फर्रुखाबादः खूंखार अपराधियों को नेस्तोनाबूत कर देने वाली खाकी की एक ऐसी मानवता सामने आई है जो मां की ममता जैसी है. हर कोई पुलिस के इस नेक काम की जमकर तारीफ कर रहा है. आप सोच रहे होंगे कि आखिर पुलिस ने ऐसा क्या कर दिया जिससे इतनी तारीफ हो रही है. चलिए आगे बताते हैं.
दरअसल, पूरा मामला फर्रुखाबाद के थाना मेरापुर क्षेत्र के गांव गणेशपुर के पास का है. यहां कुछ दिनों पहले एक नवजात बच्चे को खेत में फेंककर एक मां चली गई. बच्चे के रोने पर ग्रामीणों की भीड़ जुटी तो पुलिस को इसकी सूचना दी गई. सूचना पर थाना अध्यक्ष मेरापुर दिग्विजय सिंह पहुंचे और उन्होंने शिशु को संभाला. इसके बाद वह बच्चे को लेकर सीधे सीएससी कायमगंज पहुंचे और उसे डॉक्टरों को दिखाया. डॉक्टर ने बताया कि बच्चे के लिए कपड़े और दूध आदि की जरूरत है तो इस पर थाना अध्यक्ष मेरापुर दिग्विजय सिंह आगे आए और उन्होंने तुरंत सामान की व्यवस्था करने के निर्देश दिए.
इसके बाद पुलिस ने शिशु के लिए कपड़े और बोतल आदि मंगवाया. डॉ विपिन कुमार ने नवजात का परीक्षण किया. नवजात को स्वास्थ्य बताते हुए उसे महिला वार्ड में वार्मर मशीन में भर्ती कराया गया. पुलिस की ओर से बच्चे के पीने के लिए दूध भेजा गया. अस्पताल के स्टाफ ने बच्चे को कपड़े पहनाए और दूध पिलाया. पुलिस ने बच्चे की जरूरत का हर सामान अस्पताल प्रशासन को उपलब्ध कराया. इस दौरान पुलिस फोर्स बच्चे से जुड़ी हर जानकारी अस्पताल प्रशासन से लेती रही. जैसे ही डॉक्टरों ने बच्चे को स्वस्थ बताया तो पुलिसकर्मियों के चेहरे खुशी से खिल उठे. सभी ने राहत की सांस ली. इसके बाद जैसे ही इसकी सूचना इलाके में फैली तो कई लोग बच्चे को गोद लेने के लिए आने लगे. सीएचसी के डॉक्टर ने नवजात को उच्च चिकित्सा सुविधा के लिए पुलिस व स्वास्थ्य कर्मियों के साथ लोहिया अस्पताल भेजा.
वहीं, इस बारे में एसपी अशोक कुमार मीणा ने बताया कि ग्राम गनेशपुर थाना मेरापुर के अंतर्गत कुछ दिनों पहले एक सूचना प्राप्त हुई थी कि एक नवजात बच्चा ग्राम गनेशपुर में खेत पर पड़ा है. पुलिस ने बच्चे को सीएचसी पहुंचाया. वहां डॉक्टरों ने उसकी देखभाल की. कई लोग बच्चा गोद लेने के लिए आए हैं. वैधानिक कार्यवाही की जा रही है. इसके लिए विधिक प्रक्रिया होगी. इसको न्याय पीठ बाल कल्याण समिति देखेगी. वहीं, सोमवार को सीडब्ल्यूसी न्याय पीठ बाल कल्याण समिति प्रभारी डॉक्टर आरके शर्मा ने बताया कि शिशु पूरी तरह से स्वस्थ है. फिलहाल अभिभावक की भूमिका निभाते हुए उसे संरक्षित करा दिया गया है. वहीं, पुलिस द्वारा बच्चे को दिए गए नवजीवन की पूरे जिले में चर्चा हो रही है. हर कोई पुलिस की इस तत्परता की सराहना करने से खुद को रोक नहीं पा रहा है.
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