फर्रुखाबाद: डॉ. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट की ओर से दिव्यांगों को निःशुल्क उपकरण बांटने में फर्जीवाड़ा सामने आया था. इस मामले में पूर्व केंद्रीय विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद व ट्रस्ट के सचिव अतहर फारुकी की अग्रिम जमानत याचिका सत्र न्यायालय ने खारिज कर दी है. दरअसल इस फर्जीवाड़े का मामला जिले के बिलासपुर कोतवाली में दर्ज हुआ था.
डॉ. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट फर्रुखाबाद को निःशुल्क उपकरण बांटने के लिए 71.50 लाख रुपये अनुदान राशि दी गई थी. यह राशि सामाजिक न्याय एवं आधिकारिक मंत्रालय द्वारा यूपी के 17 जिलों में दिव्यांगों के लिए दी गई थी. इसमें रामपुर जिले के लिए भी करीब चार लाख रुपये मिले थे. आरोप है कि ट्रस्ट की ओर से जिले की बिलासपुर तहसील में कैंप लगाकर उपकरण बांटे जाने थे, लेकिन ट्रस्ट की ओर से बिना कैंप लगाए सिर्फ कागजों में ही उपकरण बांट दिए गए.
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साल 2010 में यह घोटाला सामने आया था. वहीं ठीक ऐसे ही मामले दूसरे कई जिलों में भी सामने आए थे. तब आर्थिक अपराध शाखा लखनऊ से इसकी जांच कराई गई और जिन जिलों में घोटाला पकड़ा गया, वहां मुकदमा दर्ज कराया गया था. यहां भी बिलासपुर के तत्कालीन तहसीलदार समेत जिला समाज कल्याण अधिकारी व ट्रस्ट के प्रतिनिधि प्रत्युष शुक्ला के खिलाफ गबन की रिपोर्ट दर्ज की गई थी. विवेचना के बाद पुलिस ने कांग्रेस नेता की पत्नी लुईस खुर्शीद और ट्रस्ट के सचिव का नाम भी मुकदमे में शामिल कर दिया था. इसके साथ ही सभी के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल कर दी गई थी.
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हालांकि अब यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है. इस मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद एवं ट्रस्ट के सचिव ने सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई थी, इसको लेकर अग्रिम जमानत याचिका सत्र न्यायालय ने खारिज कर दी है.