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अभिभावकों और टीचरों के सहयोग से बच्चे हुए ऑनलाइन, मोबाइल पर चल रहा स्कूल

कोरोना के कारण स्कूल बंद कर दिए गए और ऑनलाइन कक्षाएं चलने लगी. जिस मोबाइल को अभिभावक बच्चों को छूने से मना करते थे. उसी मोबाइल पर अब बच्चों की कक्षाएं चल रही हैं और स्कूली बच्चे घर पर बैठकर ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं. कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षा का बच्चों की पढ़ाई पर क्या असर पड़ा. देखिए ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट में...

मोबाइल पर चल रहा स्कूल.
मोबाइल पर चल रहा स्कूल.
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Published : Dec 29, 2020, 11:10 PM IST

फर्रुखाबाद: कोरोना महामारी ने सभी प्रक्रिया में काफी बदलाव कर दिया. सभी व्यवस्थाएं महामारी के कारण ऑनलाइन कर दी गई. वहीं कोराना के कारण पढ़ाई का पूरा तरीका बदल गया. स्कूल बंद कर दिए गए और ऑनलाइन क्लासेस शुरु हो गई. ऐसे में जिन बच्चों को अभिभावक मोबाइल नहीं छूने देते थे. उसी मोबाइल के इस्तेमाल की जानकारी अभिभावक बच्चे को देने लगे. मौजूदा समय में स्कूली बच्चे मोबाइल फोन के माध्यम से घर पर बैठकर ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं.

मोबाइल पर चल रहा स्कूल.

ऑनलाइन शिक्षा के शुरूआती दिनों में स्कूली छात्रों के साथ शिक्षकों के सामने भी काफी चुनौतियां आई, लेकिन अब शिक्षक और स्कूली बच्चे दोनों ही इस प्रक्रिया में ढल गए हैं. निजी स्कूलों के साथ सरकारी स्कूलों को भी अब ऑनलाइन पढ़ाई की प्रक्रिया काफी सुगम लगने लगी है. हालांकि ग्रामीण क्षेत्र के दूरदराज में अभी भी विद्यार्थियों को स्मार्ट फोन और इंटरनेट की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

गूगल मीट और जूम पर चल रही ऑनलाइन कक्षाएं

कोरोना के कारण पूरी शिक्षा प्रणाली ऑनलाइन हो गई. स्कूली कक्षाएं गूगल मीट और जूम पर चलने लगी. निजी स्कूलों के साथ सरकारी स्कूलों को भी अब ऑनलाइन पढ़ाई की प्रक्रिया काफी सुगम लगने लगी है. हालांकि ग्रामीण क्षेत्र के दूरदराज में अभी भी विद्यार्थियों को स्मार्ट फोन और इंटरनेट की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

स्कूली परीक्षाएं भी हो रही ऑनलाइन
समय के साथ-साथ लोग नई व्यवस्था में ढलते चले गए. साल 2020 बीतने जा रहा है. अभी तक कक्षा 1 से 8 तक के स्कूल नहीं खुले हैं. ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चे कोर्स पूरा कर रहे हैं. वहीं स्कूल की अर्धवार्षित परीक्षाएं भी ऑनलाइन हो रही है. साथ ही वार्षिक परीक्षा की तैयारी भी स्कूली बच्चों ने भी ऑनलाइन शुरू कर दी है.


पहले नहीं आया समझ, अब आसान हुई ऑनलाइन पढ़ाई
कक्षा 6 की छात्रा श्रेया कटियार व प्रतिन्यु कटियार ने ईटीवी भारत के बातचीत में बताया कि टीचर अपने विषय से संबंधित वीडियो व्हाट्सएप पर भेजते थे, तो समझ में नहीं आता था. टीचर के सहयोग से अब थे धीरे-धीरे ऑनलाइन पढ़ाई समझ में आने लगी, जो समझ में नहीं आता वह टीचर फोन पर बताते हैं.

अभिभावक व टीचरों के सहयोग से ऑनलाइन हुए बच्चें

वहीं कक्षा एक की छात्रा शिक्षा यादव और सुदीक्षा यादव ने बताया कि ऑनलाइन पढ़ाई के शुरूआती समय में स्कूल के टीचरों और अभिभावकों ने काफी सहयोग किया. अब ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान किसी प्रकार की परेशानी नहीं होती है. फोन और मैसेज कर भी टीचर पढ़ाई संबंधित समस्याओं का समाधान करते हैं.


