फर्रुखाबाद : उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में फतेहगढ़ जिला जेल फतेहगढ़ में हुई हिंसा के दौरान बंदी शिवम की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है. आरोप है कि पुलिस की गोली से शिवम की मौत हुई है. ऐसे में परिवार वालों ने शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया था. उनका कहना था कि जब तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं देख लेते और दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती है तब तक दाह संस्कार नहीं करेंगे. इस सूचना के बाद प्रशासन के आलाधिकारी परिवार को अंतिम संस्कार के लिए मनाने में जुटा हुआ है. काफी मशक्कत के बाद परिजन मृतक कैदी शिवम का अंतिम संस्कार करने को तैयार हुए. मृतक के परिजनों ने लिखित आश्वासन के बाद अंतिम संस्कार किया.
स्पेशल टीम करेगी मामले की जांच
फर्रुखाबाद जिले के फतेहगढ़ जिला जेल में अब तक 2 कैदियों की मौत हो चुकी है. इस मामले की जांच करने के लिए सोमवार को डीजी जेल आनंद कुमार फतेहगढ़ पहुंचे. इस दौरान उन्होंने बताया कि जेल प्रशासन की ओर से तीन सदस्यों की स्पेशल जांच टीम गठित की जा रही है, जो निर्धारित समय में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. इसके आधार पर ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. जेल में हुए बवाल में गोली लगने से हुई बंदी शिवम की मौत के सवाल पर उन्होंने कहा कि जानकारी में आया है कि कैदी शिवम को गोली लगी थी. डीजी जेल आनंद कुमार ने बताया कि कमिश्नर और आईजी के साथ पूरी टीम मामले की जांच कर रही है, दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी.
दरअसल, फतेहगढ़ स्थित जिला कारागार में बीमार कैदी संदीप सिंह की अस्पताल में मौत के बाद आक्रोशित बंदियों और कैदियों ने उपद्रव शुरू कर दिया था. इस दौरान जमकर पत्थरबाजी और आगजनी हुई थी. बवाल में गोली लगने से बंदी शिवम घायल हो गया था. जबकि पथराव में 30 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. वहीं, बंदी शिवम की मौत होने पर चिकित्सकों के पैनल से पोस्टमार्टम कराया गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गोली लगने से बंदी की मौत की पुष्टि हुई थी.
लिखित आश्वासन के बाद किया अंतिम संस्कार
दरसल, फतेहगढ़ जेल में हिंसा के दौरान गोली लगने से मरने वाले बंदी शिवम के शव का रविवार रात कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच फतेहगढ़ में वीडियोग्राफी के बीच पोस्टमार्टम कराया गया. गांव में तनाव को देखते हुए थाना राजेपुर क्षेत्र के ग्राम जैनापुर में शिवम के घर पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया. सोमवार सुबह पुलिस की कड़ी सुरक्षा में शिवम का शव पांचाल घाट लाया गया. शव घाट पर पहुंचते ही लोग आक्रोशित हो उठे और परिवार ने अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया. उनका कहना था कि शिवम की मौत गोली लगने से हुई है. परिवार वालों ने पुलिस-प्रशासन के सामने मांग रख दी कि जब तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं देख लेते और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं होता, तब तक शिवम के शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. इसकी सूचना मिलते ही पुलिस के आलाधिकारियों ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन घरवाले किसी की बात सुनने के लिए तैयार नहीं थे. बता दें कि शिवम ने डॉ. राममनोहर लोहिया अस्पताल में जेल प्रशासन पर गोली मारने का आरोप लगाया था. वहीं, लिखित आश्वासन के बाद परिजनों ने कैदी शिवम का अंतिम संस्कार कर दिया है.
बंदी के शरीर से बरामद हुई बुलेट !
सूत्रों के अनुसार, करीब आधे घंटे तक चले पोस्टमार्टम में बंदी के शरीर के बाईं ओर कमर के पास एक बुलेट बरामद हुई. बुलेट हड्डी से टकराने के कारण तिरछी हो गई है. हालांकि अभी भी स्थिति पूरी तरह साफ नहीं हो पाई है. वहीं पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे शिवम के परिवार वालों ने ये कहते हुए हंगामा किया कि उनकी बगैर मौजूदगी के पोस्टमार्टम करा दिया गया है.
रिपार्ट आने पर होगी कार्रवाई : कमिश्नर
कानपुर के कमिश्नर राजशेखर और आईजी रेंज प्रशांत कुमार ने रविवार रात जिला जेल पहुंचकर करीब चार घंटे जांच पड़ताल की. कमिश्नर ने बताया कि जेल की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. जो बवाल हुआ उसे लेकर जांच की जा रही है. जैसे ही रिपोर्ट मिलेगी आगे की कार्रवाई की जाएगी.
27 बंदियों पर केस दर्ज
जिला जेल में बबाल और तोड़फोड़ के मामले में जेलर अखिलेश कुमार ने कोतवाली फतेहगढ़ पुलिस को तहरीर दी है. जिसमें मृतक बंदी शिवम सहित 27 बंदियों को नामजद किया गया है. जेल सूत्रों के अनुसार, पुलिस और जिला प्रशासन ने तलाशी के दौरान जेल के अंदर से तमंचा बरामद किया है. जिसके बाद जेल की सुरक्षा में बड़ी चूक मानी जा रही है. डीआईजी जेल बीपी त्रिपाठी ने जेल में पड़ताल की तो जेल में तमंचा बरामद हुआ. वहीं, पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा का कहना है कि तलाशी में एक तमंचा बरामद हुआ है. इस मामले की जांच की जा रही है.
