फ़तेहपुर : उत्तर प्रदेश के जनपद फतेहपुर में अपहरण कर किशोरी को बेंचने के मामले में तीन आरोपियों को पॉक्सो कोर्ट ने दोषी मानते हुए पांच वर्ष का कठोर कारावास और आठ-आठ हजार रुपया अर्थदंड की सजा सुनाई है.
जिला शासकीय अधिवक्ता सहदेव गुप्ता ने बताया कि 'बिंदकी कोतवाली क्षेत्र के एक गांव की किशोरी 26 दिसम्बर 2014 को घर पर अकेली थी. किशोरी के माता पिता खेतों में काम करने गए थे. उसी समय कुसुमा देवी अपने दामाद प्रताप और बेटी शिवदेवी निवासी भुड़ मड़ैया हरदोई के साथ मिलकर किशोरी का अपहरण कर ले गए थे और आरोपियों ने 30 हजार रुपयों में किशोरी को किसी कल्लू के हाथ बेंच दिया था. जहां कल्लू ने किशोरी के साथ जबरन दुष्कर्म किया. काफी खोजबीन के बाद जब बेटी का कोई पता नहीं चला तो पिता ने बिंदकी कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
मामले की बुधवार को अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट विनोद कुमार चौरसिया की कोर्ट में अंतिम सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान आठ गवाह पेश हुए. न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलीलें गम्भीरता से सुनने के बाद तीनों आरोपियों को दोषी माना. कोर्ट ने सभी आरोपियों को पांच-पांच वर्ष का कठोर कारावास और आठ-आठ हजार रुपया के अर्थदंड से दंडित किया है. न्यायालय ने जुर्माने की आधी धनराशि पीड़िता को देने के आदेश दिए हैं.
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अपहरण कर किशोरी को बेंचने के आरोपियों को अर्थदंड के साथ पांच-पांच वर्ष का कारावास - पांच वर्ष का कारावास
अपहरण कर किशोरी को बेंचने के आरोपियों को कोर्ट ने अर्थदंड के साथ पांच-पांच वर्ष का कारावास की सजा सुनाई गई है. इसके अलावा आठ-आठ हजार रुपया अर्थदंड की भी सजा सुनाई गई है.
फ़तेहपुर : उत्तर प्रदेश के जनपद फतेहपुर में अपहरण कर किशोरी को बेंचने के मामले में तीन आरोपियों को पॉक्सो कोर्ट ने दोषी मानते हुए पांच वर्ष का कठोर कारावास और आठ-आठ हजार रुपया अर्थदंड की सजा सुनाई है.
जिला शासकीय अधिवक्ता सहदेव गुप्ता ने बताया कि 'बिंदकी कोतवाली क्षेत्र के एक गांव की किशोरी 26 दिसम्बर 2014 को घर पर अकेली थी. किशोरी के माता पिता खेतों में काम करने गए थे. उसी समय कुसुमा देवी अपने दामाद प्रताप और बेटी शिवदेवी निवासी भुड़ मड़ैया हरदोई के साथ मिलकर किशोरी का अपहरण कर ले गए थे और आरोपियों ने 30 हजार रुपयों में किशोरी को किसी कल्लू के हाथ बेंच दिया था. जहां कल्लू ने किशोरी के साथ जबरन दुष्कर्म किया. काफी खोजबीन के बाद जब बेटी का कोई पता नहीं चला तो पिता ने बिंदकी कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
मामले की बुधवार को अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट विनोद कुमार चौरसिया की कोर्ट में अंतिम सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान आठ गवाह पेश हुए. न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलीलें गम्भीरता से सुनने के बाद तीनों आरोपियों को दोषी माना. कोर्ट ने सभी आरोपियों को पांच-पांच वर्ष का कठोर कारावास और आठ-आठ हजार रुपया के अर्थदंड से दंडित किया है. न्यायालय ने जुर्माने की आधी धनराशि पीड़िता को देने के आदेश दिए हैं.
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