फर्रुखाबाद: अनामिका शुक्ला कांड का मास्टरमाइंड मैनपुरी निवासी पुष्पेंद्र सिंह उर्फ गुरुजी फर्रुखाबाद के कुंअरपुर खास में सुशील के नाम से सहायक अध्यापक के पद पर तैनात था. आरोपी को फर्जी नाम से 14 अगस्त 2014 को नौकरी मिली थी. सूत्रों के मुताबिक वह अब तक करीब 32.64 लाख रुपए सरकार से वेतन के रूप में ले चुका है. मामले का खुलासा होने के बाद डीएम मानवेंद्र सिंह ने बीएसए से रिपोर्ट मांगी है.
दरअसल कासगंज में अनामिका शुक्ला के नाम से नौकरी कर रही कायमगंज के गांव राजपालपुर की सुप्रिया जाटव के पकड़े जाने के बाद एक के बाद एक कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. इसी क्रम में एसटीएफ के हत्थे चढ़े पुष्पेंद्र सिंह उर्फ गुरुजी से पूछताछ में फर्जीवाड़े की परतें खुलनी शुरू हो गईं हैं. इस खेल को बीएसए दफ्तर के लिपिकों की मिलीभगत से होने की आशंका है. आरोपी के कबूलनामे से मामला खुलने से बीएसए कार्यालय में अफरा-तफरी मची है.
साल 2014 में फर्जी अभिलेखों से पाई नौकरी
शिक्षा विभाग में फर्जी अभिलेखों से नौकरी लगवाने वाले मास्टरमाइंड पुष्पेंद्र ने सुशील कुमार कौशल के अभिलेखों से साल 2014 में हुए 10 हजार सहायक शिक्षक भर्ती में जिले में नियुक्ति पाई थी. जानकारी के अनुसार तत्कालीन बीएसए योगराज सिंह की देख-रेख में काउंसलिंग हुई थी. शैक्षिक प्रमाणपत्रों के सत्यापन के बाद उसकी पहली जॉइनिंग प्राथमिक विद्यालय कुंअरपुर खास में हुई. पुष्पेंद्र लॉकडाउन के चलते स्कूल बंद होने से पहले मार्च 2020 तक यहां आया है.
फर्जी शिक्षक को 32 लाख से अधिक मिला वेतन
मैनपुरी के थाना भोगांव के नगला खरा निवासी मास्टरमाइंड पुष्पेंद्र सिंह बीते 6 साल से कायमगंज के गांव कुंअरपुर खास के प्राथमिक विद्यालय में अध्यापक बन कर सरकार को धोखा देता रहा. मास्टरमाइंड फर्जी नाम से 5 साल 8 माह की अवधि में करीब 32. 64 लाख रुपए का वेतन ले चुका है.