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लचर सिस्टम-बदहाल व्यवस्था, मरीज को यूं अस्पताल ले जाने को मजबूर परिजन - फर्रुखाबाद में बाढ़

उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में बाढ़ पीड़ित परिवार कमर तक भरे पानी के बीच से एक बीमार बुजुर्ग महिला को चारपाई पर निजी अस्पताल ले जाने को मजबूर हो गए. जनपद के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. इसके बावजूद जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह बाढ़ जैसी स्थिति जनपद में न होने की बात कह रहे हैं.

फर्रुखाबाद में मरीज को चारपाई पर अस्पताल ले गए परिजन
फर्रुखाबाद में मरीज को चारपाई पर अस्पताल ले जाते परिजन.
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Published : Aug 19, 2020, 3:25 PM IST

Updated : Aug 19, 2020, 5:08 PM IST

फर्रुखाबाद: जिले में आई बाढ़ से लोगों को हर दिन नई परेशानी से जूझना पड़ रहा है. थाना राजेपुर के बाढ़ प्रभावित कंचनपुर-सबलपुर गांव के हालात इस समय चौंकाने वाले हैं. यहां से एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जो प्रशासन की खामियां दर्शाता है. वीडियो में बाढ़ पीड़ित परिवार कमर तक भरे पानी के बीच से एक बीमार बुजुर्ग महिला को चारपाई पर निजी अस्पताल ले जाते हुए दिखाई दे रहा है.

फर्रुखाबाद में मरीज को चारपाई पर अस्पताल ले जाते परिजन.

उफना रही गंगा का जलस्तर बढ़कर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है. नदियों में आई बाढ़ का पानी तटवर्ती गांवों में भर गया है. कई संपर्क मार्गों पर बाढ़ का पानी बह रहा है, जिससे आवागमन बाधित हो गया है. इसी बीच मंगलवार को कंचनपुर-सबलपुर निवासी विजय कुमार की पत्नी विद्यावती की तबीयत खराब हो गई. नाव न होने के कारण परिजन चारपाई पर लिटाकर विद्यावती को सड़क तक ले आए और दवा दिलाने के बाद चारपाई से ही घर ले गए. इस वीडियो में दिखाई दे रहा है कि बीमार वृद्ध महिला को चारपाई पर लिटाकर उसके परिवार के कुछ लोग रास्ते में कमर तक भरे पानी के बीच कंधे पर उठाकर अस्पताल ले जा रहे हैं.

खतरे के निशान के पार गंगा का जलस्तर
गंगा का जलस्तर 136.90 मीटर पर पहुंच गया है, जोकि खतरे के निशान 137.10 मीटर से मात्र 20 सेंटीमीटर ही दूर है. नरौरा बांध से गंगा में 1,39,398 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. अभी गंगा का जलस्तर और भी बढ़ने की आशंका है, जबकि रामगंगा का जलस्तर 55 सेंटीमीटर बढ़ने से 135.35 मीटर पर पहुंच गया है. खोह हरेली और रामनगर से रामगंगा में 10,404 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है.

गांव में घुसा बाढ़ का पानी
गंगा का जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती गांव हरसिंगपुर कायस्थ, करनपुर घाट, सवितापुर, ऊगरपुर, लायकपुर, सुंदरपुर, जोगराजपुर, बमियारी, तीसराम की मड़ैया, कुंडरी, सारंगपुर, मानपुर गांव में बाढ़ का पानी भर गया है. बता दें कि एक सप्ताह से अधिक का समय बीत चुका है. बावजूद इसके जलस्तर में कोई गिरावट नजर नहीं आ रही है. लोग गांव में फंसे हुए हैं. सबसे अधिक परेशानी बीमार लोगों को अस्पताल तक ले जाने में हो रही है. अधिकांश परिवारों के घरों में राशन समाप्त हो चुका है. हकीकत यह है कि तमाम परिवारों तक मदद तो दूर प्रशासन के अधिकारी और कर्मचारी तक वहां नहीं पहुंच सके हैं.

