फर्रुखाबादः जिले को प्रवेश सिंह यादव ने एक बार फिर गौरवान्वित होने का मौका दिया है. उन्होंने सेना में लेफ्टिनेंट बन मां-बाप के साथ पूरे प्रदेश का मान बढ़ाया है. देहरादून में 12 जून को आयोजित पासिंग आउट परेड में लेफ्टिनेंट बनकर सेना का अंग बन गए. थाना फतेहगढ़ के मोहल्ला बेवर रोड भोलेपुर के रहने वाले रिटायर्ड सैनिक वीरपाल सिंह के बेटे प्रवेश सिंह यादव इंडियन मिलिट्री अकादमी में ट्रेनिंग के बाद लेफ्टिनेंट बन गए. अब उनके घर पर बधाईयों का तांता लग रहा है.
मेहनत और लगन से मिली कामयाबी
प्रवेश सिंह यादव मूल रूप से एटा जिले के विजयपुर गांव के रहने वाले हैं. वर्तमान में वे पिता वीरपाल सिंह यादव के साथ बेवर रोड भोलेपुर में रहते हैं. मेहनत और लगन से सेना में लेफ्टिनेंट बन शामिल हुए प्रवेश सिंह यादव ने ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने कहा कि वे जब भी अपने पिता की वर्दी को देखते थे तो उन्हें सेना में जाने की प्रेरणा मिलती थी. प्रवेश ने 2013 में 90 फीसदी अंक लाकर हाईस्कूल की परीक्षा पास की. इसके बाद 2015 में 12वीं की परीक्षा में भी 85 फीसदी अंक लाए. इसके बाद एनडीए एग्जाम 2016, नेशनल डिफेंस अकैडमी एनडीए पुणे 3 ईयर, इंडियन मिलट्री अकैडमी देहरादून 1 ईयर क्लियर की. सबसे खास बात ये है कि इसके लिए प्रवेश ने कभी किसी तरह की कोचिंग नहीं ली. उन्होंने इंटरनेट को भी इस सफलता का श्रेय दिया है. वो गुरुजनों के साथ-साथ अपने माता-पिता को भी इसका क्रेडिट देते हैं.
पासिंग आउट परेड के बाद जब प्रवेश घर आए तो उनकी मां मुन्नी देवी, पिता वीरपाल सिंह यादव, भाई पंकज यादव और भाभी प्रियंका से उन्होंने आशीर्वाद लिया. प्रवेश ने कक्षा 6 से 12वीं तक की पढ़ाई डॉक्टर विरेन्द्र स्वरूप एजुकेशन सेंटर फर्रुखाबाद से की है. उन्होंने बताया कि जब पिता जी फौज में नौकरी करते थे. तब जहां उनकी पोस्टिंग होती थी, वहां प्रारंभिक शिक्षा ली.
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प्रवेश ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीएससी प्रथम वर्ष में दाखिला लिया. इसी दौरान एनडीए की परीक्षा दी. इसमें चयन के बाद 3 साल की ट्रेनिंग करने चले गए. वहां के बाद 1 साल इंडियन मिलट्री अकैडमी देहरादून में प्रशिक्षण लिया. 12 जून को पासिंग आउट परेड के बाद लेफ्टिनेंट बनकर सेना का अंग बन गए.
वहीं मां मुन्नी देवी का कहना है कि मेरे दोनों बच्चे बचपन से ही पढ़ने में बहुत होशियार थे. मेरे पति भी सेना में रहकर देश की सेवा किए और अब मेरा बेटा भी सेना में जाकर देश की सेवा करेगा. ये मेरे लिए गर्व की बात है.