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फर्रुखाबाद: जमीन कब्जे के मामले में वकीलों और एसडीएम में विवाद - जिलाधिकारी फर्रुखाबाद

सरकारी जमीन पर कब्जे को लेकर एक विवाद चल रहा था, जिसको लेकर एसडीएम के पास शिकायत दर्ज कराई गई थी और मामला एसडीएम सदर अमित आसेरी की न्यायालय में था. वकीलों का आरोप है कि एसडीएम इस मामले में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहे थे.

मामले में जिलाधिीकारी ने कार्रवाई करने की बात कही है.
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Published : May 21, 2019, 4:48 AM IST

फर्रुखाबाद: जिले में सरकारी जमीन पर कुछ लोगों द्वारा कब्जा करने की शिकायतों को लेकर एसडीएम सदर न्यायालय में याचिका दायर की गई थी. इस अवैध निर्माण को रुकवाने की मांग को लेकर वकीलों और एसडीएम के बीच जमकर विवाद हो गया.

मामले में जिलाधिीकारी ने कार्रवाई करने की बात कही है.

क्या है पूरा मामला:

  • मामला थाना जहानगंज क्षेत्र के गांव आलूपुर का है.
  • आलूपुर गांव में सरकारी जमीन कुछ लोगों द्वारा मकान का अवैध निर्माण कराया जा रहा है.
  • अवैध निर्माण को रुकवाने के लिए याचिका दायर की गई थी.
  • यह याचिका जहानगंज निवासी विनोद कुमार व रमेश चंद्र ने दायर की थी.
  • एसडीएम सदर अमित आसेरी की न्यायालय में याचिका दायर हुई थी.
  • अवैध निर्माण को रुकवाने के आदेश की मांग वकीलों द्वारा की जा रही थी.

उक्त जमीन का मामला मेरे संज्ञान में है, जिसके तहत धारा 133 के अंतर्गत मुकदमा चल रहा है. उक्त भूखंड पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत आता है और इसकी रिपोर्ट मंगाई गई है. यदि रिपोर्ट में जमीन को पीडब्ल्यूडी अपनी बताता है तो अवैध निर्माण को गिरा दिया जाएगा.
-मोनिका रानी, जिलाधिकारी


आरोप है कि एसडीएम सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों पर कार्रवाई करने से किसी कारण बच रहे थे. सोमवार को वकीलों और एसडीएम के बीच बहसबाजी शुरू हो गई और कुछ ही देर में जमकर विवाद होने लगा. इसकी सूचना पर दर्जनों वकील एसडीएम कोर्ट पहुंच गए. वहीं मामला बढ़ता देख एसडीएम ने स्टे आर्डर जारी कर दिया. जिलाधिकारी मोनिका रानी इस मामले में बताया कि एसडीएम अमित आसेरी और वकीलों के बीच हुए विवाद की अभी तक लिखित शिकायत नहीं मिली है, लेकिन इसके बावजूद भी मामले की जांच कराई जाएगी.

फर्रुखाबाद: जिले में सरकारी जमीन पर कुछ लोगों द्वारा कब्जा करने की शिकायतों को लेकर एसडीएम सदर न्यायालय में याचिका दायर की गई थी. इस अवैध निर्माण को रुकवाने की मांग को लेकर वकीलों और एसडीएम के बीच जमकर विवाद हो गया.

मामले में जिलाधिीकारी ने कार्रवाई करने की बात कही है.

क्या है पूरा मामला:

  • मामला थाना जहानगंज क्षेत्र के गांव आलूपुर का है.
  • आलूपुर गांव में सरकारी जमीन कुछ लोगों द्वारा मकान का अवैध निर्माण कराया जा रहा है.
  • अवैध निर्माण को रुकवाने के लिए याचिका दायर की गई थी.
  • यह याचिका जहानगंज निवासी विनोद कुमार व रमेश चंद्र ने दायर की थी.
  • एसडीएम सदर अमित आसेरी की न्यायालय में याचिका दायर हुई थी.
  • अवैध निर्माण को रुकवाने के आदेश की मांग वकीलों द्वारा की जा रही थी.

