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लाश एक, दावेदार दो, अंतिम संस्कार के बाद दूसरा परिवार आया सामने, बोला- शव उनके बेटे का था

इटावा में फ्रेंड्स कॉलोनी पुलिस चौकी इंचार्ज की लापरवाही (Negligence of Etawah Police) से एक शव के दो दावेदार सामने आ गए हैं. वहीं शव का अंतिम संस्कार कराया जा चुका है. फिलहाल एसएसपी ने एएसपी और सीओ सिटी को जांच सौंपी है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 9, 2024, 1:10 PM IST

इटावा पुलिस की लापरवाही से एक शव के दो दावेदार, पुलिस ने कही यह बात.

इटावा : थाना फ्रेंड्स काॅलोनी क्षेत्र में छह दिन पूर्व महेरा फाटक के पास रेलवे ट्रैक पर 38 वर्षीय अज्ञात युवक का शव मिला था. पुलिस की लापरवाही से शव दूसरे को सौंप दिया गया. शव का अंतिम संस्कार भी हो चुका है. इस बीच सोमवार को औरैया निवासी दूसरे परिवार ने थाना फ्रेंड्स काॅलोनी पहुंचकर शव उनके बेटे का होने का दावा कर दिया. इससे मामले में नया मोड़ आ गया. शव को चार जनवरी को शहर के आवास विकास काॅलोनी निवासी एक परिवार ने अपने बेटे के रूप में पहचान करके पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार करा दिया था. इससे अब थाना पुलिस के पैरों तले जमीन खिसक गई है. दूसरे पक्ष ने बिना जांच के शव दिए जाने पर पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है. एसएसपी ने मामले में एएसपी सिटी और सीओ सिटी को जांच सौंपी है. (Negligence of Etawah Police)

यही आधार कार्ड दिखाकर ले गए शव.
यही आधार कार्ड दिखाकर ले गए शव.


जानकारी के अनुसार अड्डा श्यामलाल के पास दो जनवरी को रेलवे लाइन पर एक युवक का शव पड़ा मिला था. युवक की जेब से 35 रुपये मिले थे और अन्य कोई सामान बरामद नहीं हुआ था. ट्रेन की चपेट में आने से क्षत-विक्षत शव की पहचान न होने पर थाना पुलिस ने शिनाख्त के लिए 72 घंटे के लिए मोर्चरी में रखवा दिया था. 4 जनवरी की शाम चार बजे को सिविल लाइन थाना क्षेत्र के आवास विकास काॅलोनी के रहने वाले दीन दयाल पुत्र सुरेश कुमार ने थाने पहुंचकर अज्ञात शव की पहचान बेटे अतुल कुमार का होने का दावा किया और बताया कि उनका बेटा दो दिन से घर नहीं लौटा है. पुलिस ने मोर्चरी में रखे शव को दिखाया तो दीनदयाल द्वारा कपड़ों और शव को देखकर उसकी पहचान अपने बेटे के रूप में किए जाने का दावा किया गया. साथ ही आधार कार्ड भी नाम का दिखाया गया. जिस पर पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव उन्हें सौंप दिया और परिजनों ने घर ले जाकर अंतिम संस्कार भी कर दिया.

एफआईआर की काॅपी.
एफआईआर की काॅपी.


छह दिन बाद सोमवार सुबह अपने लापता पुत्र सत्यवीर को खोजते हुए तेज का पुरवा अटसू थाना अजीतमल जनपद औरैया के निवासी पिता रूपराम, भाई धर्मवीर एवं कप्तान सिंह अपने भांजे जीतू राजपूत व अन्य परिजनों के साथ थाना फ्रेंड्स काॅलोनी पहुंचे. उन्होंने पुलिस को महेरा फाटक पर मिले शव को अपने भाई सत्यवीर राजपूत का होना बताया. उन्होंने बताया कि सत्यवीर मंदबुद्धि था और उसे दौरे भी आते थे. वह एक जनवरी को अपनी बहन के घर आया था, जहां से लापता हो गया था. इस बाबत थाना अजीतमल में गुमशुदगी भी दर्ज कराई थी. उसके बाद इंटरनेट मीडिया और अखबार के माध्यम से फोटो देखकर पता चला कि थाना फ्रेंड्स काॅलोनी में ट्रेन से कटकर उनकी मौत हो गई है. इस पर जब यहां पहुंचे तो पता चला कि उनके भाई के शव को अतुल पुत्र दीनदयाल निवासी आवास विकास काॅलोनी ले गए हैं और शव का अंतिम संस्कार कर दिया है. एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने बताया कि मामले की जांच एसपी सिटी अभयनाथ त्रिपाठी व सीओ सिटी अमित कुमार सिंह को दी गई है. जांच रिपोर्ट आने के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.







