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फिरोजाबाद: आवारा पशुओं से किसान परेशान, प्रशासन भी हलकान

उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में आवारा पशु किसानों की समस्या बढ़ा रहे हैं. आवारा पशु खेतों में खड़ी फसलों को चट कर रहे हैं. वहीं शहरी क्षेत्र में भी सड़कों पर पशुओं के खुला घूमने से लोग काफी परेशान हैं.

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आवारा पशुओं ने बढ़ाई किसानों की समस्या.
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Published : Sep 3, 2020, 8:46 PM IST

फिरोजाबाद: यूपी में किसान और आम जनता इन दिनों आवारा पशुओं से खासा परेशान है. खास तौर पर किसान आवारा पशुओं से त्रस्त हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में फसल की बर्बादी से परेशान किसान आवारा पशुओं से निजात पाना चाहते हैं. वहीं शहरी इलाकों में पशुओं की बढ़ती संख्या और सड़कों पर उनके अतिक्रमण से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

आवारा पशुओं ने बढ़ाई किसानों की समस्या.

प्रदेश की योगी सरकार ने आवारा पशुओं की बढ़ती संख्या, खासकर गोवंश के लिए पूर्व में विस्तृत शासनादेश जारी किया था. सरकार ने गांवों और शहरों में आवारा घूम रहे गोवंश की पहचान कर, उन्हें गोशालाओं में रखने की योजना भी बनाई. लेकिन धरातल में प्रशासन की नाकामी और शासन की असफलता देखने को मिल रही है.

पशुपालन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक फिरोजाबाद जिले में निराश्रित गोवंश की संख्या साढ़े 6 हजार के आसपास है, जिनमें से करीब 41 सौ गोवंशीय पशुओं को जिले की विभिन्न गोशालाओं में संरक्षित किया जा चुका है. सरकारी आंकड़ों के हिसाब से ही करीब 24 सौ गोवंशीय पशु सड़कों पर आवारा घूम रहे हैं या फिर किसानों की फसलों को बर्बाद कर रहे हैं, लेकिन हकीकत आंकड़ों से काफी जुदा है. जो पशु आवारा घूम रहे हैं, उनकी संख्या आंकड़ों से काफी अधिक है. यह बात खुद पशुपालन विभाग भी मान रहा है, लेकिन पशु पालन विभाग अब इस समस्या की जड़ पर चोट करने की बात कह रहा है.

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. प्रभंजन शुक्ला का कहना है जो गोवंशीय पशु आवारा घूम रहे हैं, उनके लिए गोशालाओं की संख्या बढ़ाई जाएगी. साथ ही उन पशुपालकों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी, जो अपनी गायों को आवारा छोड़ देते हैं. मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत पशुओं की टैगिंग कराई जा रही है, जिससे पशु की पहचान हो सकेगी.

फिरोजाबाद: यूपी में किसान और आम जनता इन दिनों आवारा पशुओं से खासा परेशान है. खास तौर पर किसान आवारा पशुओं से त्रस्त हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में फसल की बर्बादी से परेशान किसान आवारा पशुओं से निजात पाना चाहते हैं. वहीं शहरी इलाकों में पशुओं की बढ़ती संख्या और सड़कों पर उनके अतिक्रमण से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

आवारा पशुओं ने बढ़ाई किसानों की समस्या.

प्रदेश की योगी सरकार ने आवारा पशुओं की बढ़ती संख्या, खासकर गोवंश के लिए पूर्व में विस्तृत शासनादेश जारी किया था. सरकार ने गांवों और शहरों में आवारा घूम रहे गोवंश की पहचान कर, उन्हें गोशालाओं में रखने की योजना भी बनाई. लेकिन धरातल में प्रशासन की नाकामी और शासन की असफलता देखने को मिल रही है.

पशुपालन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक फिरोजाबाद जिले में निराश्रित गोवंश की संख्या साढ़े 6 हजार के आसपास है, जिनमें से करीब 41 सौ गोवंशीय पशुओं को जिले की विभिन्न गोशालाओं में संरक्षित किया जा चुका है. सरकारी आंकड़ों के हिसाब से ही करीब 24 सौ गोवंशीय पशु सड़कों पर आवारा घूम रहे हैं या फिर किसानों की फसलों को बर्बाद कर रहे हैं, लेकिन हकीकत आंकड़ों से काफी जुदा है. जो पशु आवारा घूम रहे हैं, उनकी संख्या आंकड़ों से काफी अधिक है. यह बात खुद पशुपालन विभाग भी मान रहा है, लेकिन पशु पालन विभाग अब इस समस्या की जड़ पर चोट करने की बात कह रहा है.

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. प्रभंजन शुक्ला का कहना है जो गोवंशीय पशु आवारा घूम रहे हैं, उनके लिए गोशालाओं की संख्या बढ़ाई जाएगी. साथ ही उन पशुपालकों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी, जो अपनी गायों को आवारा छोड़ देते हैं. मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत पशुओं की टैगिंग कराई जा रही है, जिससे पशु की पहचान हो सकेगी.

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