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फर्रुखाबाद से दौड़ेगी इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेनें, यात्रियों को मिलेगी राहत

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Published : Aug 16, 2020, 2:51 PM IST

कानपुर,फर्रुखाबाद, कासगंज, मथुरा के बीच रेलवे ट्रैक पर विद्युतीकरण का काम पूरा हो चुका है. अब ट्रेनों का संचालन शुरू होते ही इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनें चलने लगेंगी. यहां से डीजल की जगह अब इलेक्ट्रिक इंजन ट्रेन दौड़ती दिखेंगी.

electric engine trains
रेलवे स्टेशनों पर भी सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी

फर्रुखाबाद: कानपुर तक ट्रेन और मालगाड़ी इलेक्ट्रिक इंजन जुड़कर आता था. इसके बाद डीजल इंजन लगकर फर्रुखाबाद तक आता था. डीजल इंजन की वजह से सफर में काफी समय लग जाता था. ट्रेनों का संचालन शुरू होते ही कानपुर- फर्रुखाबाद- कासगंज- मथुरा के बीच इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेनें दौड़ने लगेंगी.

बरेली-कासगंज के बीच विद्युतीकरण के काम का सीआरएस निरीक्षण होने के साथ ही अब फर्रुखाबाद से बरेली के लिए नई ट्रेनें मिलने की उम्मीद बढ़ गई है. हालांकि यह प्रस्ताव पहले से रेलवे बोर्ड में लंबित है. उम्मीद जताई जा रही है कि फर्रुखाबाद रेलवे स्टेशन अगले वर्ष तक लंबी दूरी की ट्रेनों और माल ढुलाई का हब बन जाएगा.

लंबी दूरी की कुछ अन्य ट्रेनें भी मिलने के संकेत
रेलवे ने कोलकाता-फर्रुखाबाद पार्सल स्पेशल ट्रेन 16 अगस्त से शुरू की है. यह लंबी दूरी की ट्रेन व्यापारियों का माल लाने और ले जाने के लिए चलाई जा रही है. रेलवे अधिकारियों ने लंबी दूरी की कुछ अन्य ट्रेनें भी मिलने के संकेत दिए हैं. इसके अलावा फर्रुखाबाद-बरेली के बीच विद्युतीकरण का काम पूरा हो चुका है. अब इस रूट पर भी नई ट्रेनें मिलने की उम्मीद बढ़ गई है.

यात्री सुविधाओं का होगा विस्तार
इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन चलने के साथ यात्री सुविधाओं का भी विस्तार किया जाएगा. इसकी भी तैयारी की जा रही है. रेलवे स्टेशनों पर भी सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी. इससे यात्रियों को राहत मिलेगी. रेलवे के अधिकारी दौरा कर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दे रहे हैं.

1 मिनट में 110 की स्पीड
खास बात यह है कि डीजल इंजन को 110 किलोमीटर की स्पीड पकड़ने में 4 मिनट लगते हैं, जबकि इलेक्ट्रिक इंजन एक मिनट में ही यह स्पीड पकड़ लेता है. इलेक्ट्रिक इंजन से पर्यावरण प्रदूषण कम होगा तो वहीं डीजल और समय भी बचेगा.

फर्रुखाबाद: कानपुर तक ट्रेन और मालगाड़ी इलेक्ट्रिक इंजन जुड़कर आता था. इसके बाद डीजल इंजन लगकर फर्रुखाबाद तक आता था. डीजल इंजन की वजह से सफर में काफी समय लग जाता था. ट्रेनों का संचालन शुरू होते ही कानपुर- फर्रुखाबाद- कासगंज- मथुरा के बीच इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेनें दौड़ने लगेंगी.

बरेली-कासगंज के बीच विद्युतीकरण के काम का सीआरएस निरीक्षण होने के साथ ही अब फर्रुखाबाद से बरेली के लिए नई ट्रेनें मिलने की उम्मीद बढ़ गई है. हालांकि यह प्रस्ताव पहले से रेलवे बोर्ड में लंबित है. उम्मीद जताई जा रही है कि फर्रुखाबाद रेलवे स्टेशन अगले वर्ष तक लंबी दूरी की ट्रेनों और माल ढुलाई का हब बन जाएगा.

लंबी दूरी की कुछ अन्य ट्रेनें भी मिलने के संकेत
रेलवे ने कोलकाता-फर्रुखाबाद पार्सल स्पेशल ट्रेन 16 अगस्त से शुरू की है. यह लंबी दूरी की ट्रेन व्यापारियों का माल लाने और ले जाने के लिए चलाई जा रही है. रेलवे अधिकारियों ने लंबी दूरी की कुछ अन्य ट्रेनें भी मिलने के संकेत दिए हैं. इसके अलावा फर्रुखाबाद-बरेली के बीच विद्युतीकरण का काम पूरा हो चुका है. अब इस रूट पर भी नई ट्रेनें मिलने की उम्मीद बढ़ गई है.

यात्री सुविधाओं का होगा विस्तार
इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन चलने के साथ यात्री सुविधाओं का भी विस्तार किया जाएगा. इसकी भी तैयारी की जा रही है. रेलवे स्टेशनों पर भी सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी. इससे यात्रियों को राहत मिलेगी. रेलवे के अधिकारी दौरा कर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दे रहे हैं.

1 मिनट में 110 की स्पीड
खास बात यह है कि डीजल इंजन को 110 किलोमीटर की स्पीड पकड़ने में 4 मिनट लगते हैं, जबकि इलेक्ट्रिक इंजन एक मिनट में ही यह स्पीड पकड़ लेता है. इलेक्ट्रिक इंजन से पर्यावरण प्रदूषण कम होगा तो वहीं डीजल और समय भी बचेगा.

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