फर्रुखाबाद: पुलिस ने एक ऐसे शख्स को पकड़ा है, जो जज के नाम पर फर्जी कॉल करके एसडीएम पर धौंस जमाता था. थाना राजेपुर पुलिस के हत्थे चढ़ा शातिर खुद को हाईकोर्ट जज बताकर फर्जी कॉल करता था और अधिकारियों पर काम कराने का धौंस जमाता था. पुलिस शातिर शख्स को हिरासत में लेकर पूछताछ करने में जुटी हुई है.
गिरफ्तार फर्जी जज की पहचान ग्राम बदनपुर निवासी प्रदीप चौहान पुत्र मुन्ना सिंह के रूप में हुई है. फिलहाल वह आवास-विकास इलाके में रह रहा था. वह खुद को लखनऊ हाईकोर्ट का जज बताता था. पुलिस के अनुसार, जमीन के एक मामले में अमृतपुर एसडीएम विजेंद्र कुमार सिंह को प्रदीप ने जज बनकर फोन किया. उसने कहा कि हाईकोर्ट लखनऊ का जज बोल रहा हूं. उसकी एक पट्टे की फाइल मुन्ना सिंह के नाम से एसडीएम आफिस में है, जिसमें फाइनल रिपोर्ट लगा दी जाए.
कहा जा रहा है कि इस मामले को लेकर आरोपी ने एडीएम को फोन कर रौब जमाया था. संदेह होने पर एसडीएम विजेंद्र कुमार ने इसकी छानबीन कराई तो जालसाज की पोल खुल गई. उन्होंने शहर कोतवाली क्षेत्र के आवास-विकास से आरोपी प्रदीप को दबोच लिया. वह फर्जी जज को अपनी गाड़ी से थाने लेकर पहुंचे. मामले की सूचना पाकर एसपी डॉ. अनिल कुमार मिश्र, स्वाट टीम प्रभारी दिनेश गौतम कोतवाली पहुंचे. वहीं पुलिस आरोपी से पूछताछ कर उसके फर्जीवाड़े की परतें खोलने में जुटी है.
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पहले से दर्ज है धोखाधड़ी का मुकदमा
एसपी डॉ. अनिल कुमार मिश्र ने बताया कि शातिर प्रदीप चौहान के फर्जीवाड़े में उसकी पत्नी भी साथ देती है. आरोपी प्रदीप के खिलाफ जनपद एटा में धोखाधड़ी का केस पहले से दर्ज है. वह अलग-अलग जजों के नाम से पुलिस अधिकारियों को फोन लगाकर काम करने का दबाव बनाता था. अब तक उसने पैसे लेकर कई बार काम करवा भी लिया था, लेकिन इस बार उनकी जालसाजी पुलिस की नजरों में आ गई.