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Flood in UP : फर्रुखाबाद गौशाला में आया बाढ़ का पानी, प्रयागराज और बागपत में भी लोग परेशान - बागपत में बाढ़

यूपी के कई जिलों में बाढ़ (Flood in UP) से हालात बेकाबू होने लगे हैं. नदी के किनारे बसे गांवों के लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने लगे हैं. नदियां उफान मार रहीं हैं. इससे प्रशासन की भी नींद उड़ी हुई है.

गंगा और यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी से लोग दहशत में हैं.
गंगा और यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी से लोग दहशत में हैं.
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Published : Jul 14, 2023, 10:43 PM IST

फर्रुखाबाद : सूबे के कई शहरों में लगातार बारिश से नदियां उफान पर हैं. इससे नदी के किनारे बसे कई गांव बाढ़ की चपेट में हैं. काफी संख्या में लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर चुके हैं. फर्रुखाबाद के गांव कंचनपुर सवलपुर की गौशाला में भी बाढ़ का पानी घुस गया है. जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह ने अपर जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी अमृतपुर के साथ ट्रैक्टर से निरीक्षण किया. जिलाधिकारी ने गौशाला में पानी आ जाने की सूचना न देने पर लेखपाल मोहित गुप्ता के प्रति नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने कटान होने से पहले सभी ग्रामीणों व गौवंशों को दूसरी जगह शिफ्ट कराने के निर्देश दिए.

जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह ने अपर जिलाधिकारी एवं उप जिलाधिकारी अमृतपुर के साथ गंगा नदी के कटान क्षेत्र ग्राम सैदापुर, कंचनपुर सवलपुर, रामगंगा नदी कटान क्षेत्र ग्राम अलादादपुर भटोली तहसील अमृतपुर का स्थलीय निरीक्षण किया. इन ग्रामों में अभी कटान की स्थिति नहीं है. डीएम ने मेडिकल टीम भेजकर ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण कराने के निर्देश दिए. रामगंगा नदी के कटान क्षेत्र ग्राम अलादादपुर भटोली में मौके पर बताया गया कि विगत वर्ष कटान के किनारे रह रहे 23 ग्रामीणों को आवासीय पट्टा एवं 08 लोगों को मुख्यमंत्री आवास आदि का लाभ दिया जा चुका है.

गंगा और यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी से लोग दहशत में हैं.

प्रयागराज में गंगा और यमुना के जलस्तर में इजाफा : पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश का असर अब संगम की धरती प्रयागराज में भी दिखने लगा है. गंगा और यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी होनी शुरू हो गई है. दिल्ली में कहर बरपा रही यमुना का पानी प्रयागराज तक पहुंचेगा तो यहां के हालात भी बिगड़ सकते हैं. जलस्तर की वजह से संगम तट पर घाट लगाने वाले पुरोहित भी अपने तख्त को ऊपर की तरफ हटाते रहते हैं. घाटों पर बढ़ते हुए जलस्तर को देखते हुए डीप वाटर बेरिकेडिंग करने के साथ ही चेतावनी का बोर्ड भी लगाया गया है. इस पर साफ साफ लिखा हुआ है पानी गहरा है, आगे न जाएं. वहीं दारागंज तेलियरगंज चांदपुर सलोरी बघाड़ा के साथ ही गंगा और यमुनापार में निचले इलाके में रहने वालों की चिंता बढ़ गई है. प्रयागराज में नदी में बाढ़ की शुरुआत जुलाई के अंत या अगस्त माह में होती थी. बारिश और बाधों से पानी छोड़े जाने की वजह से गंगा यमुना में जलस्तर बढ़ रहा है.बीते 24 घंटे में गंगा नदी का जलस्तर 12 से 13 सेंटीमीटर बढ़ा है. जबकि यमुना के जलस्तर में 20 सेमी की बढ़ोत्तरी हुई है, शुक्रवार को गंगा नदी का फाफामऊ में जलस्तर 77.85 और छतनाग में 74.41 मीटर दर्ज किया गया है. हालांकि दोनों नदियों का डेंजर लेवल 84.734 मीटर है. फिलहाल दोनों नदियां डेंजर लेवल से लगभग 7 मीटर नीचे बह रहीं हैं. लेकिन उसके बावजूद सिंचाई विभाग और बाढ़ कंट्रोल रूम से लगातार गंगा-यमुना नदियों के बढ़ते जलस्तर की निगरानी की जा रही है. सिंचाई विभाग से मिली जानकारी के अनुसार गंगा नदी में हरिद्वार बांध से 97 हजार 249 क्यूसेक और नरौरा डैम से 1 लाख 70 हजार 574 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. वहीं कानपुर बांध से 1 लाख 6 हजार 424 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इन बांधों से छोड़ा गया पानी दो से तीन दिन में प्रयागराज पहुंच सकता है.

