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फर्रुखाबाद: अनामिका शुक्ला नाम की शिक्षिकाओं की कुंडली खंगालने में जुटा विभाग

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Published : Jun 9, 2020, 3:36 PM IST

यूपी के 25 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में नौकरी करने वाली अनामिका शुक्ला का मामला प्रकाश में आने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली की पोल खुलकर सामने आ गई है. वहीं अब विभाग फर्रुखाबाद जिले में अनामिका शुक्ला नाम के शिक्षिकाओं की कुंडली खंगालने में जुट गया है.

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बीएसए ने अभिलेखों के सत्यापन के निर्देश दिए

फर्रुखाबाद: अनामिका शुक्ला के फर्जी दस्तावेज पर 25 जिलों के कस्तूरबा विद्यालयों में नौकरी करने का मामला प्रकाश में आने के बाद शिक्षा विभाग के अधिकारियों की कार्यप्रणाली की पोल खुल गई है. राज्य परियोजना निदेशक ने कस्तूरबा विद्यालय में तैनात कर्मचारियों के अभिलेखों के सत्यापन कराए जाने के निर्देश बीएसए को दिए हैं. वहीं बेसिक शिक्षा विभाग जिले में अनामिका शुक्ला नाम के शिक्षिकाओं की कुंडली खंगालने में जुट गया है.

अनामिका शुक्ला नाम की शिक्षिका के कई जगह नौकरी करने का खुलासा हुआ था, जिसके बाद राज्य परियोजना निदेशक ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में तैनात टीचर्स के साथ स्टाफ कर्मियों के मूल अभिलेखों से मिलान करने के निर्देश दिए हैं. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को विद्यालय में तैनात कर्मचारी के शैक्षिक प्रमाणपत्रों के अलावा आधार कार्ड के मूल अभिलेखों से मिलान कराने को कहा गया है. बीएसए लालजी यादव ने बताया कि कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में तैनात सभी कर्मचारियों के मूल अभिलेखों का सत्यापन कराया जाएगा.

अनामिका शुक्ला नाम की शिक्षिकाओं की जांच शुरू

कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में फर्जी दस्तावेजों पर पढ़ाने वाली आरोपी शिक्षिका की पहचान फर्रुखाबाद की रहने वाली सुप्रिया के रूप में हुई थी. इसके बाद शासन अलर्ट हो गया. जिले में अनामिका शुक्ला नाम की शिक्षिकाओं की जांच शुरू कर दी गई है. दरअसल कासगंज में 13 महीने में एक करोड़ से ज्यादा सैलरी लेने और अनामिका शुक्ला नाम की शिक्षिका की 25 जगह नौकरी करने की बात सामने आई थी. बीएसए लालजी यादव ने बताया कि अनामिका शुक्ला नाम की जिले में जितनी भी शिक्षिकाएं है. उन सब की जांच-पड़ताल कराई जा रही है.

स्कूलों में पनप रहा भ्रष्टाचार

आवासीय विद्यालयों में जबरदस्त भ्रष्टाचार पनप रहा है. विगत वर्ष सितंबर में विद्यालयों में सामग्री खरीद और खाद्य सामग्री आपूर्ति में घोटाले के अलावा बालिकाओं के उत्पीड़न के कई मामले उजागर हुए थे, जिस पर तत्कालीन डीएम मोनिका रानी के आदेश पर जांच की गई थी. जांच रिपोर्ट पर राज्य परियोजना निदेश ने कायमगंज की वार्डन अनुराधा मिश्रा, राजेपुर की संतोष पाठक, शमशाबाद की भावना गंगवार, नवाबगंज की अंजू सुमन और कमालगंज की प्रभारी वार्डन रंजना यादव और कायमगंज के लेखाकार राजेंद्र भारद्वाज को बर्खास्त कर दिया था. इस मामले में एफआईआर भी दर्ज कराने के निर्देश थे, लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के चलते अभी तक फाइल ठंडे बस्ते में पड़ी है.

ये भी पढ़ें- 'अनामिका' शुक्ला कांड: आरोपी सुप्रिया की मां ने कहा-मेरी बेटी को फंसाया गया

फर्रुखाबाद: अनामिका शुक्ला के फर्जी दस्तावेज पर 25 जिलों के कस्तूरबा विद्यालयों में नौकरी करने का मामला प्रकाश में आने के बाद शिक्षा विभाग के अधिकारियों की कार्यप्रणाली की पोल खुल गई है. राज्य परियोजना निदेशक ने कस्तूरबा विद्यालय में तैनात कर्मचारियों के अभिलेखों के सत्यापन कराए जाने के निर्देश बीएसए को दिए हैं. वहीं बेसिक शिक्षा विभाग जिले में अनामिका शुक्ला नाम के शिक्षिकाओं की कुंडली खंगालने में जुट गया है.

अनामिका शुक्ला नाम की शिक्षिका के कई जगह नौकरी करने का खुलासा हुआ था, जिसके बाद राज्य परियोजना निदेशक ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में तैनात टीचर्स के साथ स्टाफ कर्मियों के मूल अभिलेखों से मिलान करने के निर्देश दिए हैं. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को विद्यालय में तैनात कर्मचारी के शैक्षिक प्रमाणपत्रों के अलावा आधार कार्ड के मूल अभिलेखों से मिलान कराने को कहा गया है. बीएसए लालजी यादव ने बताया कि कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में तैनात सभी कर्मचारियों के मूल अभिलेखों का सत्यापन कराया जाएगा.

अनामिका शुक्ला नाम की शिक्षिकाओं की जांच शुरू

कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में फर्जी दस्तावेजों पर पढ़ाने वाली आरोपी शिक्षिका की पहचान फर्रुखाबाद की रहने वाली सुप्रिया के रूप में हुई थी. इसके बाद शासन अलर्ट हो गया. जिले में अनामिका शुक्ला नाम की शिक्षिकाओं की जांच शुरू कर दी गई है. दरअसल कासगंज में 13 महीने में एक करोड़ से ज्यादा सैलरी लेने और अनामिका शुक्ला नाम की शिक्षिका की 25 जगह नौकरी करने की बात सामने आई थी. बीएसए लालजी यादव ने बताया कि अनामिका शुक्ला नाम की जिले में जितनी भी शिक्षिकाएं है. उन सब की जांच-पड़ताल कराई जा रही है.

स्कूलों में पनप रहा भ्रष्टाचार

आवासीय विद्यालयों में जबरदस्त भ्रष्टाचार पनप रहा है. विगत वर्ष सितंबर में विद्यालयों में सामग्री खरीद और खाद्य सामग्री आपूर्ति में घोटाले के अलावा बालिकाओं के उत्पीड़न के कई मामले उजागर हुए थे, जिस पर तत्कालीन डीएम मोनिका रानी के आदेश पर जांच की गई थी. जांच रिपोर्ट पर राज्य परियोजना निदेश ने कायमगंज की वार्डन अनुराधा मिश्रा, राजेपुर की संतोष पाठक, शमशाबाद की भावना गंगवार, नवाबगंज की अंजू सुमन और कमालगंज की प्रभारी वार्डन रंजना यादव और कायमगंज के लेखाकार राजेंद्र भारद्वाज को बर्खास्त कर दिया था. इस मामले में एफआईआर भी दर्ज कराने के निर्देश थे, लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के चलते अभी तक फाइल ठंडे बस्ते में पड़ी है.

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