ETV Bharat / state

फर्रुखाबाद: करोड़ों रुपये का बंदरबांट, स्कूलों में हुआ अमानक विद्युतीकरण - डीएम मानवेंद्र सिंह

उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले के 663 परिषदीय विद्यालय में विद्युतीकरण कराए जाने के नाम पर 1.39 करोड़ रुपये खर्च किए गए. फिर भी विद्यालयों में मानक के अनुसार विद्युतीकरण नहीं हुआ है.

डीएम मानवेंद्र सिंह
डीएम मानवेंद्र सिंह
author img

By

Published : Oct 16, 2020, 3:18 PM IST

फर्रुखाबाद: जिले के 663 परिषदीय विद्यालयों में विद्युतीकरण कराए जाने के नाम पर वर्ष 2019 में 1.39 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे, लेकिन विद्यालयों में मानक के अनुसार विद्युतीकरण नहीं हुआ. अधिकतर विद्यालयों में आंतरिक वायरिंग नहीं हुई. बिजली उपकरण भी तय मानक के अनुसार नहीं लगाए गए हैं.

जानकारी देते डीएम.

1.39 करोड़ रुपये का बंदरबांट
जिले के 500 प्राथमिक और 163 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में वर्ष 2019-20 में आंतरिक वायरिंग, पंखे और एलईडी या सीएफएल लगाए जाने के लिए 1.39 करोड़ रुपये मिले थे. शासन का आदेश था कि आंतरिक वायरिंग के दौरान आइएसआइ मार्क की केबिल, स्विच बोर्ड आदि लगाए जाएं. इसके साथ ही कंपनी का पंखा लगाया जाए. एक पंखे पर अधिकतम 1500 रुपये खर्च निर्धारित था. एक विद्यालय में अधिकतम पांच पंखे और एलईडी लगाई जानी थी. मानक के अनुसार विद्युतीकरण न होने पर संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक व संबंधित ब्लॉक के बीईओ के खिलाफ कार्रवाई के आदेश भी दिए गए थे. एक स्कूल पर 15 हजार रुपये आंतरिक वायरिंग व छह हजार रुपये से पंखे आदि पर खर्च होना था. विद्युतीकरण का पैसा आते ही विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों ने साठगांठ कर चहेते ठेकेदारों को काम दे दिया.

ठेकेदारों ने भी मनमाने तरीके से विद्युतीकरण करवाया. नगर क्षेत्र के कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय नाला स्मित सुमाल, पल्ला तालाब, अंग्रेजी माध्यम प्राथमिक विद्यालय देवरामपुर समेत जिले के अधिकतर विद्यालयों में आंतरिक वायरिंग नहीं है. बिजली उपकरण भी आइएसआइ मार्का वाले नहीं लगे हैं.

डीएम ने दी जानकारी
वहीं डीएम मानवेंद्र सिंह का कहना है कि विद्युत विभाग के अधिकारियों से मीटिंग करके निर्देशित किया जा रहा है. विद्यालयों में विद्युतीकरण भी करवाया जा रहा है. पहले कनेक्शन करवाने के 2200 रुपये लगते थे, लेकिन अब 6000 लगते हैं. हम लगातार निरीक्षण कर रहे हैं कोई भी अगर समस्या आती है, तो उसका तत्काल समाधान किया जाता है.

फर्रुखाबाद: जिले के 663 परिषदीय विद्यालयों में विद्युतीकरण कराए जाने के नाम पर वर्ष 2019 में 1.39 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे, लेकिन विद्यालयों में मानक के अनुसार विद्युतीकरण नहीं हुआ. अधिकतर विद्यालयों में आंतरिक वायरिंग नहीं हुई. बिजली उपकरण भी तय मानक के अनुसार नहीं लगाए गए हैं.

जानकारी देते डीएम.

1.39 करोड़ रुपये का बंदरबांट
जिले के 500 प्राथमिक और 163 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में वर्ष 2019-20 में आंतरिक वायरिंग, पंखे और एलईडी या सीएफएल लगाए जाने के लिए 1.39 करोड़ रुपये मिले थे. शासन का आदेश था कि आंतरिक वायरिंग के दौरान आइएसआइ मार्क की केबिल, स्विच बोर्ड आदि लगाए जाएं. इसके साथ ही कंपनी का पंखा लगाया जाए. एक पंखे पर अधिकतम 1500 रुपये खर्च निर्धारित था. एक विद्यालय में अधिकतम पांच पंखे और एलईडी लगाई जानी थी. मानक के अनुसार विद्युतीकरण न होने पर संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक व संबंधित ब्लॉक के बीईओ के खिलाफ कार्रवाई के आदेश भी दिए गए थे. एक स्कूल पर 15 हजार रुपये आंतरिक वायरिंग व छह हजार रुपये से पंखे आदि पर खर्च होना था. विद्युतीकरण का पैसा आते ही विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों ने साठगांठ कर चहेते ठेकेदारों को काम दे दिया.

ठेकेदारों ने भी मनमाने तरीके से विद्युतीकरण करवाया. नगर क्षेत्र के कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय नाला स्मित सुमाल, पल्ला तालाब, अंग्रेजी माध्यम प्राथमिक विद्यालय देवरामपुर समेत जिले के अधिकतर विद्यालयों में आंतरिक वायरिंग नहीं है. बिजली उपकरण भी आइएसआइ मार्का वाले नहीं लगे हैं.

डीएम ने दी जानकारी
वहीं डीएम मानवेंद्र सिंह का कहना है कि विद्युत विभाग के अधिकारियों से मीटिंग करके निर्देशित किया जा रहा है. विद्यालयों में विद्युतीकरण भी करवाया जा रहा है. पहले कनेक्शन करवाने के 2200 रुपये लगते थे, लेकिन अब 6000 लगते हैं. हम लगातार निरीक्षण कर रहे हैं कोई भी अगर समस्या आती है, तो उसका तत्काल समाधान किया जाता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.