बागपत में भी बाढ़ से हालात बिगड़ गए हैं.

बागपत में कई गांव बाढ़ की चपेट में : बागपत में यमुना का रौद्र रूप लगातार कहर बरपा रहा है. दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. जिला प्रशासन इस जलजले से निपटने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है, लेकिन खेकड़ा क्षेत्र के सुभानपुर, अब्दुल्लापुर, गढ़ी में स्थिति ज्यादा खराब होती जा रही है. अब्दुल्लापुर और सुभानपुर गांव के लोग चारों तरफ पानी के कारण अपने छतों पर गुजारा कर रहे हैं. गुरुवार की रात अलीपुर बांध का तटबंध टूट गया था जिसके कारण तीनों गांव में पानी भर गया है. गांवों से लोगों का पलायन जारी है. गांव अब्दुलपुर निवासी मोहित ने बताया कि में पानी भरा हुआ है. मकान के पीछे पानी भरा हुआ है. स्थानीय युवक रोहित शर्मा ने बताया कि अब्दुलपुर गांव में पीने का पानी तक नहीं है. गांव में बना घर गिरने वाला है. 4 से पांच घर गिर चुके हैं. डीएम जितेंन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि बचाव और राहत कार्य इसमें चल रहा है. तटबंध कटा है, गाजियाबाद के जिला अधिकारी आरके सिंह की पूरी टीम भी लगी हुई है. जल्द ही इस कार्य में हम सफल हो जाएंगे.

यह भी पढ़ें : गोरखपुर, फतेहपुर और रामपुर में तेज बारिश से सड़कें बन गईं तालाब, पानी में गिर गई दुल्हन

मुजफ्फरनगर में हिंडन नदी भी उफान पर है.
मुजफ्फरनगर में हिंडन नदी भी उफान पर है.

मुजफ्फरनगर में हिंडन नदी में उफान : मुजफ्फरनगर में हिंडन नदी के उफान से कसौली व बुड्ढ़ाखेड़ा गांव मार्ग का संपर्क टूट गया है. सड़क पर दो से तीन फीट तक पानी भरा है. कस्बा चरथावल हिंडन नदी उफान पर होने से कई गांवों के किसानों की हजारों बीघा फसल डूबकर बर्बाद हो गई है. सड़क पर दो से तीन फीट तक पानी आने से कसौली-बुडढ़ाखेड़ा मार्ग का संपर्क टूट गया है. एसडीएम सदर परमानंद झा और नायब तहसीलदार राजकुमार और कानूनगो प्रवीण गुप्ता ने मौका मुआयना किया है. गौशाला में पानी भरने से 143 गौवंशों को प्राइमरी पाठशाला प्रांगण में सुरक्षित पहुंचाया गया है. चरथावल क्षेत्र के कसौली, बुड्ढ़ाखेड़ा, छिमाऊ, न्यामू, सिकंदरपुर, नंगला राई, अकबरगढ़, पीपलशाह, कुल्हेड़ी आदि गांव नदी किनारे बसे हुए हैं. यहां के हजारों किसानों का कृषि योग्य जमीन का रकबा नदी के किनारे है. नदी के पानी ने खेतों की तरफ रुख कर लिया है. हजारों बीघा फसल पानी में डूब गई है.

