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66 लाख रुपये की बकाएदारी नगर पालिका के लिये बनी मुसीबत

फर्रुखाबाद जिले में शासन की ओर से नगर पालिका परिषद को बकायेदारों से वसूली करने के आदेश दिये गए थे. बावजूद इसके पालिका अब तक मात्र 6.67 फीसदी यानी कि 3.10 लाख रुपये ही वसूल कर पाई है. अब भी 66 लाख रुपये बकाये हैं.

66 लाख रुपये की बकाएदारी नगर पालिका के लिये मुसीबत बनी
66 लाख रुपये की बकाएदारी नगर पालिका के लिये मुसीबत बनी
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Published : Dec 18, 2020, 3:28 PM IST

फर्रुखाबाद: जिले में नगर पालिका परिषद के लिए जल-कल विभाग की वसूली अब बवाल बन गई है. शासन की ओर से अभियान चलाकर वसूली करने का आदेश जारी हुआ है. बावजूद इसके पालिका का वसूली प्रतिशत मात्र 4.68 पर स्थिर है. नगर पालिका जिले के टॉप टेन बकायेदारों पर भी शिकंजा कसने में नाकामयाब साबित हो रही है.

नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी रविंद्र कुमार ने 2 माह पहले टैक्स विभाग को टॉप टेन बकायेदारों की वार्ड वार सूची तैयार करने के आदेश दिए थे. काफी प्रयास के बाद भी कर्मचारियों ने रुचि नहीं ली और काम पूरा नहीं हुआ. इससे वसूली का प्रतिशत नहीं बढ़ पाया. आखिरी बार वसूली प्रतिशत 30 नवंबर को जारी किया गया था. इसके अनुसार, नगर पालिका अभी 6.67 फीसदी ही वसूली कर पाई है.

बता दें कि 66.51 लाख रुपये की वसूली की जानी थी, लेकिन उसके सापेक्ष मात्र 3.10 लाख रुपये ही वसूल किए जा सके हैं. बड़े बकायेदारों के कई सरकारी कार्यालय में निजी प्रतिष्ठान हैं. उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है. अधिशासी अधिकारी ने बताया कि शीघ्र ही बड़े बकायेदारों पर शिकंजा कसा जाएगा.

फर्रुखाबाद: जिले में नगर पालिका परिषद के लिए जल-कल विभाग की वसूली अब बवाल बन गई है. शासन की ओर से अभियान चलाकर वसूली करने का आदेश जारी हुआ है. बावजूद इसके पालिका का वसूली प्रतिशत मात्र 4.68 पर स्थिर है. नगर पालिका जिले के टॉप टेन बकायेदारों पर भी शिकंजा कसने में नाकामयाब साबित हो रही है.

नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी रविंद्र कुमार ने 2 माह पहले टैक्स विभाग को टॉप टेन बकायेदारों की वार्ड वार सूची तैयार करने के आदेश दिए थे. काफी प्रयास के बाद भी कर्मचारियों ने रुचि नहीं ली और काम पूरा नहीं हुआ. इससे वसूली का प्रतिशत नहीं बढ़ पाया. आखिरी बार वसूली प्रतिशत 30 नवंबर को जारी किया गया था. इसके अनुसार, नगर पालिका अभी 6.67 फीसदी ही वसूली कर पाई है.

बता दें कि 66.51 लाख रुपये की वसूली की जानी थी, लेकिन उसके सापेक्ष मात्र 3.10 लाख रुपये ही वसूल किए जा सके हैं. बड़े बकायेदारों के कई सरकारी कार्यालय में निजी प्रतिष्ठान हैं. उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है. अधिशासी अधिकारी ने बताया कि शीघ्र ही बड़े बकायेदारों पर शिकंजा कसा जाएगा.

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