसरपुर,हुसेनपुर,दरिया मसमुले,हमीरपुर, गुड़गांव, सकवाई, संकिसा,बसंतपुर, सिटऊपुर.
विकासखंड नवाबगंज- अलहदादपुर, अमरापुर मजरा मकोड़ा, बराविकु, चंदूईया, हथोड़ा, जिराउ,सलेमपुर दुदेमई, इस्माइलपुर, ,बीरपुर, त्यौरी
विकासखंड राजेपुर- अलहदादपुर,भटौली, रामपुर,जुगराजपुर.
विकासखंड शमशाबाद- अलेपुरधोलेश्वर, गुटटी दक्षिण, इमादपुर थमरई, कुआं खेड़ा खास व सिकंदरपुर महमूद.


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