ऑनलाइन पढ़ाई से स्कूली बच्चों को हो रहा लाभ

शिक्षिका सुलीना यादव ने बताया कि करोना काल में स्कूल बंद हो गए. ऐसे में स्कूली बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई के प्रति काफी प्रेरित किया गया और उनका सहयोग किया गया. अब बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई से काफी फायद हो रहा है. उन्होंने कहा एक साल होने को हैं. अगर ऑनलाइन पढ़ाई न होती तो बच्चे कोर्स कैसे पूरा करते.

फर्रुखाबाद: कोरोना महामारी ने सभी प्रक्रिया में काफी बदलाव कर दिया. सभी व्यवस्थाएं महामारी के कारण ऑनलाइन कर दी गई. वहीं कोराना के कारण पढ़ाई का पूरा तरीका बदल गया. स्कूल बंद कर दिए गए और ऑनलाइन क्लासेस शुरु हो गई. ऐसे में जिन बच्चों को अभिभावक मोबाइल नहीं छूने देते थे. उसी मोबाइल के इस्तेमाल की जानकारी अभिभावक बच्चे को देने लगे. मौजूदा समय में स्कूली बच्चे मोबाइल फोन के माध्यम से घर पर बैठकर ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं.

मोबाइल पर चल रहा स्कूल.

ऑनलाइन शिक्षा के शुरूआती दिनों में स्कूली छात्रों के साथ शिक्षकों के सामने भी काफी चुनौतियां आई, लेकिन अब शिक्षक और स्कूली बच्चे दोनों ही इस प्रक्रिया में ढल गए हैं. निजी स्कूलों के साथ सरकारी स्कूलों को भी अब ऑनलाइन पढ़ाई की प्रक्रिया काफी सुगम लगने लगी है. हालांकि ग्रामीण क्षेत्र के दूरदराज में अभी भी विद्यार्थियों को स्मार्ट फोन और इंटरनेट की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

गूगल मीट और जूम पर चल रही ऑनलाइन कक्षाएं

कोरोना के कारण पूरी शिक्षा प्रणाली ऑनलाइन हो गई. स्कूली कक्षाएं गूगल मीट और जूम पर चलने लगी. निजी स्कूलों के साथ सरकारी स्कूलों को भी अब ऑनलाइन पढ़ाई की प्रक्रिया काफी सुगम लगने लगी है. हालांकि ग्रामीण क्षेत्र के दूरदराज में अभी भी विद्यार्थियों को स्मार्ट फोन और इंटरनेट की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

स्कूली परीक्षाएं भी हो रही ऑनलाइन
समय के साथ-साथ लोग नई व्यवस्था में ढलते चले गए. साल 2020 बीतने जा रहा है. अभी तक कक्षा 1 से 8 तक के स्कूल नहीं खुले हैं. ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चे कोर्स पूरा कर रहे हैं. वहीं स्कूल की अर्धवार्षित परीक्षाएं भी ऑनलाइन हो रही है. साथ ही वार्षिक परीक्षा की तैयारी भी स्कूली बच्चों ने भी ऑनलाइन शुरू कर दी है.


पहले नहीं आया समझ, अब आसान हुई ऑनलाइन पढ़ाई
कक्षा 6 की छात्रा श्रेया कटियार व प्रतिन्यु कटियार ने ईटीवी भारत के बातचीत में बताया कि टीचर अपने विषय से संबंधित वीडियो व्हाट्सएप पर भेजते थे, तो समझ में नहीं आता था. टीचर के सहयोग से अब थे धीरे-धीरे ऑनलाइन पढ़ाई समझ में आने लगी, जो समझ में नहीं आता वह टीचर फोन पर बताते हैं.

अभिभावक व टीचरों के सहयोग से ऑनलाइन हुए बच्चें

वहीं कक्षा एक की छात्रा शिक्षा यादव और सुदीक्षा यादव ने बताया कि ऑनलाइन पढ़ाई के शुरूआती समय में स्कूल के टीचरों और अभिभावकों ने काफी सहयोग किया. अब ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान किसी प्रकार की परेशानी नहीं होती है. फोन और मैसेज कर भी टीचर पढ़ाई संबंधित समस्याओं का समाधान करते हैं.


ऑनलाइन पढ़ाई से स्कूली बच्चों को हो रहा लाभ

शिक्षिका सुलीना यादव ने बताया कि करोना काल में स्कूल बंद हो गए. ऐसे में स्कूली बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई के प्रति काफी प्रेरित किया गया और उनका सहयोग किया गया. अब बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई से काफी फायद हो रहा है. उन्होंने कहा एक साल होने को हैं. अगर ऑनलाइन पढ़ाई न होती तो बच्चे कोर्स कैसे पूरा करते.

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