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फर्रुखाबाद में फिर शुरू हुआ अवैध खनन का खेल, सिस्टम फेल!

उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में अवैध खनन का कारोबार तेजी से फैल रहा है. बड़े पैमाने पर चल रहे इस खेल को जिम्मेदार बखूबी जानते हैं, लेकिन कार्रवाई के बजाय नजरें फेरे रहते हैं. कुछ कारोबारी मिट्टी और बालू का अवैध खनन करके अपनी जेब भर रहे हैं.

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Published : Oct 26, 2020, 4:12 PM IST

फर्रुखाबाद में अवैध खनन.
फर्रुखाबाद में अवैध खनन.

फर्रुखाबाद: जिले में इस समय अवैध खनन का काला कारोबार चरम पर है. मीडिया में मामला आने के बाद अफसर अपनी साख बचाने के लिए दो-चार का चालान काटते हैं, लेकिन बाद में वही ट्रैक्टर, जेसीबी और डम्पर अपने टायरों तले सरकार के फरमान को रौंदना शुरू कर देते हैं. मिट्टी का खनन करने से लेकर उसे ठिकाने तक पहुंचाने में अवैध कारोबारी नियमों को अपने सिस्टम के जरिए फेल कर देते हैं. पुलिसकर्मी दबी जुबान इस खेल के फलने-फूलने की बात स्वीकार भी करते हैं.

दर्जनों स्थानों पर हो रहा बेरोकटोक अवैध खनन
पिछले दिनों नेकपुर कला में एक पुराने तालाब में डम्पर से मिट्टी डालने की रफ्तार तेज है. पूरे क्षेत्र को पता है कि कहां से अवैध खनन होकर मिट्टी लाई जा रही है लेकिन जिम्मेदार चुप हैं. पता चला है कि काफी दिनों से गांव की जमीनों को अवैध रूप से खोखला किया जा रहा है. ग्रामीण इसका विरोध करते हैं तो उनकी ही जान पर बनी रहती है. कई स्थानों पर खाकी, खादी के गठजोड़ से अवैध खनन किया जा रहा है. वैसे अवैध खनन के यह मामला एक बानगी मात्र है. हकीकत में इस प्रकार का अवैध धंधा जिले के दर्जनों स्थानों पर बेखौफ तरीके से चल रहा है. जबकि अवैध खनन को रोकने के नाम पर एक की दो-धर पकड़कर औपचारिकता निभाई जाती है.

रात के अंधेरे में होता है खनन
सूत्रों से मिली जाकारी के अनुसार, खनन माफिया चिह्नित स्थान पर रात के अंधेरे में मशीनों से अवैध खनन करते हैं. इसके बाद यहां से निकलने वाली मिट्टी को डंपर और ट्रैक्टर से गंतव्य तक पहुंचाया जाता है, जब वहां से अपने गन्तव्य को रवाना होते हैं तो आगे आने वाले खतरों की निगरानी के लिए सफेद रंग की लग्जरी गाड़ियां उनकी पेट्रोलिंग करती हुई चलती हैं. इस बीच यदि कोई संकट आता है तो वाहन सवार अवैध कारोबारियों के गुर्गे पहले से अलर्ट कर देते हैं.

पुलिस अधिकारियों के घरों की भी निगरानी
सूत्रों की मानें तो जब कभी कोई सख्त अधिकारी आ जाता है तो उससे निबटने के लिए अवैध कारोबारी उसकी भी नाकेबंदी करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ते. अवैध खनन करने वाले खदान से गाड़ियों को बाहर निकालने से पहले उस अधिकारी की लोकेशन लेने के लिए उसके बंगले या ऑफिस के आसपास अपनी-अपनी गाड़ियों पर सवार होकर खड़े हो जाते हैं. इसके बाद एक गाड़ी मिट्टी लेकर निकल रहे डंपर और ट्रैक्टरों के आगे आगे चलती है.