उक्त जमीन का मामला मेरे संज्ञान में है, जिसके तहत धारा 133 के अंतर्गत मुकदमा चल रहा है. उक्त भूखंड पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत आता है और इसकी रिपोर्ट मंगाई गई है. यदि रिपोर्ट में जमीन को पीडब्ल्यूडी अपनी बताता है तो अवैध निर्माण को गिरा दिया जाएगा.
-मोनिका रानी, जिलाधिकारी


आरोप है कि एसडीएम सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों पर कार्रवाई करने से किसी कारण बच रहे थे. सोमवार को वकीलों और एसडीएम के बीच बहसबाजी शुरू हो गई और कुछ ही देर में जमकर विवाद होने लगा. इसकी सूचना पर दर्जनों वकील एसडीएम कोर्ट पहुंच गए. वहीं मामला बढ़ता देख एसडीएम ने स्टे आर्डर जारी कर दिया. जिलाधिकारी मोनिका रानी इस मामले में बताया कि एसडीएम अमित आसेरी और वकीलों के बीच हुए विवाद की अभी तक लिखित शिकायत नहीं मिली है, लेकिन इसके बावजूद भी मामले की जांच कराई जाएगी.

Intro:नोट- इस खबर के विजुअल ftp में up_fbd_Advocate aur Sdm me vivad_vis1_7205401 नाम से है।।।

एंकर- फर्रुखाबाद जिले में सरकारी जमीन पर कुछ लोगों द्वारा कब्जा करने की शिकायतों को लेकर एसडीएम सदर न्यायालय में याचिका दायर की गई थी. इस अवैध निर्माण को रुकवाने की मांग को लेकर वकीलों और एसडीएम के बीच जमकर विवाद हो गया. सूचना पाकर सीओ सदर भारी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे. उन्होंने बीच-बचाव कर वकीलों को शांत कराया.


Body:विओ- जानकारी के अनुसार, थाना जहानगंज क्षेत्र के गांव आलूपुर में सरकारी जमीन पर कब्जा करने की नियत से कुछ लोगों द्वारा मकान और दुकान का अवैध निर्माण कराया जा रहा है. इस अवैध निर्माण को रुकवाने के लिए जहानगंज निवासी विनोद कुमार व रमेश चंद्र ने एसडीएम सदर अमित आसेरी की न्यायालय में याचिका दायर की थी. बताया जा रहा है कि याचिका के माध्यम से अवैध निर्माण को रुकवाने के आदेश की मांग वकीलों द्वारा की जा रही थी. वहीं आरोप है कि एसडीएम सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों पर कार्रवाई करने से किसी कारण बच रहे थे, जिसके चलते सोमवार को वकीलों और एसडीएम के बीच बहस बाजी शुरू हो गई और कुछ ही देर में जमकर विवाद होने लगा. इसकी सूचना कचहरी परिसर में कुछ ही देर में आग की तरह फैलते ही दर्जनों वकील एसडीएम कोर्ट पहुंच गए. वहीं मामला बढ़ता देख एसडीएम ने स्टे आर्डर जारी कर दिया. हालांकि इस घटना के बाद इस मामले पर कुछ भी बोलने से उन्होंने इंकार कर दिया. वहीं जिलाधिकारी मोनिका रानी ने बताया कि उक्त जमीन का मामला मेरे संज्ञान में है, जिसके तहत धारा 133 के अंतर्गत मुकदमा चल रहा है.उन्होंने कहा कि उक्त भूखंड पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत आता है और इसकी रिपोर्ट मंगाई गई है.यदि रिपोर्ट में जमीन को पीडब्ल्यूडी अपनी बताता है तो अवैध निर्माण को गिरा दिया जाएगा.


Conclusion:जिलाधिकारी ने कहा कि फिलहाल एसडीएम अमित आसेरी और वकीलों के बीच हुए विवाद की अभी तक लिखित शिकायत नहीं मिली है, लेकिन इसके बावजूद भी मामले की जांच कराई जाएगी.

बाइट- मोनिका रानी,जिलाधिकारी
बाइट-विनोद कुमार, शिकायतकर्ता
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