फर्रुखाबाद: पोटैटो सिटी के नाम से मशहूर फर्रुखाबाद में गुरुवार देर रात से शुक्रवार शाम तक हुई बारिश किसानों के लिए आफत बनकर बरसी. बेमौसम बारिश से आलू की फसल नष्ट होने से किसानों की कमर टूट गई है. इस कारण किसानों को लाखों रुपयों का नुकसान भी हुआ है.
बीते दिनों पूरे जिले भर में ज्यादातर किसानों द्वारा आलू की फसल लगाई गई है, लेकिन बारिश ने किसानों की सारी मेहनत पर पानी फेर दिया. खेत पानी से पूरी तरह भर गए हैं. खेतों में लगी आलू की फसल जलमग्न हो गई है. इस कारण आलू का बीज पूरी तरह से खराब हो गया है. इससे किसानों को लाखों रुपयों का नुकसान भी हुआ है.
लगभग 12 मीट्रिक टन आलू की पैदावार
पूरे जिले भर में 37 हजार हेक्टेयर भूमि में आलू की फसल की बुआई साल में दो बार की जाती है. हर वर्ष लगभग 12 लाख मीट्रिक टन आलू की पैदावार होती है, लेकिन इस बार बारिश के कारण किसानों को चिंता सताने लगी है.
किसानों के सामने रोजी-रोटी का संकट
उन किसानों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है, जो बैंक और साहूकारों से कर्ज लेकर अच्छी फसल की उम्मीद लगाए बैठे थे. इस बार बारिश से आलू का उत्पादन भी गिरने की आशंका है. हालांकि बारिश होने से जिले के तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गई है. इससे जिला वासियों को ठंड महसूस होना शुरू हो गई है.
एक बुआई में इतना खर्च
- 1 एकड़ आलू की लागत
- जुताई - 8,400 रुपये
- डीएपी- 7,000 रुपये
- घूरा- 10,000 रुपये
- बुआई- 3,600 रुपये
- बीज- 15,000 रुपये
- पानी- 3,000 रुपये
- दवा- 3,000 रुपये
- खुदाई ट्रांसपोर्ट- 11,000 रुपये