खनन को लेकर लगातार कार्रवाई चल रही है. नेकपुर में चल रहे डम्परों को पकड़ने का प्रयास किया गया था, लेकिन वह हाथ नहीं लगे. लगातार खनन करने वालों पर नजर रखी जा रही है. जल्द ही कार्रवाई अमल में लाई जायेगी.

राजीव रंजन, खनन निरीक्षक, फर्रुखाबाद

फर्रुखाबाद: जिले में इस समय अवैध खनन का काला कारोबार चरम पर है. मीडिया में मामला आने के बाद अफसर अपनी साख बचाने के लिए दो-चार का चालान काटते हैं, लेकिन बाद में वही ट्रैक्टर, जेसीबी और डम्पर अपने टायरों तले सरकार के फरमान को रौंदना शुरू कर देते हैं. मिट्टी का खनन करने से लेकर उसे ठिकाने तक पहुंचाने में अवैध कारोबारी नियमों को अपने सिस्टम के जरिए फेल कर देते हैं. पुलिसकर्मी दबी जुबान इस खेल के फलने-फूलने की बात स्वीकार भी करते हैं.

दर्जनों स्थानों पर हो रहा बेरोकटोक अवैध खनन
पिछले दिनों नेकपुर कला में एक पुराने तालाब में डम्पर से मिट्टी डालने की रफ्तार तेज है. पूरे क्षेत्र को पता है कि कहां से अवैध खनन होकर मिट्टी लाई जा रही है लेकिन जिम्मेदार चुप हैं. पता चला है कि काफी दिनों से गांव की जमीनों को अवैध रूप से खोखला किया जा रहा है. ग्रामीण इसका विरोध करते हैं तो उनकी ही जान पर बनी रहती है. कई स्थानों पर खाकी, खादी के गठजोड़ से अवैध खनन किया जा रहा है. वैसे अवैध खनन के यह मामला एक बानगी मात्र है. हकीकत में इस प्रकार का अवैध धंधा जिले के दर्जनों स्थानों पर बेखौफ तरीके से चल रहा है. जबकि अवैध खनन को रोकने के नाम पर एक की दो-धर पकड़कर औपचारिकता निभाई जाती है.

रात के अंधेरे में होता है खनन
सूत्रों से मिली जाकारी के अनुसार, खनन माफिया चिह्नित स्थान पर रात के अंधेरे में मशीनों से अवैध खनन करते हैं. इसके बाद यहां से निकलने वाली मिट्टी को डंपर और ट्रैक्टर से गंतव्य तक पहुंचाया जाता है, जब वहां से अपने गन्तव्य को रवाना होते हैं तो आगे आने वाले खतरों की निगरानी के लिए सफेद रंग की लग्जरी गाड़ियां उनकी पेट्रोलिंग करती हुई चलती हैं. इस बीच यदि कोई संकट आता है तो वाहन सवार अवैध कारोबारियों के गुर्गे पहले से अलर्ट कर देते हैं.

पुलिस अधिकारियों के घरों की भी निगरानी
सूत्रों की मानें तो जब कभी कोई सख्त अधिकारी आ जाता है तो उससे निबटने के लिए अवैध कारोबारी उसकी भी नाकेबंदी करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ते. अवैध खनन करने वाले खदान से गाड़ियों को बाहर निकालने से पहले उस अधिकारी की लोकेशन लेने के लिए उसके बंगले या ऑफिस के आसपास अपनी-अपनी गाड़ियों पर सवार होकर खड़े हो जाते हैं. इसके बाद एक गाड़ी मिट्टी लेकर निकल रहे डंपर और ट्रैक्टरों के आगे आगे चलती है.

खनन को लेकर लगातार कार्रवाई चल रही है. नेकपुर में चल रहे डम्परों को पकड़ने का प्रयास किया गया था, लेकिन वह हाथ नहीं लगे. लगातार खनन करने वालों पर नजर रखी जा रही है. जल्द ही कार्रवाई अमल में लाई जायेगी.

राजीव रंजन, खनन निरीक्षक, फर्रुखाबाद

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