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इटावाः चंबल नदी खतरे के निशान से ऊपर, सात गांव बाढ़ की चपेट में - etawah news

उत्तर प्रदेश के इटावा में चंबल नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. वहीं बढ़े जलस्तर के कारण नदी के किनारे के सात गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. दरअसल राजस्थान के कोटा बैराज से पानी छोड़ा गया है.

इटावा में सात गांव बाढ़ की चपेट में.
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Published : Sep 17, 2019, 4:53 AM IST

Updated : Sep 4, 2020, 12:24 PM IST

इटावाः राजस्थान के कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण जिले में चबंल नदी ने अपना रौद्र रूप धारण कर लिया है. चंबल नदी खतरे के निशान से 127 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. इससे इटावा में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. वहीं किसानों की हजारों एकड़ भूमि जल मग्न हो गयी है.

इटावा में सात गांव बाढ़ की चपेट में.

इसे भी पढ़ें- बाढ़ प्रभावित लोगों का सरकार पर आरोप, 'नहीं मिल रहा पर्याप्त राशन'

चंबल ने अपना रौद्र रूप धारण किया

  • चबंल नदी के किनारे बसे सात गांव जिला मुख्यालय से कट गए हैं.
  • इन गांवों में राहत समाग्री पहुंचाने के लिए प्रशासन ने नावों की व्यवस्था की है.
  • बढ़ते जल स्तर को देखकर जिला प्रशासन दो दिन पूर्व से ही अलर्ट में आ गया था.
  • मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि प्रभावित इलाकों में खाद्य समाग्री पहुंचाई जा रही है.
  • साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी बाढ़ ग्रस्त इलाकों में कैंप कर रही हैं.

इटावाः राजस्थान के कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण जिले में चबंल नदी ने अपना रौद्र रूप धारण कर लिया है. चंबल नदी खतरे के निशान से 127 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. इससे इटावा में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. वहीं किसानों की हजारों एकड़ भूमि जल मग्न हो गयी है.

इटावा में सात गांव बाढ़ की चपेट में.

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चंबल ने अपना रौद्र रूप धारण किया

  • चबंल नदी के किनारे बसे सात गांव जिला मुख्यालय से कट गए हैं.
  • इन गांवों में राहत समाग्री पहुंचाने के लिए प्रशासन ने नावों की व्यवस्था की है.
  • बढ़ते जल स्तर को देखकर जिला प्रशासन दो दिन पूर्व से ही अलर्ट में आ गया था.
  • मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि प्रभावित इलाकों में खाद्य समाग्री पहुंचाई जा रही है.
  • साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी बाढ़ ग्रस्त इलाकों में कैंप कर रही हैं.
Intro:इस स्टोरी की स्क्रिप्ट भी wrap से भेजी गई है।
एंकर-राजस्थान के कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण इटावा जिले में चम्बल नदी ने अब अपना रौद्र रूप धारण कर लिया है।इटावा जिले में चम्बल नदी अब खतरे के निशान से 127 मीटर ऊपर बह रही है।इसलिए अब इटावा में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।किसानों की हजारों एकड़ भूमि जल मग्न हो गयी है।चम्बल नदी के किनारे बसे 7 गाँवों जिला मुख्यालय से कट गए हैं।इन गांवों में राहत सामिग्री पहुंचाने के लिये प्रशासन ने नावों की व्यवस्था की है।गाँवों में पानी घुस गया है।गत शनिवार से चम्बल नदी में बढ़ते जल स्तर को देखकर जिला प्रशासन दो दिन पूर्व से ही एलर्ट की भूमिका में आ गया था।ग्रामीणों ने बताया कि उनके गाँव टापू की शक्ल में आ गए हैं।लेकिन जिला प्रशासन भी उनकी मदद के लिये नावों के सहारे गाँव समय से पहुंच गया है।इटावा के मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि पूरे जनपद में चम्बल नदी के किनारे बसे अभी कुल सात गाँव ही बाढ़ से प्रभावित हैं।प्रभावित इलाकों में खाद्य सामिग्री पहुंचाई जा रही है।साथ ही स्वास्थ विभाग की टीमें भी बाढ़ ग्रस्त इलाको में कैम्प कर रहीं हैं।
Body:वाइट-(1)-बाढ़ से प्रभावित ग्रामीण
(2)-बाढ़ से प्रभावित महिला
(3)-राजा गणपति आर(मुख्य विकास अधिकारी)Conclusion:मोब न0 8445980843।
Last Updated : Sep 4, 2020, 12:24 PM IST
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