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फर्रुखाबाद में निराश्रित नहीं होगा एक भी गौवंश, सबके आश्रय का होगा प्रबंध, पढ़िए डिटेल - सीडीओ अरविंद कुमार मिश्रा

फर्रुखाबाद में गौवंश के आसरे के लिए बेहतर इंतजाम (Farrukhabad Cow Shelter Facility) किए जा रहे हैं. इसके किसानों को भी काफी सहूलियत मिलेगी. प्रशासन की ओर से इसे लेकर खास तैयारी की गई है.

फर्रुखाबाद में गौवंशों के आश्रय के लिए खास इंतजाम.
फर्रुखाबाद में गौवंशों के आश्रय के लिए खास इंतजाम.
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 22, 2023, 6:33 PM IST

फर्रुखाबाद में गौवंशों के आश्रय के लिए खास इंतजाम.

फर्रुखाबाद : जिले के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में निराश्रित गौवंश अब भटकते नजर नहीं आएंगे. आईएएस मुख्य विकास अधिकारी अरविंद कुमार मिश्रा ने इसे लेकर खास रणनीति तैयार की है. ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने इसकी जानकारी दी. बताया कि गाय हमारी आस्था का विषय है. उसे हर हाल में सम्मान मिलना चाहिए. हमें उसके संरक्षण का भाव रखना चाहिए. अधिकारियों व कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं कि सभी गौवंशों के आश्रय के लिए उचित प्रबंध किए जाएं.

पूरे सूबे में चल रहा अभियान : मुख्य विकास अधिकारी अरविंद कुमार मिश्रा ने ईटीवी भारत को बताया कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पूरे प्रदेश में हम लोग अभियान चलाकर काम कर रहे हैं. पशु संवर्धन, संरक्षण के लिए सेवा भाव के साथ-साथ प्रयासरत हैं. पशुपालकों को प्रोत्साहन के लिए सरकार द्वारा अनेक योजनाएं संचालित की जा रहीं हैं. सभी परिवारों को जो धनराशि निश्चित है वह हर महीने उपलब्ध करायी जा रही है. निराश्रित गौवंश की सुरक्षा व देखभाल के लिए उचित कदम उठाए जा रहे हैं. गौवंश को पहले से संचालित गो संरक्षण केंद्रों तक पहुंचने उनके लिए चारे की व्यवस्था सुनिश्चित करने और समय-समय पर स्वास्थ्य प्रशिक्षण के लिए संबंधित अधिकारी व कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं.

जिले में 30 गौवंश आश्रय स्थल : सीडीओ ने बताया कि संबंधित अधिकारी व कर्मचारियों को गौ आश्रय स्थल बढ़ाने को कहा गया है. पिछले दिनों हम लोगों ने जो गो आश्रय बनी है उनकी क्षमताएं बढ़ाने का काम किया है. जिसमें और गौवंश शिफ्ट किया जा सके. पिछले दिनों जो बाढ़ क्षेत्र में कुछ गो आश्रय बनी थी उनको बंद करना पड़ा था. वहां के गौवंश गौ आश्रय में शिफ्ट किए गए थे. हमारे पास जनपद में बड़े गौ आश्रय हैं. अब बाढ़ का पानी खत्म हो चुका है. कुछ लोग गौवंशों का दूध निकाल कर उनको छोड़ देते हैं उन लोगों को मोटिवेट किया जा रहा है कि ऐसा ना करें. 24 घंटे उनको अपने पास रखें. अगर बार-बार ऐसा कोई करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी. नगरीय क्षेत्र में यह समस्या ज्यादा देखने को मिल रही है. जिले में करीब 30 गौवंश आश्रय स्थल बनाए गए हैं. जिनमें गौवंश की देखरेख के लिए हर पृथक प्रयास किया जा रहे हैं.

यह भी पढ़ें : योगी सरकार निराश्रित गौवंश का संरक्षण करेगी, प्रदेश भर में चलेगा अभियान

गोवंश के भरण-पोषण में आर्थिक तंगी, 1000 आवारा पशुओं को गौशाला वापस लौटाने को मजबूर

फर्रुखाबाद में गौवंशों के आश्रय के लिए खास इंतजाम.

फर्रुखाबाद : जिले के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में निराश्रित गौवंश अब भटकते नजर नहीं आएंगे. आईएएस मुख्य विकास अधिकारी अरविंद कुमार मिश्रा ने इसे लेकर खास रणनीति तैयार की है. ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने इसकी जानकारी दी. बताया कि गाय हमारी आस्था का विषय है. उसे हर हाल में सम्मान मिलना चाहिए. हमें उसके संरक्षण का भाव रखना चाहिए. अधिकारियों व कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं कि सभी गौवंशों के आश्रय के लिए उचित प्रबंध किए जाएं.

पूरे सूबे में चल रहा अभियान : मुख्य विकास अधिकारी अरविंद कुमार मिश्रा ने ईटीवी भारत को बताया कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पूरे प्रदेश में हम लोग अभियान चलाकर काम कर रहे हैं. पशु संवर्धन, संरक्षण के लिए सेवा भाव के साथ-साथ प्रयासरत हैं. पशुपालकों को प्रोत्साहन के लिए सरकार द्वारा अनेक योजनाएं संचालित की जा रहीं हैं. सभी परिवारों को जो धनराशि निश्चित है वह हर महीने उपलब्ध करायी जा रही है. निराश्रित गौवंश की सुरक्षा व देखभाल के लिए उचित कदम उठाए जा रहे हैं. गौवंश को पहले से संचालित गो संरक्षण केंद्रों तक पहुंचने उनके लिए चारे की व्यवस्था सुनिश्चित करने और समय-समय पर स्वास्थ्य प्रशिक्षण के लिए संबंधित अधिकारी व कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं.

जिले में 30 गौवंश आश्रय स्थल : सीडीओ ने बताया कि संबंधित अधिकारी व कर्मचारियों को गौ आश्रय स्थल बढ़ाने को कहा गया है. पिछले दिनों हम लोगों ने जो गो आश्रय बनी है उनकी क्षमताएं बढ़ाने का काम किया है. जिसमें और गौवंश शिफ्ट किया जा सके. पिछले दिनों जो बाढ़ क्षेत्र में कुछ गो आश्रय बनी थी उनको बंद करना पड़ा था. वहां के गौवंश गौ आश्रय में शिफ्ट किए गए थे. हमारे पास जनपद में बड़े गौ आश्रय हैं. अब बाढ़ का पानी खत्म हो चुका है. कुछ लोग गौवंशों का दूध निकाल कर उनको छोड़ देते हैं उन लोगों को मोटिवेट किया जा रहा है कि ऐसा ना करें. 24 घंटे उनको अपने पास रखें. अगर बार-बार ऐसा कोई करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी. नगरीय क्षेत्र में यह समस्या ज्यादा देखने को मिल रही है. जिले में करीब 30 गौवंश आश्रय स्थल बनाए गए हैं. जिनमें गौवंश की देखरेख के लिए हर पृथक प्रयास किया जा रहे हैं.

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