फर्रुखाबादः जिले में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के करीब बह रहा है. गंगा के किनारे बसे गांव के लोगों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. तटवर्ती गांव के घरों में बाढ़ का पानी भर जाने से लोग ऊंचे स्थानों पर जाने को मजबूर हैं. क्षेत्र में बाढ़ का पानी भर जाने के कारण ग्रामीण नावों से आवागमन कर रहे हैं. नरौरा बांध से गंगा में 2,13,749 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इसके चलते गंगा का जलस्तर 137.10 मीटर तक पहुंच गया है.
बरुआ के रहने वाले हरपाल ने बताया कि बदायूं मार्ग चित्रकूट के निकट बाढ़ का पानी तेज धार के साथ बह रहा है. इससे आवागमन बाधित हो गया है. तटवर्ती गांव के घरों में बाढ़ का पानी भर जाने से लोग ऊंचे स्थानों पर जा रहे हैं. गंगा के पास के गांव में बाढ़ का पानी भराने से संपर्क मार्गों पर नाव के सहारे लोग आवागमन कर रहे हैं. गांव अंबरपुर, आशा की मड़ैया, जोगराजपुर, सैदापुर, हरसिंहपुर कायस्थ में लोगों के घरों में भर गया है. इससे लोगों की मुसीबतें बढ़ गई हैं. किसानों का कहना है कि क्षेत्र के कासिमपुर तराई, वाजिदपुर कटरी तौफीक, अचानकपुर, अजीरजाबाद के गांव में पानी भर गया है और संपर्क टूट गया है.
ग्रामीणों ने बताया कि प्रशासन की तरफ से नाव उपलब्ध कराई गई हैं. कुछ और जगह भी नाव उपलब्ध कराई जा रही हैं. जिन विद्यालयों में पानी भर गया है. उनको अन्य विद्यालयों में शिफ्ट किया जा रहा है. पानी भर जाने से पशुओं के चारे की समस्या हो गई है. इससे ग्रामीण मवेशियों को अपने रिश्तेदारों के यहां ले जा रहे हैं. गांव स्मैचीपुर चितार में बाढ़ का पानी भरने से अधिकांश लोग सड़क के किनारे रहने लगे हैं. उन्होंने अपने मवेशी भी सड़क पर ही बांधे हुए हैं.
जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह ने बताया कि बाढ़ क्षेत्र में चौकियां बनाई गई हैं. अधिकारी लगातार गांव में जाकर निरीक्षण कर रहे हैं. बाढ़ क्षेत्र में नाव लगाई गई हैं. डॉक्टरों की टीमें लगातार अपना काम कर रही हैं, जिन क्षेत्र में बाढ़ आई है. वहां अधिकारी लगातार क्षेत्र के लोगों से बातचीत कर रहे हैं. उनकी समस्याओं को दूर करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं. लेखपाल और अन्य अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि बाढ़ वाले क्षेत्रों में जाकर भ्रमण करें और जो समस्याएं हो. उसका समाधान करें.
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