यह भी पढ़ें : यूपी में बारिश का कहर : कई गांवों में घुसा बाढ़ का पानी, लोगों के आवागमन बंद

फर्रुखाबाद : सूबे के कई शहरों में लगातार बारिश से नदियां उफान पर हैं. इससे नदी के किनारे बसे कई गांव बाढ़ की चपेट में हैं. काफी संख्या में लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर चुके हैं. फर्रुखाबाद के गांव कंचनपुर सवलपुर की गौशाला में भी बाढ़ का पानी घुस गया है. जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह ने अपर जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी अमृतपुर के साथ ट्रैक्टर से निरीक्षण किया. जिलाधिकारी ने गौशाला में पानी आ जाने की सूचना न देने पर लेखपाल मोहित गुप्ता के प्रति नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने कटान होने से पहले सभी ग्रामीणों व गौवंशों को दूसरी जगह शिफ्ट कराने के निर्देश दिए.

जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह ने अपर जिलाधिकारी एवं उप जिलाधिकारी अमृतपुर के साथ गंगा नदी के कटान क्षेत्र ग्राम सैदापुर, कंचनपुर सवलपुर, रामगंगा नदी कटान क्षेत्र ग्राम अलादादपुर भटोली तहसील अमृतपुर का स्थलीय निरीक्षण किया. इन ग्रामों में अभी कटान की स्थिति नहीं है. डीएम ने मेडिकल टीम भेजकर ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण कराने के निर्देश दिए. रामगंगा नदी के कटान क्षेत्र ग्राम अलादादपुर भटोली में मौके पर बताया गया कि विगत वर्ष कटान के किनारे रह रहे 23 ग्रामीणों को आवासीय पट्टा एवं 08 लोगों को मुख्यमंत्री आवास आदि का लाभ दिया जा चुका है.

गंगा और यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी से लोग दहशत में हैं.

प्रयागराज में गंगा और यमुना के जलस्तर में इजाफा : पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश का असर अब संगम की धरती प्रयागराज में भी दिखने लगा है. गंगा और यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी होनी शुरू हो गई है. दिल्ली में कहर बरपा रही यमुना का पानी प्रयागराज तक पहुंचेगा तो यहां के हालात भी बिगड़ सकते हैं. जलस्तर की वजह से संगम तट पर घाट लगाने वाले पुरोहित भी अपने तख्त को ऊपर की तरफ हटाते रहते हैं. घाटों पर बढ़ते हुए जलस्तर को देखते हुए डीप वाटर बेरिकेडिंग करने के साथ ही चेतावनी का बोर्ड भी लगाया गया है. इस पर साफ साफ लिखा हुआ है पानी गहरा है, आगे न जाएं. वहीं दारागंज तेलियरगंज चांदपुर सलोरी बघाड़ा के साथ ही गंगा और यमुनापार में निचले इलाके में रहने वालों की चिंता बढ़ गई है. प्रयागराज में नदी में बाढ़ की शुरुआत जुलाई के अंत या अगस्त माह में होती थी. बारिश और बाधों से पानी छोड़े जाने की वजह से गंगा यमुना में जलस्तर बढ़ रहा है.बीते 24 घंटे में गंगा नदी का जलस्तर 12 से 13 सेंटीमीटर बढ़ा है. जबकि यमुना के जलस्तर में 20 सेमी की बढ़ोत्तरी हुई है, शुक्रवार को गंगा नदी का फाफामऊ में जलस्तर 77.85 और छतनाग में 74.41 मीटर दर्ज किया गया है. हालांकि दोनों नदियों का डेंजर लेवल 84.734 मीटर है. फिलहाल दोनों नदियां डेंजर लेवल से लगभग 7 मीटर नीचे बह रहीं हैं. लेकिन उसके बावजूद सिंचाई विभाग और बाढ़ कंट्रोल रूम से लगातार गंगा-यमुना नदियों के बढ़ते जलस्तर की निगरानी की जा रही है. सिंचाई विभाग से मिली जानकारी के अनुसार गंगा नदी में हरिद्वार बांध से 97 हजार 249 क्यूसेक और नरौरा डैम से 1 लाख 70 हजार 574 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. वहीं कानपुर बांध से 1 लाख 6 हजार 424 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इन बांधों से छोड़ा गया पानी दो से तीन दिन में प्रयागराज पहुंच सकता है.

