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ETV Bharat Impact : मोबाइल की रोशनी से किया जा रहा था इलाज, CMO ने दिए जांच के आदेश

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Published : Jan 31, 2023, 10:24 AM IST

Updated : Jan 31, 2023, 11:24 AM IST

फर्रुखाबाद जिला अस्पताल में टॉर्च और मोबाइल की रोशनी से मरीजों का इलाज किया जा रहा था. वहीं, मामला सामने आने के बाद सीएमओ ने अस्पताल का निरीक्षण किया मामले में जांच के आदेश दिए हैं.

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फर्रुखाबाद जिला अस्पताल
अस्पताल में टॉर्च और मोबाइल की रोशनी से हो रहा इलाज

फर्रुखाबादः फर्रुखाबाद जिला अस्पताल में लाइन में लगे मरीजों को टॉर्च और मोबाइल की रोशनी में इलाज करना पड़ रहा था. यह खबर ईटीवी भारत ने प्रमुखता से 25 दिसंबर को चलाई थी. इस खबर को जिले के सीएमओ ने प्रमुखता से देखा और लोहिया अस्पताल का सोमवार को निरीक्षण किया. इस मामले में जांच करने के आदेश दे दिए हैं. जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

फर्रुखाबाद जिला अस्पताल के कमरे मरीजों से भरे हुए हैं, लेकिन बिजली जाने पर यहां अंधेरा छा जाता है. बिजली की व्यवस्था न होने पर अस्पताल के डॉक्टर मोबाइल व टॉर्च की रोशनी के सभी मरीजों को देख रहे थे. कुछ महीने पहले यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का जनपद में आगमन हुआ था, तब उन्होंने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया था. उन्होंने सख्त निर्देश निर्देश दिए थे कि अस्पताल में किसी प्रकार की कोई कमी न आए और मरीजों को हर सुविधा मिले.

मरीजों के साथ डॉक्टरों को भी दिक्कतें आ रही थी. लाइन में लगे डॉक्टर के पास खड़े कुछ मरीज मोबाइल की की रोशनी से अपना इलाज करवा रहे थे. डॉक्टरों के साथ-साथ मरीजों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. लोहिया अस्पताल के मरीजों के साथ आए लोगों ने बताया था कि जिला अस्पताल में जनरेटर तो है, लेकिन इसके लिए डीजल खपत का इंतजाम सिर्फ कागज में हो रहा है. इमरजेंसी में भी अंधेरा छा जाता है, जबकि जिम्मेदार मौन धारण किए रहते हैं.

वहीं, लोहिया अस्पताल के डॉक्टर ने बताया था करीब 1 घंटे से लाइट नहीं आ रही है. मरीज आ रहे हैं मरीज तो देखने ही पड़ेंगे. मोबाइल टॉर्च की रोशनी में मरीज को देख रहे हैं. मुझे वह मरीजों दोनों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसा डॉक्टर ने कहा था, जब ईटीवी भारत ने यह खबर प्रमुखता से चलाई थी.

सीएमओ अवनींद्र कुमार ने बताया कि 'मैंने लोहिया अस्पताल का निरीक्षण किया. शिकायत मिली थी कि लोहिया अस्पताल में जनरेटर नहीं चल रहा है. निरीक्षण के दौरान पाया गया कि सभी व्यवस्थाएं करीब-करीब सही पाई गईं. लॉग बुक भी पूर्ण मिली. अकाउंटेंट से भी मैंने पता किया. अप्रैल 2022 से लेकर अभी तक करीब 6 लाख रुपये आया है. 5 लाख 80 हजार रुपये करीब खर्च हो चुका है. 19 हजार 7 सौ शेष बचा है. डीजल आदि के लिए. डॉक्टर मरीज को मोबाइल की रोशनी में देख रहे थे इस प्रकरण में जांच के आदेश दे दिए हैं, जो भी तत्व निकलकर आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी'.

पढ़ेंः फर्रुखाबाद जिला अस्पताल में डॉक्टर कर रहे मोबाइल फोन की रोशनी में मरीजों का इलाज

अस्पताल में टॉर्च और मोबाइल की रोशनी से हो रहा इलाज

फर्रुखाबादः फर्रुखाबाद जिला अस्पताल में लाइन में लगे मरीजों को टॉर्च और मोबाइल की रोशनी में इलाज करना पड़ रहा था. यह खबर ईटीवी भारत ने प्रमुखता से 25 दिसंबर को चलाई थी. इस खबर को जिले के सीएमओ ने प्रमुखता से देखा और लोहिया अस्पताल का सोमवार को निरीक्षण किया. इस मामले में जांच करने के आदेश दे दिए हैं. जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

फर्रुखाबाद जिला अस्पताल के कमरे मरीजों से भरे हुए हैं, लेकिन बिजली जाने पर यहां अंधेरा छा जाता है. बिजली की व्यवस्था न होने पर अस्पताल के डॉक्टर मोबाइल व टॉर्च की रोशनी के सभी मरीजों को देख रहे थे. कुछ महीने पहले यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का जनपद में आगमन हुआ था, तब उन्होंने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया था. उन्होंने सख्त निर्देश निर्देश दिए थे कि अस्पताल में किसी प्रकार की कोई कमी न आए और मरीजों को हर सुविधा मिले.

मरीजों के साथ डॉक्टरों को भी दिक्कतें आ रही थी. लाइन में लगे डॉक्टर के पास खड़े कुछ मरीज मोबाइल की की रोशनी से अपना इलाज करवा रहे थे. डॉक्टरों के साथ-साथ मरीजों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. लोहिया अस्पताल के मरीजों के साथ आए लोगों ने बताया था कि जिला अस्पताल में जनरेटर तो है, लेकिन इसके लिए डीजल खपत का इंतजाम सिर्फ कागज में हो रहा है. इमरजेंसी में भी अंधेरा छा जाता है, जबकि जिम्मेदार मौन धारण किए रहते हैं.

वहीं, लोहिया अस्पताल के डॉक्टर ने बताया था करीब 1 घंटे से लाइट नहीं आ रही है. मरीज आ रहे हैं मरीज तो देखने ही पड़ेंगे. मोबाइल टॉर्च की रोशनी में मरीज को देख रहे हैं. मुझे वह मरीजों दोनों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसा डॉक्टर ने कहा था, जब ईटीवी भारत ने यह खबर प्रमुखता से चलाई थी.

सीएमओ अवनींद्र कुमार ने बताया कि 'मैंने लोहिया अस्पताल का निरीक्षण किया. शिकायत मिली थी कि लोहिया अस्पताल में जनरेटर नहीं चल रहा है. निरीक्षण के दौरान पाया गया कि सभी व्यवस्थाएं करीब-करीब सही पाई गईं. लॉग बुक भी पूर्ण मिली. अकाउंटेंट से भी मैंने पता किया. अप्रैल 2022 से लेकर अभी तक करीब 6 लाख रुपये आया है. 5 लाख 80 हजार रुपये करीब खर्च हो चुका है. 19 हजार 7 सौ शेष बचा है. डीजल आदि के लिए. डॉक्टर मरीज को मोबाइल की रोशनी में देख रहे थे इस प्रकरण में जांच के आदेश दे दिए हैं, जो भी तत्व निकलकर आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी'.

पढ़ेंः फर्रुखाबाद जिला अस्पताल में डॉक्टर कर रहे मोबाइल फोन की रोशनी में मरीजों का इलाज

Last Updated : Jan 31, 2023, 11:24 AM IST
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