फर्रुखाबाद: फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में बंद 35 कैदियों को प्रदेश सरकार की अनुमति के बाद शनिवार को रिहा कर दिया गया. कैदियों के सदाचरण एव दंडादेश के सापेक्ष भोगी गई सजा को पर्याप्त मानते हुए रिहाई की गई है.
फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में करीब 2100 से अधिक कैदी हैं. आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे कैदियों की समय पूर्व रिहाई को लेकर प्रदेश सरकार ने अपनी नीति घोषित की थी, जिसके तहत सेंट्रल जेल फतेहगढ़ में 16 वर्ष से अधिक सजा काट रहे कुछ कैदियों को सदाचरण के आधार पर छोड़ने के लिए प्रक्रिया शुरू की गई थी. विभिन्न प्रक्रिया पूरी करने के बाद 35 कैदियों को छोड़ने के लिए प्रदेश सरकार ने हरी झंडी दी थी. हालांकि ने 26 जनवरी को छोड़ा जाना था, लेकिन किन्हीं कारणों के चलते कैदियों की रिहाई नहीं हो सकी थी.
रिहा होने वाले ज्यादातर दहेज हत्या में सजा काट रहे थे जबकि कुछ हत्या और जानलेवा हमले में सजा काट रहे थे. जेल अधीक्षक एसएचएम रिजवी ने बताया कि 35 कैदियों को रिहा किया गया है. ये वे कैदी हैं, जो 16 वर्ष की सजा काट चुके हैं. उन्हें शासन के आदेश पर रिहा किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि एक साथ 35 कैदियों की रिहाई का शायद यह पहला मौका है.
खुशी में सो नहीं सके कैदी
वहीं रिहा होने वाले कैदियों में जबरदस्त खुशी की लहर देखने को मिली. इतना ही नहीं, रिहा होने से एक दिन पहले कैदी रात भर बैरक में खुशी से सो तक नहीं सके. करीब 18 साल बाद पिता से गले लगकर शिवांगी की आंखों से आंसू छलक उठे. 26 साल की सजा काट कर रिहा हुए कानपुर के सुनील माली ने बताया कि मेरा पूरा परिवार ही इस बीच खत्म हो गया है. अब तो पूरी जिंदगी खराब हो गई है. बाहर आकर भी अब किसके सहारे जिंदगी काटेंगे.