फर्रुखाबादः जिले के एक नर्सिंगहोम में पैसे न देने पर बच्ची का शव न देने का आरोप लगा परिजनों ने जमकर हंगामा किया. परिजनों का आरोप है कि उन्होंने अस्पताल प्रशासन से काफी मान मनौव्वल की लेकिन उन्हें बच्ची का शव नहीं दिया गया. इलाज के नाम पर उन्हें बकाया 26 हजार रुपए का बिल थमा दिया गया. वे काफी गरीब हैं. वहीं, अस्पताल के कर्मचारियों ने उन्हें बाहर निकाल दिया. अंत में करीब सात घंटे बाद रुपए जमा करने के बाद नर्सिंगहोम ने शव परिजनों को सौंपा.
शहर के आवास विकास स्थित कायमगंज में एक विधायक के पति नर्सिंगहोम संचालित करते हैं. मां रूबी ने बताया कि 12 सितंबर की रात शाहजहांपुर कस्बा जलालाबाद के मोहल्ला साधो सराय निवासी आकाश गिहार ने अस्पताल में एक माह की बच्ची को भर्ती कराया था. उसकी तबीयत काफी खराब थी. गुरुवार सुबह बच्ची की मौत हो गई. अस्पताल कर्मियों ने उन्हें 26 हजार रुपए का बिल थमा दिया. इस पर उन्होंने अस्पताल कर्मचारियों से मिन्नत की कि वह छह हजार रुपए जमा कर चुके हैं, अब उनके पास आठ हजार रुपए ही बचे है. आरोप है कि इस पर अस्पताल वालों ने बच्ची का शव देने से इनकार कर दिया.
रूबी और दीपक का आरोप है कि काफी मान मन्नौव्वल और हाथ जोड़ने के बावजूद अस्पताल प्रशासन शव देने को राजी नहीं हुआ. अंत में परिजनों ने हंगामा शुरू किया तो अस्पताल के कर्मचारियों न उन्हें बाहर निकाल दिया. अंत में परिजनों ने किसी तरह रुपए जमा किए तब जाकर परिजनों को शव मिला. परिजन शव लेकर चले गए. वहीं, इस मामले में अस्पताल प्रशासन का अभी तक कोई बयान सामने नहीं आया है.