बागपत में भी बाढ़ से हालात बिगड़ गए हैं.

बागपत में कई गांव बाढ़ की चपेट में : बागपत में यमुना का रौद्र रूप लगातार कहर बरपा रहा है. दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. जिला प्रशासन इस जलजले से निपटने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है, लेकिन खेकड़ा क्षेत्र के सुभानपुर, अब्दुल्लापुर, गढ़ी में स्थिति ज्यादा खराब होती जा रही है. अब्दुल्लापुर और सुभानपुर गांव के लोग चारों तरफ पानी के कारण अपने छतों पर गुजारा कर रहे हैं. गुरुवार की रात अलीपुर बांध का तटबंध टूट गया था जिसके कारण तीनों गांव में पानी भर गया है. गांवों से लोगों का पलायन जारी है. गांव अब्दुलपुर निवासी मोहित ने बताया कि में पानी भरा हुआ है. मकान के पीछे पानी भरा हुआ है. स्थानीय युवक रोहित शर्मा ने बताया कि अब्दुलपुर गांव में पीने का पानी तक नहीं है. गांव में बना घर गिरने वाला है. 4 से पांच घर गिर चुके हैं. डीएम जितेंन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि बचाव और राहत कार्य इसमें चल रहा है. तटबंध कटा है, गाजियाबाद के जिला अधिकारी आरके सिंह की पूरी टीम भी लगी हुई है. जल्द ही इस कार्य में हम सफल हो जाएंगे.

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मुजफ्फरनगर में हिंडन नदी भी उफान पर है.
मुजफ्फरनगर में हिंडन नदी भी उफान पर है.

मुजफ्फरनगर में हिंडन नदी में उफान : मुजफ्फरनगर में हिंडन नदी के उफान से कसौली व बुड्ढ़ाखेड़ा गांव मार्ग का संपर्क टूट गया है. सड़क पर दो से तीन फीट तक पानी भरा है. कस्बा चरथावल हिंडन नदी उफान पर होने से कई गांवों के किसानों की हजारों बीघा फसल डूबकर बर्बाद हो गई है. सड़क पर दो से तीन फीट तक पानी आने से कसौली-बुडढ़ाखेड़ा मार्ग का संपर्क टूट गया है. एसडीएम सदर परमानंद झा और नायब तहसीलदार राजकुमार और कानूनगो प्रवीण गुप्ता ने मौका मुआयना किया है. गौशाला में पानी भरने से 143 गौवंशों को प्राइमरी पाठशाला प्रांगण में सुरक्षित पहुंचाया गया है. चरथावल क्षेत्र के कसौली, बुड्ढ़ाखेड़ा, छिमाऊ, न्यामू, सिकंदरपुर, नंगला राई, अकबरगढ़, पीपलशाह, कुल्हेड़ी आदि गांव नदी किनारे बसे हुए हैं. यहां के हजारों किसानों का कृषि योग्य जमीन का रकबा नदी के किनारे है. नदी के पानी ने खेतों की तरफ रुख कर लिया है. हजारों बीघा फसल पानी में डूब गई है.

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