ETV Bharat / state

क्या बदल सकता है फर्रुखाबाद जिले का नाम, बीजेपी सांसद ने दिया सीएम को ये पत्र

फर्रुखाबाद की प्राचीन पहचान और सांस्कृत धरोहर को पुनर्जीवित करने के लिए बीजेपी सांसद मुकेश राजपुरत ने सीएम योगी को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि फर्रुखाबाद ऐतिहासिक काल में पांचाल क्षेत्र कहलाता आया है. अत: इसका नाम पांचाल नगर कर दिया जाए.

etv bharat
बीजेपी सांसद मुकेश राजपुरत
author img

By

Published : Apr 1, 2022, 10:33 PM IST

फर्रुखाबाद: यूपी में इलाहाबाद और फैजाबाद का नाम बदलने के बाद अब एक और जिले का नाम बदलने की मांग उठी है. फर्रुखाबाद की प्राचीन पहचान और सांस्कृत धरोहर को पुनर्जीवित करने के लिए जनपद का नाम बदलकर पांचाल नगर करने की बीजेपी सांसद ने मांग उठाई है. इस संबंध में उन्होंने सीएम योगी को पत्र भी लिखा है.

बीजेपी सांसद मुकेश राजपुरत

बीजेपी सांसद मुकेश राजपूत ने सीएम योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखकर कहा कि फर्रुखाबाद का नाम इतिहास में बहुत ही प्राचीन है. फर्रुखाबाद तीन नदियों के मध्य बसा हुआ है. यह पौराणिक काल से समृद्ध है. बीजेपी सांसद ने अपने पत्र में लिखा कि फर्रुखाबाद प्राचीन काल से पांचाल क्षेत्र कहलाता रहा है. यह शहर पांचाल राज्य की राजधानी थी. राजा द्रुपद की राजधानी में ही राजकुमारी द्रौपदी का स्वयंवर भी हुआ था. राजा द्रुपद की सेना छावनी शहर में निवास करती थी. आज यहां दो बड़े सेना के रेजिमेंट है.

etv bharat
बीजेपी सांसद मुकेश राजपुरत

यह भी पढ़ें- सीएम योगी से दानिश आजाद ने की मुलाकात, मदरसों को स्मार्ट बनाने पर हुई चर्चा

बीजेपी सांसद ने हिंदू और जैन दोनों धर्मावलंबियों के लिए कंपिल का खास महत्व होने की बात कहते हुए कहा कि जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव ने यहां पहला उपदेश दिया और 13 तीर्थंकर भगवान विमलनाथ जी के चारों कल्याणक गर्व जन्म दीक्षा और ज्ञान भी आए हुए थे. महात्मा गौतम बुद्ध का स्वर्गा बातरण भी विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल संकिसा में हुआ था. उन्होंने कहा कि काशी की तरह यहां भी गली-गली में शिवालय होने के कारण इस नगर को अपराकाशी के नाम से भी जाना जाता है.

कलयुग के हनुमान कहे जाने वाले बाबा नीमकरोरी महाराज जी की तपोस्थली नीमकरोरी धाम भी इसी जनपद में स्थित है. उनके नाम से जिले में एक स्टेशन भी है लेकिन मुगल शासकों द्वारा भारत के बदले गए इतिहास में 1714 में फरूक शेयर ने भारतीय पौराणिक संस्कृति को नष्ट करने के उद्देश्य से इस ऐतिहासिक नगर का नाम अपने नाम के आधार पर बदलकर फर्रुखाबाद कर दिया था. बीजेपी सांसद मुकेश राजपूत इससे पहले भी फर्रुखाबाद जिले का नाम बदलने की मांग उठा चुके है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

फर्रुखाबाद: यूपी में इलाहाबाद और फैजाबाद का नाम बदलने के बाद अब एक और जिले का नाम बदलने की मांग उठी है. फर्रुखाबाद की प्राचीन पहचान और सांस्कृत धरोहर को पुनर्जीवित करने के लिए जनपद का नाम बदलकर पांचाल नगर करने की बीजेपी सांसद ने मांग उठाई है. इस संबंध में उन्होंने सीएम योगी को पत्र भी लिखा है.

बीजेपी सांसद मुकेश राजपुरत

बीजेपी सांसद मुकेश राजपूत ने सीएम योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखकर कहा कि फर्रुखाबाद का नाम इतिहास में बहुत ही प्राचीन है. फर्रुखाबाद तीन नदियों के मध्य बसा हुआ है. यह पौराणिक काल से समृद्ध है. बीजेपी सांसद ने अपने पत्र में लिखा कि फर्रुखाबाद प्राचीन काल से पांचाल क्षेत्र कहलाता रहा है. यह शहर पांचाल राज्य की राजधानी थी. राजा द्रुपद की राजधानी में ही राजकुमारी द्रौपदी का स्वयंवर भी हुआ था. राजा द्रुपद की सेना छावनी शहर में निवास करती थी. आज यहां दो बड़े सेना के रेजिमेंट है.

etv bharat
बीजेपी सांसद मुकेश राजपुरत

यह भी पढ़ें- सीएम योगी से दानिश आजाद ने की मुलाकात, मदरसों को स्मार्ट बनाने पर हुई चर्चा

बीजेपी सांसद ने हिंदू और जैन दोनों धर्मावलंबियों के लिए कंपिल का खास महत्व होने की बात कहते हुए कहा कि जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव ने यहां पहला उपदेश दिया और 13 तीर्थंकर भगवान विमलनाथ जी के चारों कल्याणक गर्व जन्म दीक्षा और ज्ञान भी आए हुए थे. महात्मा गौतम बुद्ध का स्वर्गा बातरण भी विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल संकिसा में हुआ था. उन्होंने कहा कि काशी की तरह यहां भी गली-गली में शिवालय होने के कारण इस नगर को अपराकाशी के नाम से भी जाना जाता है.

कलयुग के हनुमान कहे जाने वाले बाबा नीमकरोरी महाराज जी की तपोस्थली नीमकरोरी धाम भी इसी जनपद में स्थित है. उनके नाम से जिले में एक स्टेशन भी है लेकिन मुगल शासकों द्वारा भारत के बदले गए इतिहास में 1714 में फरूक शेयर ने भारतीय पौराणिक संस्कृति को नष्ट करने के उद्देश्य से इस ऐतिहासिक नगर का नाम अपने नाम के आधार पर बदलकर फर्रुखाबाद कर दिया था. बीजेपी सांसद मुकेश राजपूत इससे पहले भी फर्रुखाबाद जिले का नाम बदलने की मांग उठा चुके है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.