फर्रुखाबाद: शीत लहरी में तापमान गिरने और कोहरा पड़ने की वजह से आलू की फसल कई क्षेत्रों में खराब होने लगी है. कोहरे की वजह से पत्तियों के अंदर पानी जम जाता है. इससे पत्तियों की सेल फट जाती है. पौधे झुलसे से दिखते हैं. इसी को आम भाषा में झुलसा रोग कहते हैं. आलू के अलावा धनिया, अरहर, सरसों, टमाटर, चना, मटर, मिर्च, केला, पपीता और नर्सरी के पौधों में कोहरे के प्रति अधिक संवेदनशीलता होती है. पिछले 10 दिनों से कोहरा और पाला काफी पड़ रहा है. इससे आलू की फसल पर प्रभाव पड़ेगा. अगर एक हफ्ते तक घना कोहरा और पाला पड़ता रहा तो आलू की फसल में झुलसा रोग लग जाएगा. इस रोग में आलू के पौधे की पत्ती पर धब्बे आ जाते हैं. इससे फसल को नुकसान होता है.
जिला उद्यान अधिकारी आरएन वर्मा के अनुसार, इस रोग से बचाने के लिए किसानों को मेंकेजीप दवा का छिड़काव करना चाहिए. इस दवा को 1 लीटर पानी में 2 ग्राम मिलाकर छिड़काव करना है. इससे फसल बच जाएगी. घने कोहरे और पाले के दौरान आलू की फसल के अलावा सरसों की फसल को भी नुकसान होता है. जबकि, गेहूं पर इसका कोई असर नहीं होता है. सरसों की फसल का फूल कोहरे और पाले में नष्ट हो जाता है.
जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि कोहरे और पाले में सरसों की फसल बचाने के लिए खेत के पास धुंआ करना चाहिए. इससे ठंड का असर कम होता है और फसल सुरक्षित रखी जा सकती है. ठंड का असर सरसों की फसल पर कम होता है. किसान अशोक दुबे और गोपाल ने बताया कि झुलसा व परपरा रोग से फसल बचाने के लिए दो से तीन बार दवा का छिड़काव कर चुके हैं. इसके बावजूद आलू की फसल में परपरा रोग लग गया. उससे आलू का पौधा झुलसने लगा है. अच्छी किस्म के आलू उत्पादन से ही किसानों की दशा सुधरेगी. आलू में फैल रहे चेचक आदि रोगों से बचाव के उपायों की जरूरत है.
जिला उद्यान अधिकारी आरएन वर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश में शीतलहर का प्रकोप है. इसकी वजह से दैनिक फसलें व खाद्यान फसलें जो कि सभी प्रभावित हैं. सरसों, मटर, चना और सब्जियों वाली जितनी फसलें हैं वह प्रभावित हो रही हैं. इसमें सबसे ज्यादा आलू में परपरा रोग लग रहा है. ज्यादा ठंड पड़ने से आलू की पत्तियां सिकुड़ने लगती हैं. केले के पत्तों पर भी ठंड का असर पड़ता है. उन्होंने बताया कि किसानों को फसलों का ध्यान रखते हुए दवा का छिड़काव करते रहना चाहिए. जनपद में अभी ज्यादा प्रकोप देखने को नहीं मिला है. कहीं कहीं पर तो यह रोग लग गया है. उन्होंने कहा कि समय से खेतों में नमी बनाए रखें.
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