इटावा: महानंदा एक्सप्रेस में यात्रा के दौरान गर्भवती महिला ने प्रसव पीड़ा के बाद चलती ट्रेन के एसी कोच के शौचालय में बेटे को जन्म दिया. जच्चा बच्चा दोनों सुरक्षित हैं. उन्हें आरपीएफ की मदद से जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इटावा जंक्शन पर ट्रेन के रुकने पर रेलवे के डॉक्टर ने आरपीएफ महिला कॉन्स्टेबल की मदद से जच्चा बच्चा को प्राथमिक उपचार देकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. महिला अपने भाई और चार बच्चों के साथ पुरानी दिल्ली से बारसोई कटिहार घर जा रही थी.
दरअसल, कटिहार जाने वाली महानंदा एक्सप्रेस में यात्रा कर रही मोहनपुर कटिहार बिहार की रहने वाली अफसाना खातून (31) पत्नी शकरातू ने बुधवार को दोपहर ट्रेन के अंदर बेटे को जन्म दिया. वह ट्रेन के ए-1 एसी कोच में अपने भाई साहिल और चार बच्चों अफसरुल (11), शकीना (5), शकीरा (4) और अफसर (3) के साथ यात्रा कर रही थी. सुबह सात बजकर 35 मिनट पर पुरानी दिल्ली से ट्रेन चली थी और टूंडला स्टेशन निकलने के बाद महिला को प्रसव पीढ़ा होने लगी.
भाई साहिल ने बताया कि बहन कोच के अंदर बने शौचालय में गई तो उसने वहीं बेटे को जन्म दिया. इस पर ट्रेन के टीटीई को इसकी सूचना दी गई. टीटीई ने कंट्रोल रूम को सूचना दी. इटावा जंक्शन पर ट्रेन के रुकने पर आरपीएफ महिला कॉन्स्टेबल के साथ डॉक्टरों की टीम ने कोच में बहन का उपचार किया. बाद में नवजात और बहन को एंबुलेंस से जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. साहिल ने बताया कि वह अपने जीजा के साथ दिल्ली में एक होटल में खाना बनाने का काम करता है. आरपीएफ इंस्पेक्टर गजेन्द्र पाल सिंह ने बताया कि महानंदा एक्सप्रेस के टीटीई ने स्टेशन अधीक्षक को सूचना दी. इसके बाद महिला कॉन्स्टेबल और डॉक्टरों की मदद से सुरक्षित डिलीवरी कराई गई. एंबुलेंस और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की गई. मां और नवजात को अस्पताल ले जाया गया, जहां दोनों स्वस्थ हैं.
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