फर्रुखाबादः शासन के आदेश पर जांच के दौरान उर्वरक विक्रेताओं और सहकारी समितियों की मिलीभगत से 98 मीट्रिक टन यूरिया की कालाबाजारी का मामला सामने आया है. अभी तक यह नहीं पता चल सका है कि इतनी बड़ी मात्रा में यूरिया किसको बेची गई है. इस पर जिलाधिकारी ने छह खाद विक्रेताओं के खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए हैं. इस कार्रवाई के बाद उर्वरक विक्रेताओं में हड़कंप मचा हुआ है. इसके अलावा तीन सहकारी समितियों के सचिवों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
तीन सहकारी समितियां भी शामिल
जनपद में यूरिया की कालाबाजारी का खेल भी शुरू हो गया है. पिछले दिनों शासन की ओर से टॉप-20 खरीदारों की जांच के आदेश दिए गए थे. डीएम के निर्देश पर जिला कृषि अधिकारी डॉ. आरके सिंह ने मामले की जांच शुरू की. इस दौरान हुआ कि 11 विक्रेता 213 एमटी यूरिया बिक्री का स्पष्टीकरण ही नहीं दे सके. यूरिया की बिक्री में शामिल नाम किसानों के नहीं, बल्कि फर्जी तरह से अन्य लोगों के निकले हैं और उन्हीं के नाम पर यूरिया बेचा गया. इनमें तीन सहकारी समितियां भी शामिल हैं.
गलत नाम-पते पर बेचा यूरिया
जांच के दौरान अधिकांश मामलों में विक्रेता यूरिया खरीदने वालों के पते नहीं दे सके और जिन लोगों के नाम पर यूरिया की बिक्री दिखाई गई, वह संबंधित पते पर मिले ही नहीं. हद तो तब हो गई जब साधन सहकारी समिति पपड़ीखुर्द पर तो सचिव ने विक्रय सहयोगी उमेश चंद के नाम 10.63 एमटी यूरिया की बिक्री दिखा दी. इसी तरह साधन सहकारी समिति खिमसेपुर व धीरपुर पर बिना नाम व पता दर्ज कर 45 एमटी खाद की बिक्री कर दी गई. पूरे मामले की चल रही जांच में सामने आया है कि उक्त समितियों ने गलत नाम और पते पर यूरिया बेचा था.
छह उर्वरक विक्रेताओं के खिलाफ एफआईआर
डीएओ की रिपोर्ट के आधार पर डीएम मानवेंद्र सिंह ने छह उर्वरक विक्रेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं. साथ ही तीन सहकारी समितियों के सचिवों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए हैं. जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने बताया कि किसानों को शत-प्रतिशत यूरिया उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है. गड़बड़ी करने वाले 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. सभी एसडीएम को जांच के आदेश दे दिए गए हैं.