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बिना NOC संचालित हो रहे होटल और गेस्ट हाउस, देखा गया सुरक्षा उपकरणों का अभाव

लखनऊ में लेवाना होटल में आग लगी की घटना के बाद जिले के अधिकारियों की नींद टूटी और अचानक जांच में जुट गए हैं. जनपद में करीब डेढ़ सौ से अधिक होटल, गेस्ट हाउस, रेस्टोरेंट संचालित हो रहे हैं.

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पुलिस फायर स्टेशन
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Published : Sep 7, 2022, 6:14 PM IST

फर्रुखाबाद: लखनऊ में लेवाना होटल में आग लगी की घटना के बाद जिले के अधिकारियों की नींद टूटी और अचानक जांच में जुट गए हैं. जनपद में करीब डेढ़ सौ से अधिक होटल, गेस्ट हाउस, रेस्टोरेंट संचालित हो रहे हैं. इनके संचालन के लिए किसी ने भी अग्निशमन विभाग से एनओसी नहीं ली है और न ही पंजीकरण कराया है. अमानक तरीके से संचालन कर लोगों की जान खतरे में डाल रहे हैं. वहीं, अग्निशमन अधिकारी विजय कुमार त्रिपाठी ने निरीक्षण कर नोटिस जारी करने की बात कही है.
बता दें कि, जनपद में गेस्ट हाउस, रेस्टोरेंट, होटल संचालित हो रहे हैं. होटल और रेस्टोरेंट में प्रवेश के लिए कम से कम ढाई मीटर चौड़ा और 8 फीट ऊंचा गेट होना चाहिए. इसके अलावा पांच बाई 4 फीट के अन्य दरवाजे भी शामिल किए गए हैं. ऊपरी भवन में जाने के लिए डेढ़ मीटर चौड़ाई में दो जीना और साढ़े 3 मीटर की रेंप जरूरी है.

अग्निशमन अधिकारी विजय प्रकाश त्रिपाठी
जनपद के अधिकांश होटल, रेस्टोरेंट और गेस्ट हाउस में इन मानकों का अभाव है. वहीं, कई होटलों में तो मानक के अनुसार ना तो सीढ़ियां बनाई गई और न ही निकास की अच्छी व्यवस्था है. कुछ होटलों में बेसमेंट भी बने हैं. अधिक कमाई के लिए बेसमेंट में माल खोल रखे हैं. लेकिन अधिकारियों ने कभी ध्यान नहीं दिया. अधिकांश होटलों और गेस्ट हाउस में पार्किंग की व्यवस्था ही नहीं है. जनपद में कई स्थानों पर कई मंजिला होटल संचालित हैं. अधिकांश में फायर फाइटिंग सिस्टम नहीं लगाए हैं और न ही अग्निशमन विभाग से इनकी जांच की गई है. कुछ जगहों पर लोग मियाद खत्म अग्निशमन यंत्र रखे हैं. उन की वैधता समाप्त हो चुकी है.

इसे भी पढ़ेंःलखनऊ के होटल लेवाना अग्निकांड के बाद जागी पुलिस, फायर सेफ्टी को लेकर पूरे प्रदेश में की चेकिंग

अग्निशमन अधिकारी विजय प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि जनपद में होटल, रेस्टोरेंट की संख्या लगभग 100 हैं. इनमें 65 का निरीक्षण कर हो चुका है. हॉस्पिटल करीब 120 हैं. निरीक्षण के दौरान लगभग सभी में कमियां पाई गई. मौके पर भी इनको समझाया जा रहा है और नोटिस देकर भी इन लोगों को सचेत किया जा चुका है. सभी संचालकों को समझाया जाता है. कुछ तो बात मान लेते हैं पर कुछ संचालक बात नहीं मानते. उनको भी मोटिवेट करने का प्रयास रहता है. हम लोग जो संबंधित विभाग से संबंधित विभाग को सूचित कर देते हैं. उन्होंने बताया 65 गेस्ट हाउस,50 हॉस्पिटल हो गए हैं कुछ स्कूल भी हुए हैं. नोटिस करीब-करीब सभी लोगों को जारी किए गए हैं.
इसे भी पढ़ेंः लखनऊ के होटल लेवाना में लगी आग, चार की मौत, कई लोगों के फंसे होने की आशंका

फर्रुखाबाद: लखनऊ में लेवाना होटल में आग लगी की घटना के बाद जिले के अधिकारियों की नींद टूटी और अचानक जांच में जुट गए हैं. जनपद में करीब डेढ़ सौ से अधिक होटल, गेस्ट हाउस, रेस्टोरेंट संचालित हो रहे हैं. इनके संचालन के लिए किसी ने भी अग्निशमन विभाग से एनओसी नहीं ली है और न ही पंजीकरण कराया है. अमानक तरीके से संचालन कर लोगों की जान खतरे में डाल रहे हैं. वहीं, अग्निशमन अधिकारी विजय कुमार त्रिपाठी ने निरीक्षण कर नोटिस जारी करने की बात कही है.
बता दें कि, जनपद में गेस्ट हाउस, रेस्टोरेंट, होटल संचालित हो रहे हैं. होटल और रेस्टोरेंट में प्रवेश के लिए कम से कम ढाई मीटर चौड़ा और 8 फीट ऊंचा गेट होना चाहिए. इसके अलावा पांच बाई 4 फीट के अन्य दरवाजे भी शामिल किए गए हैं. ऊपरी भवन में जाने के लिए डेढ़ मीटर चौड़ाई में दो जीना और साढ़े 3 मीटर की रेंप जरूरी है.

अग्निशमन अधिकारी विजय प्रकाश त्रिपाठी
जनपद के अधिकांश होटल, रेस्टोरेंट और गेस्ट हाउस में इन मानकों का अभाव है. वहीं, कई होटलों में तो मानक के अनुसार ना तो सीढ़ियां बनाई गई और न ही निकास की अच्छी व्यवस्था है. कुछ होटलों में बेसमेंट भी बने हैं. अधिक कमाई के लिए बेसमेंट में माल खोल रखे हैं. लेकिन अधिकारियों ने कभी ध्यान नहीं दिया. अधिकांश होटलों और गेस्ट हाउस में पार्किंग की व्यवस्था ही नहीं है. जनपद में कई स्थानों पर कई मंजिला होटल संचालित हैं. अधिकांश में फायर फाइटिंग सिस्टम नहीं लगाए हैं और न ही अग्निशमन विभाग से इनकी जांच की गई है. कुछ जगहों पर लोग मियाद खत्म अग्निशमन यंत्र रखे हैं. उन की वैधता समाप्त हो चुकी है.

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अग्निशमन अधिकारी विजय प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि जनपद में होटल, रेस्टोरेंट की संख्या लगभग 100 हैं. इनमें 65 का निरीक्षण कर हो चुका है. हॉस्पिटल करीब 120 हैं. निरीक्षण के दौरान लगभग सभी में कमियां पाई गई. मौके पर भी इनको समझाया जा रहा है और नोटिस देकर भी इन लोगों को सचेत किया जा चुका है. सभी संचालकों को समझाया जाता है. कुछ तो बात मान लेते हैं पर कुछ संचालक बात नहीं मानते. उनको भी मोटिवेट करने का प्रयास रहता है. हम लोग जो संबंधित विभाग से संबंधित विभाग को सूचित कर देते हैं. उन्होंने बताया 65 गेस्ट हाउस,50 हॉस्पिटल हो गए हैं कुछ स्कूल भी हुए हैं. नोटिस करीब-करीब सभी लोगों को जारी किए गए हैं.
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