सिस्टम की खामियां
जनपद के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. उनका जिला मुख्यालय से संपर्क मार्ग टूट चुका है, इसके बावजूद जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह बाढ़ जैसी स्थिति जनपद में न होने की बात कह रहे हैं. डीएम का दावा है कि बाढ़ चौकियों को सतर्क कर दिया गया है. अब पानी कम होना शुरू हो जाएगा. फिलहाल बाढ़ की अभी स्थिति नहीं है. अभी खतरे के निशान तक पानी पहुंचा है.

फर्रुखाबाद: जिले में आई बाढ़ से लोगों को हर दिन नई परेशानी से जूझना पड़ रहा है. थाना राजेपुर के बाढ़ प्रभावित कंचनपुर-सबलपुर गांव के हालात इस समय चौंकाने वाले हैं. यहां से एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जो प्रशासन की खामियां दर्शाता है. वीडियो में बाढ़ पीड़ित परिवार कमर तक भरे पानी के बीच से एक बीमार बुजुर्ग महिला को चारपाई पर निजी अस्पताल ले जाते हुए दिखाई दे रहा है.

फर्रुखाबाद में मरीज को चारपाई पर अस्पताल ले जाते परिजन.

उफना रही गंगा का जलस्तर बढ़कर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है. नदियों में आई बाढ़ का पानी तटवर्ती गांवों में भर गया है. कई संपर्क मार्गों पर बाढ़ का पानी बह रहा है, जिससे आवागमन बाधित हो गया है. इसी बीच मंगलवार को कंचनपुर-सबलपुर निवासी विजय कुमार की पत्नी विद्यावती की तबीयत खराब हो गई. नाव न होने के कारण परिजन चारपाई पर लिटाकर विद्यावती को सड़क तक ले आए और दवा दिलाने के बाद चारपाई से ही घर ले गए. इस वीडियो में दिखाई दे रहा है कि बीमार वृद्ध महिला को चारपाई पर लिटाकर उसके परिवार के कुछ लोग रास्ते में कमर तक भरे पानी के बीच कंधे पर उठाकर अस्पताल ले जा रहे हैं.

खतरे के निशान के पार गंगा का जलस्तर
गंगा का जलस्तर 136.90 मीटर पर पहुंच गया है, जोकि खतरे के निशान 137.10 मीटर से मात्र 20 सेंटीमीटर ही दूर है. नरौरा बांध से गंगा में 1,39,398 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. अभी गंगा का जलस्तर और भी बढ़ने की आशंका है, जबकि रामगंगा का जलस्तर 55 सेंटीमीटर बढ़ने से 135.35 मीटर पर पहुंच गया है. खोह हरेली और रामनगर से रामगंगा में 10,404 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है.

गांव में घुसा बाढ़ का पानी
गंगा का जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती गांव हरसिंगपुर कायस्थ, करनपुर घाट, सवितापुर, ऊगरपुर, लायकपुर, सुंदरपुर, जोगराजपुर, बमियारी, तीसराम की मड़ैया, कुंडरी, सारंगपुर, मानपुर गांव में बाढ़ का पानी भर गया है. बता दें कि एक सप्ताह से अधिक का समय बीत चुका है. बावजूद इसके जलस्तर में कोई गिरावट नजर नहीं आ रही है. लोग गांव में फंसे हुए हैं. सबसे अधिक परेशानी बीमार लोगों को अस्पताल तक ले जाने में हो रही है. अधिकांश परिवारों के घरों में राशन समाप्त हो चुका है. हकीकत यह है कि तमाम परिवारों तक मदद तो दूर प्रशासन के अधिकारी और कर्मचारी तक वहां नहीं पहुंच सके हैं.

सिस्टम की खामियां
जनपद के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. उनका जिला मुख्यालय से संपर्क मार्ग टूट चुका है, इसके बावजूद जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह बाढ़ जैसी स्थिति जनपद में न होने की बात कह रहे हैं. डीएम का दावा है कि बाढ़ चौकियों को सतर्क कर दिया गया है. अब पानी कम होना शुरू हो जाएगा. फिलहाल बाढ़ की अभी स्थिति नहीं है. अभी खतरे के निशान तक पानी पहुंचा है.

Last Updated : Aug 19, 2020, 5:08 PM IST
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