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थक जाने पर अपने आप ही चलने लगेगी साइकिल, बस करना होगा ये काम - Hybrid Cycles in Farrukhabad

फर्रुखाबाद के दो लोगों ने मिलकर एक हाइब्रिड साइकिल बनाई है. इस साइकिल में लगी बैट्री से करीब 30 किलोमीटर की दूरी करीब 30 की स्पीड से तय की जा सकती है. साथ ही यह वातावरण को भी प्रदूषण से मुक्त रखती है.

हाइब्रिड साइकिल
हाइब्रिड साइकिल
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Published : Jun 2, 2023, 8:32 PM IST

हाइब्रिड साइकिल बनाने वाले श्रीकांत ने बताया.

फर्रुखाबाद : आपने सुना होगा कि आवश्यकता आविष्कार की जननी है. इसको एक बार फिर फर्रुखाबाद के दो युवकों ने साबित किया है. पेट्रोल के बढ़ते दामों को देखते हुए दो युवकों ने साइकिल को ही मॉडिफाइड कर दिया. इसकी खासियत यह है कि जब आपका मन पैडल मारने का न करे तो बस स्विच ऑन कर दें और फिर अपने आप ही चलने लगेगी. युवाओं ने साइकिल को बैटरी वाली इलेक्ट्रिकल व्हीकल बना दिया. यानी मर्जी हो साइकिल चलाएं या चार्ज की गई बैटरी से साइकिल चलाएं. जब साइकिल का चार्ज खत्म हो जाए तो साइकिल में लगे पेडल का इस्तेमाल करके भी चला सकते हैं. किसी भी हालत में साइकिल चलाने वाले को रुकना नहीं पड़ेगा. इससे लोगों को महंगे पेट्रोल से भी राहत मिलेगी.

हाइब्रिड साइकिल बनाने वाले श्रीकांत ने बताया कि उनकी मॉडिफाई की गई साइकिल में 36 बोल्ट की बैटरी लगी है. साथ ही 36 बोल्ट का एक हब मोटर भी लगाया गया है. साइकिल के हैंडल में एक एलईडी लाइट भी लगी हुई है. जिसका उपयोग रात में चलाने पर किया जा सकता है. साथ ही साइकिल में हार्न और एक्सीलेटर भी लगाया गया है. साइकिल में एक कंट्रोलर भी लगा हुआ है. इस साइकिल में लगी बैटरी से करीब 30 किलोमीटर की दूरी करीब 30 की स्पीड से तय कर सकते हैं. इस साइकिल पर करीब 2 कुंतल वजन भी लाद कर चला सकते हैं.

श्रीकांत ने बताया कि इसे कुछ पुराने पार्ट्स एकत्रित करके बनाया गया है. उन्होंने घर में खड़ी एक पुरानी साइकिल में यह तकनीक अपनाई है. इस साइकिल को हाइब्रिड बनाने में करीब 20 हजार रुपये खर्च हुए हैं. इसमें लगी बैटरी करीब 3 साल तक चलेगी. साइकिल में लगी बैटरी को स्विच ऑन कर भी चला सकते हैं. यह बैटरी साइकिल के एक हिस्से में रखी गई है. उन्होंने कहा कि साइकिल में जो चीजें लगी हुई होती हैं, वही चीजें इसमें भी लगी हुई हैं.

उन्होंने कहा कि इस साइकिल में मेंटेनेंस नहीं लगता है. इस साइकिल की बैटरी जब खत्म हो जाए. तब बैटरी को बिजली से चार्ज करके फिर से चला सकते हैं. उन्होंने बताया कि उनके पड़ोसी भी इस साइकिल को चला रहे हैं. साथ ही इस साइकिल को उनके बच्चे भी चलाते हैं. उन्होंने बताया कि इस साइकिल को बनाने में काफी कम समय लगा. साथ ही कहा कि साइकिल को हाइब्रिड मॉडल में मॉडिफाइड किया जा सकता है. यह एनवायरमेंट को पोलूशन से फ्री रखती है.


यह भी पढ़ें- बनारस में बनकर तैयार हुआ दूसरा सेंट्रल विस्टा, काशी के शिल्पियों ने दिखाया हुनर

हाइब्रिड साइकिल बनाने वाले श्रीकांत ने बताया.

फर्रुखाबाद : आपने सुना होगा कि आवश्यकता आविष्कार की जननी है. इसको एक बार फिर फर्रुखाबाद के दो युवकों ने साबित किया है. पेट्रोल के बढ़ते दामों को देखते हुए दो युवकों ने साइकिल को ही मॉडिफाइड कर दिया. इसकी खासियत यह है कि जब आपका मन पैडल मारने का न करे तो बस स्विच ऑन कर दें और फिर अपने आप ही चलने लगेगी. युवाओं ने साइकिल को बैटरी वाली इलेक्ट्रिकल व्हीकल बना दिया. यानी मर्जी हो साइकिल चलाएं या चार्ज की गई बैटरी से साइकिल चलाएं. जब साइकिल का चार्ज खत्म हो जाए तो साइकिल में लगे पेडल का इस्तेमाल करके भी चला सकते हैं. किसी भी हालत में साइकिल चलाने वाले को रुकना नहीं पड़ेगा. इससे लोगों को महंगे पेट्रोल से भी राहत मिलेगी.

हाइब्रिड साइकिल बनाने वाले श्रीकांत ने बताया कि उनकी मॉडिफाई की गई साइकिल में 36 बोल्ट की बैटरी लगी है. साथ ही 36 बोल्ट का एक हब मोटर भी लगाया गया है. साइकिल के हैंडल में एक एलईडी लाइट भी लगी हुई है. जिसका उपयोग रात में चलाने पर किया जा सकता है. साथ ही साइकिल में हार्न और एक्सीलेटर भी लगाया गया है. साइकिल में एक कंट्रोलर भी लगा हुआ है. इस साइकिल में लगी बैटरी से करीब 30 किलोमीटर की दूरी करीब 30 की स्पीड से तय कर सकते हैं. इस साइकिल पर करीब 2 कुंतल वजन भी लाद कर चला सकते हैं.

श्रीकांत ने बताया कि इसे कुछ पुराने पार्ट्स एकत्रित करके बनाया गया है. उन्होंने घर में खड़ी एक पुरानी साइकिल में यह तकनीक अपनाई है. इस साइकिल को हाइब्रिड बनाने में करीब 20 हजार रुपये खर्च हुए हैं. इसमें लगी बैटरी करीब 3 साल तक चलेगी. साइकिल में लगी बैटरी को स्विच ऑन कर भी चला सकते हैं. यह बैटरी साइकिल के एक हिस्से में रखी गई है. उन्होंने कहा कि साइकिल में जो चीजें लगी हुई होती हैं, वही चीजें इसमें भी लगी हुई हैं.

उन्होंने कहा कि इस साइकिल में मेंटेनेंस नहीं लगता है. इस साइकिल की बैटरी जब खत्म हो जाए. तब बैटरी को बिजली से चार्ज करके फिर से चला सकते हैं. उन्होंने बताया कि उनके पड़ोसी भी इस साइकिल को चला रहे हैं. साथ ही इस साइकिल को उनके बच्चे भी चलाते हैं. उन्होंने बताया कि इस साइकिल को बनाने में काफी कम समय लगा. साथ ही कहा कि साइकिल को हाइब्रिड मॉडल में मॉडिफाइड किया जा सकता है. यह एनवायरमेंट को पोलूशन से फ्री रखती है.


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