यह भी पढ़ें : कोर्ट में फर्जी वाद दायर कर ठगी के आरोपी शातिर पिता और पुत्र गिरफ्तार

इटावाः महिला सिपाही ने ही बहनों के साथ मिलकर की थी कॉन्सटेबल की हत्या

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इटावा : थाना फ्रेंड्स काॅलोनी क्षेत्र में छह दिन पूर्व महेरा फाटक के पास रेलवे ट्रैक पर 38 वर्षीय अज्ञात युवक का शव मिला था. पुलिस की लापरवाही से शव दूसरे को सौंप दिया गया. शव का अंतिम संस्कार भी हो चुका है. इस बीच सोमवार को औरैया निवासी दूसरे परिवार ने थाना फ्रेंड्स काॅलोनी पहुंचकर शव उनके बेटे का होने का दावा कर दिया. इससे मामले में नया मोड़ आ गया. शव को चार जनवरी को शहर के आवास विकास काॅलोनी निवासी एक परिवार ने अपने बेटे के रूप में पहचान करके पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार करा दिया था. इससे अब थाना पुलिस के पैरों तले जमीन खिसक गई है. दूसरे पक्ष ने बिना जांच के शव दिए जाने पर पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है. एसएसपी ने मामले में एएसपी सिटी और सीओ सिटी को जांच सौंपी है. (Negligence of Etawah Police)

यही आधार कार्ड दिखाकर ले गए शव.
यही आधार कार्ड दिखाकर ले गए शव.


जानकारी के अनुसार अड्डा श्यामलाल के पास दो जनवरी को रेलवे लाइन पर एक युवक का शव पड़ा मिला था. युवक की जेब से 35 रुपये मिले थे और अन्य कोई सामान बरामद नहीं हुआ था. ट्रेन की चपेट में आने से क्षत-विक्षत शव की पहचान न होने पर थाना पुलिस ने शिनाख्त के लिए 72 घंटे के लिए मोर्चरी में रखवा दिया था. 4 जनवरी की शाम चार बजे को सिविल लाइन थाना क्षेत्र के आवास विकास काॅलोनी के रहने वाले दीन दयाल पुत्र सुरेश कुमार ने थाने पहुंचकर अज्ञात शव की पहचान बेटे अतुल कुमार का होने का दावा किया और बताया कि उनका बेटा दो दिन से घर नहीं लौटा है. पुलिस ने मोर्चरी में रखे शव को दिखाया तो दीनदयाल द्वारा कपड़ों और शव को देखकर उसकी पहचान अपने बेटे के रूप में किए जाने का दावा किया गया. साथ ही आधार कार्ड भी नाम का दिखाया गया. जिस पर पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव उन्हें सौंप दिया और परिजनों ने घर ले जाकर अंतिम संस्कार भी कर दिया.

एफआईआर की काॅपी.
एफआईआर की काॅपी.


छह दिन बाद सोमवार सुबह अपने लापता पुत्र सत्यवीर को खोजते हुए तेज का पुरवा अटसू थाना अजीतमल जनपद औरैया के निवासी पिता रूपराम, भाई धर्मवीर एवं कप्तान सिंह अपने भांजे जीतू राजपूत व अन्य परिजनों के साथ थाना फ्रेंड्स काॅलोनी पहुंचे. उन्होंने पुलिस को महेरा फाटक पर मिले शव को अपने भाई सत्यवीर राजपूत का होना बताया. उन्होंने बताया कि सत्यवीर मंदबुद्धि था और उसे दौरे भी आते थे. वह एक जनवरी को अपनी बहन के घर आया था, जहां से लापता हो गया था. इस बाबत थाना अजीतमल में गुमशुदगी भी दर्ज कराई थी. उसके बाद इंटरनेट मीडिया और अखबार के माध्यम से फोटो देखकर पता चला कि थाना फ्रेंड्स काॅलोनी में ट्रेन से कटकर उनकी मौत हो गई है. इस पर जब यहां पहुंचे तो पता चला कि उनके भाई के शव को अतुल पुत्र दीनदयाल निवासी आवास विकास काॅलोनी ले गए हैं और शव का अंतिम संस्कार कर दिया है. एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने बताया कि मामले की जांच एसपी सिटी अभयनाथ त्रिपाठी व सीओ सिटी अमित कुमार सिंह को दी गई है. जांच रिपोर्ट आने के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.







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