फर्रुखाबाद: कोरोना को लेकर पूरे देश में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन है. जिले में पुलिस प्रशासन जबर्दस्त सतर्कता बरत रही हैं. इस वजह से लोग अंतिम यात्रा से भी दूरी बनाने लगे हैं.
इस आखिरी सफर में कंधा देने से लेकर श्मशान तक जाने में परिवार के चुनिंदा लोग ही शामिल हो रहे हैं. इस कारण अर्थी को कंधा देने वालों की संख्या कम पड़ने लगी और अर्थी को कंधा बदलना मुनासिब नहीं हो पा रहा है.
कोतवाली फतेहगढ़ क्षेत्र के नेकपुर निवासी एक बुजुर्ग शख्स की मौत हो गयी थी. मृतक के शव का सुबह पांचाल घाट पर अंतिम संस्कार होना था. हालांकि आम दिनों में अंतिम संस्कार कराने के लिए 100 से 200 तक लोगों का शामिल होना आम बात है.
इन दिनों कोरोना के खौफ के चलते अंतिम संस्कार में भी लोग नहीं शामिल हो रहे हैं. इसके चलते श्मशान घाट तक जाने के लिए वृद्ध को कंधा देने वाले घर के चार एकत्र हो पाए. यही चार लोग शव को कंधा देकर गंगा घाट पहुंचे, जहां बुजुर्ग शख्स का अंतिम संस्कार किया जा सका.