जेलर ने लगाए ये आरोप
जेलर अखिलेश कुमार ने तहरीर में कहा है कि 7 नवंबर की सुबह करीब 8 बजे उनके साथ डिप्टी जेलर शैलेष कुमार सोनकर जिला कारागार के कार्यालय में बैठे थे. इसी बीच मरीज संदीप की सैफई में इलाज के आभाव में मौत की अफवाह फैलाकर बंदियों ने आगजनी और तोड़फोड़ करना शुरू कर दिया. तत्काल मौके पर पहुंचकर बंदियों को समझाया गया, लेकिन गुस्से में आकर बंदियों ने जान से मारने की नियत से गालीगलौज करते हुए सरिया, पत्थर और धारदार चम्मच लेकर हमला कर दिया. बंदियों ने मारपीट के दौरान एक मोबाइल फोन भी छीन लिया. इसके बाद जेल के अंदर आग लगाकर बैरकों के गेट तोड़ने का प्रयास किया, जिससे लाखों रुपये की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है. आपसी गुटबाजी के कारण ही बंदियों के बीच मारपीट हुई. इससे बैरक नंबर 2 में एक बंदी घायल हुआ, जिससे उसके पेट में गंभीर रूप से चोटें आई हैं.
डॉ राजशेखर मंडलायुक्त ने जेल का किया निरीक्षण
जेल में बवाल के बाद देर रात मंडलायुक्त कानपुर डॉ. राजशेखर ने जेल का निरीक्षण किया. करीब 3 घंटे जेल में निरीक्षण करने के बाद जब वे मीडिया से रूबरू हुए तो उन्होंने बताया कि अब जेल में हालात ठीक हैं और जिले के अधिकारियों ने आवश्यक कार्रवाई की है. पूरे मामले का समय-समय पर शासन को अपडेट दिया जा रहा है. फिलहाल पूरे मामले में एक बंदी की मौत हुई है. जेल में तमंचा बरामद के सवाल पर कहा कि पूरे मामले की जांच की जा रही है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.
मेरापुर थाना क्षेत्र के गांव ब्राहिमपुर का निवासी 29 वर्षीय संदीप सिंह यादव पत्नी की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा था. एसपी अशोक कुमार मीणा के मुताबिक, डेंगू होने से 5 नवंबर को दोपहर में संदीप को लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उसको सैफई रेफर किया गया था, जहां शनिवार रात उसकी मौत हो गई. रविवार सुबह जेल में बंद संदीप के रिश्तेदार संजीव यादव को इसकी सूचना मिली. उसने अपने साथियों को बताया. इससे आक्रोश फैल गया.
जानकारी के मुताबिक, रविवार सुबह जब जेल के अंदर चाय वितरण के लिए बैरक नंबर 9 के सामने कैदी बंदी एकत्र किए गए, उसी दौरान डिप्टी जेलर शैलेश सोनकर वहां पहुंचे तो बंदियों ने उन पर हमला बोल दिया और बंधक बना लिया. इसके बाद बंदियों ने जेल में जमकर तोड़फोड़ कर हंगामा किया. जेल अस्पताल और बैरकों में आग लगा दी. कुछ बैरकों की छतों पर चढ़कर पथराव करने लगे.
डीएम संजय कुमार सिंह और एसपी अशोक कुमार मीणा कई थानों की फोर्स के साथ जिला जेल पहुंचे. पुलिस और बंदियों के बीच जमकर पथराव हुआ. काफी देर तक जेल के अंदर गोलियां चलने की आवाजें आती रहीं. करीब 10:30 बजे जेल के अंदर घायल हुआ थाना मऊ दरवाजा में तैनात सिपाही जितेंद्र कुमार और राजेंद्र राजेपुर थाना क्षेत्र के लहरापुर निवासी बंदी शिवम को बाहर निकाला गया.
शिवम के पेट में गंभीर घाव होने पर उसे लोहिया अस्पताल भेजा गया. उसने आरोप लगाया कि वह गेट बंद कर रहा था कि तभी डिप्टी जेलर ने उसे गोली मारी. सैफई में इलाज के दौरान शाम को उसने दम तोड़ दिया और करीब 4 घंटे मशक्कत के बाद हालात को काबू में पाया जा सका. घटना में 30 पुलिसकर्मी, 9 कैदी घायल और एक कैदी की मौत हुई है.
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जेलर की ओर से 27 बंदियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर एमडीएम वित्त एवं राजस्व के नेतृत्व में घटना की मजिस्ट्रेट जांच शुरू कराई गई थी. वहीं, पोस्टमार्टम डॉक्टरों के पैनल व वीडियोग्राफी के बीच कराया गया. आज अंतिम संस्कार होगा. देर रात तक मंडलायुक्त कानपुर राजशेखर सहित आईजी कानपुर रेंज प्रशांत कुमार ने जेल पहुंचकर जांच की. इस घटना के बाद डीआईजी जेल वीपी त्रिपाठी भी पहुंचे थे और जेल का निरीक्षण किया था. पूरे मामले की जांच कर शासन को अपडेट जानकारी दी जा रही है.
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